नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, दो दिन पहले दिल्ली शराब घोटाले में कथित अनियमितताओं के संबंध में उनके खिलाफ अलग-अलग मामलों में एक विशेष अदालत द्वारा उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ के समक्ष अधिवक्ता रजत भारद्वाज ने याचिका का उल्लेख किया. भारद्वाज ने कहा कि यह विधायक द्वारा जमानत याचिका है. चुनाव चल रहे हैं.
कोर्ट में पेश किए गए सभी दस्तावेजों को देखने के बाद हाईकोर्ट शुक्रवार को मामले की सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की है. मंगलवार को निचली अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए फैसला सुनाया था कि सिसोदिया ने व्यक्तिगत रूप से और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर दिल्ली शराब घोटाले से संबंधित अदालती कार्यवाही में देरी कर रहे हैं.
जनवरी में दायर अपनी दूसरी जमानत याचिका में पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दलील दी थी कि ईडी के आश्वासन के बावजूद मुकदमे की शुरुआत में देरी कर रही है और कहा था कि यह केस 6 से 8 महीनों के भीतर समाप्त हो जाएगा. निचली अदालत ने सिसोदिया की सभी दलीलों को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने आदेश में कहा कि सिसोदिया और अन्य आरोपियों ने साथ मिलकर लगातार एक या दूसरे आवेदन/मौखिक अर्जियां देकर मामले में देरी कर रहे हैं.
सिसोदिया के इस तर्क को खारिज करते हुए कि शीर्ष अदालत के 30 अक्टूबर, 2023 के आदेश के अनुसार, वह जमानत मांगने के हकदार हैं यदि मुकदमा लंबा खिंचता है और अगले तीन महीनों में धीमी गाति से केस बढ़ता है. विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने टिप्पणी की कि मामले की लगातार प्रगति को बाधित करने के प्रयासों के बावजूद, केस को लेबल की गारंटी नहीं देती है.
सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को सिसोदिया को गिरफ्तार किया और कहा कि मामले में कई सबूत बरामद किए गए हैं और निष्पक्ष जांच के लिए उनकी हिरासत की आवश्यकता है. इसके बाद में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया को तिहाड़ जेल भेज दिया, जहां से उन्हें 9 मार्च 2023 को ईडी ने गिरफ्तार किया, जो कथित मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में पॉलिसी की अलग से जांच कर रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
May 2, 2024, 18:01 IST