How much sugar is healthy per day: मीठा खाना सभी को पसंद होता है लेकिन आजकल डायबिटीज का खतरा इतना बढ़ गया है कि मीठे से लोग डरने लगे हैं. फिर भी बहुत सारे लोग हैं जिन्हें मीठे की ऐसी क्रेविंग उठती है कि वे रोजाना बिना मीठा खाए नहीं रह पाते. जबकि बहुत सारे लोग रोजाना मिठाई तो नहीं खाते लेकिन चीनी, शक्कर, गुड़ या शुगर सब्स्टीट्यूट के रूप में शुगर जरूर लेते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि आपको रोजाना डाइट में कितनी शुगर लेनी चाहिए? आखिर कितने चम्मच चीनी, गुड़ या शक्कर रोजाना लेना सेहत के लिए सुरक्षित है? तो आइए जानते हैं..
आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन ने हाल ही में डायटरी गाइडलाइंस फॉर इंडियंस 2024 जारी की हैं. जिनमें भारतीय लोगों के लिए एक दिन में शुगर इंटेक की मात्रा भी तय की गई है. इन गाइडलाइंस में बताया गया है कि अगर इस तय मात्रा से ज्यादा आप शुगर, चीनी या शक्कर रोजाना लेते हैं तो वह आपकी हेल्थ के लिए ठीक नहीं है और उसका खराब असर आपको डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी तक दे सकता है.
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गाइडलाइंस के अनुसार एक दिन में कोई भी व्यक्ति अगर 2000 कैलोरी फूड लेता है और इस एनर्जी इंटेक का 5 फीसदी से ज्यादा शुगर लेता है तो यह हाई शुगर कहलाता है. एक व्यक्ति को एक दिन में 25 ग्राम शुगर से ज्यादा नहीं लेना चाहिए. अगर इसे सामान्य भाषा में समझें तो रोजाना डाइट में 2 बड़े चम्मच से ज्यादा शुगर शामिल करना नुकसानदेह हो सकता है. गाइडलाइंस में कहा गया कि डब्ल्यूएचओ भी शुगर कंजप्शन की अपनी पुरानी सिफारिशों को रिवाइज के बारे में सोच रहा है और इसे 25 ग्राम प्रति दिन पर लाने की सिफारिश कर सकता है.
एडेड शुगर को पूरी तरह हटाना फायदेमंद
गाइडलाइंस कहती हैं कि एडेड शुगर में चीनी, गुड़, शहद, ग्लूकोज, फ्रूक्टोज, डेक्सट्रोज, शुगर सिरप आदि चीजें आती हैं. अगर स्वस्थ रहना है तो कोशिश करें कि अपनी रोजाना के भोजन में से इस एडेड शुगर को पूरी तरह हटा दें. क्योंकि इनमें कैलोरी तो होती है लेकिन विटामिन, मिनरल या फाइबर नहीं होते.
नेचुरल शुगर है सेफ
डायटरी गाइडलाइंस 2024 कहती हैं कि नेचुरल शुगर ग्लूकोज, फ्रूक्टोज आदि सिंगल शुगर मॉलीक्यूल्स के साथ फलों में पाई जाती है. जबकि दो सिंपल शुगर मॉलीक्यूल्स वाली सुक्रोज और लैक्टाज दूध आदि में पाई जाती है. ऐसे में डाइट में नेचुरल शुगर का इस्तेमाल करना सुरक्षित और फायदेमंद दोनो है.
कृत्रिम मिठास के भी होते हैं साइड इफैक्ट्स
जहां तक शुगर सब्स्टीट्यूट्स या आर्टिफिशियल स्वीटनर्स जैसे सैकरीन, एस्पार्टम, एल्कोहॉल आदि की बात करें तो इनमें लो कैलोरी होती है लेकिन स्टडीज बताती हैं कि लंबे समय तक इनका इस्तेमाल ओबेसिटी, मोटापा, हाइपरटेंशन और डायबिटीज जैसी बीमारियां पैदा कर सकता है. इसलिए बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं को इनसे बचना चाहिए.
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Tags: Blood Sugar, Diabetes, Health News, ICMR, Sugar
FIRST PUBLISHED :
May 10, 2024, 18:14 IST