सर हमारे अफसर SC में बिजी... ED ने HC में दी दलील, फिर सिसोदिया ने की शिकायत

1 week ago

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को आबकारी नीति मामले में जेल में बंद मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए ईडी और सीबीआई को और समय प्रदान किया. मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष ईडी और सीबीआई के वकील ने गुहार लगाई कि उन्हें अपना जवाब दाखिल करने के लिए और मोहलत दी जाए. जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने ही 3 मई को दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियों को नोटिस जारी कर मनीष सिसोदिया की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा था और मामले की सुनवाई की तारीख आज यानी बुधवार तय किया था.

जब ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के वकीलों ने जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा को सूचित किया कि उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए और समय चाहिए तो इस पर मनीष सिसोदिया के वकील ने विरोध जताया. सीबीआई-ईडी के वकीलों के अनुरोध का मनीष सिसोदिया के वकील ने विरोध कर कहा कि वह (सिसोदिया) जेल में कैद हैं, जबकि ईडी और और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि छह महीने में सुनवाई पूरी हो जाएगी.

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इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘प्रतिवादियों ने जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा है. कहा गया है कि ईडी मामले में एक सह-अभियुक्त के संबंध में एक और अभियोजन शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया में है.’ अदालत ने कहा, ‘आरोपी हिरासत में है, इसके बावजूद प्रतिवादियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार और दिन दिए गए हैं. सोमवार तक अदालत में जवाब दाखिल किया जाए और दूसरे पक्ष को एक अग्रिम प्रति भी सोमवार तक मुहैया कराई जाए.’ अदालत ने मामले को 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.

शुरुआत में ईडी के वकील ने कहा कि उन्होंने एक याचिका दायर की है. याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा गया है. ईडी के वकील ने कहा कि जांच अधिकारी पूरी तरह से जांच कर रहे हैं और वे मामले में पूरक अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दाखिल करने की प्रक्रिया में भी हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारी सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई में भी व्यस्त थे. सीबीआई के वकील ने भी अदालत से एजेंसी को जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय देने का भी आग्रह किया.

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बता दें कि मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के 30 अप्रैल वाले आदेश को चुनौती दी है, जिसमें अदालत ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. अदालत ने कहा था कि मनीष सिसौदिया को जमानत देने के लिए सही समय नहीं है. हालांकि, हाईकोर्ट ने याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान अपनी बीमार पत्नी से सप्ताह में एक बार हिरासत में मिलने के लिए निचली अदालत द्वारा सिसोदिया को दी गई अंतरिम राहत को जारी रखा था. मनीष सिसोदिया ने एक अंतरिम आवेदन में अदालत से अनुरोध किया था कि वह निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखे, जिसमें उन्हें अपनी याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान हिरासत में रहते हुए बीमार पत्नी से सप्ताह में एक बार मिलने की अनुमति दी गई थी.

Tags: Manish sisodia, Manish sisodia case

FIRST PUBLISHED :

May 8, 2024, 13:30 IST

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