हम अंतरिम जमानत दे सकते...केजरीवाल पर बोला SC, तुषार मेहता ने किया विरोध

1 week ago
तुषार मेहता ने अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का विरोध किया.तुषार मेहता ने अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का विरोध किया.

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलेगी या नहीं, कुछ देर में सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना देगा. इससे पहले ईडी और अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलें दीं. वहीं, केंद्र की ओर से पेश हुए एसजी तुषार मेहता ने दिल्ली शराब घोटाला केस में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत की सुनवाई का विरोध किया और कहा कि यह सही नहीं है. उनके (सीएम अरविंद केजरीवाल) साथ भी आम आदमी की तरह ही बर्ताव होना चाहिए. दरअसल, तुषार मेहता ने यह तब कहा, जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह असाधारण स्थिति है.

दरअसल, अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत मामले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस खन्ना ने टिप्पणी की कि यह एक असाधारण स्थिति है और वह दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं. इनके खिलाफ कोई और केस भी नहीं है. जस्टिस संजीव खन्ना ने टिप्पणी की कि हम कह सकते हैं कि गिरफ्तारी सही थी और फिर भी अंतरिम जमानत दे सकते हैं और फिर खुद को सुधार सकते हैं. हम कर सकते हैं. इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत से कोई गलत संदेश नही जाना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो ये दुर्भाग्यपूर्ण होगा.

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इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कोई कमेंट नहीं करना चाहते हैं. हम आपकी आपातियों को समझते हैं. इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि आप इसको अपवाद मत बनाइए. ये एक आम आदमी को हतोत्साहित करेंगे. यानी अगर आप मुख्यमंत्री हैं तो आपको अलग ट्रीटमेंट मिलेगा. अगर ऐसा हुआ तो देश का हर नागरिक जमानत मांगते हुए याचिका दाखिल करेगा. तुषार मेहता ने अंतरिम जमानत की सुनवाई का विरोध करते हुए कहा कि उनके साथ आम आदमी की तरह बर्ताव हो. क्या चुनाव में कैंपेन ज्यादा जरूरी हैं? देश की जेलों में पांच हजार नेता बंद होंगे.

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सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस खन्ना ने आगे कहा कि हम इस केस को तुरंत डिसाइड नहीं कर सकते. नेशनल चुनाव हर पांच साल बाद आते हैं. ये कोई फसल नहीं है, जो हर 6 महीने बाद बोई जाती हो. ये पूरी तरह अलग मामला है. इसके बाद एसजी तुषार मेहता ने कहा कि अगर एक किसान को अपने खेत की देखभाल करनी है और एक किराना दुकान के मालिक को अपनी दुकान पर जाना है तो एक मुख्यमंत्री को आम आदमी से अलग कैसे माना जा सकता है. क्या हम राजनेताओं के एक वर्ग के लिए ए वर्ग के रूप में एक अपवाद बना रहे हैं, क्या चुनाव प्रचार उस व्यक्ति से अधिक महत्वपूर्ण होगा जो किराना दुकान चलाना चाहता है?

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सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि 9 समन के बाद और 6 महीने ये (अरविंद केजरीवाल) जांच एजेंसी के पास पेश नही हुए हैं, वो भी हम रिकॉर्ड पर ले रहे हैं. जस्टिस खन्ना ने कहा कि हम असाधारण परिस्थितियों में अंतरिम जमानत देते हैं. ये समय दोबारा नहीं आएगा. आदतन अपराधियों की बात अलग है. मान लीजिए अगर हम फैसला सुरक्षित रखते हैं वो हमें सुनना होगा. लेकिन ये भी देखना होगा कि ये पीरियड वापस नहीं होगा. हम असाधारण मामले में अंतरिम जमानत देते रहे हैं. अरविंद कोई आदतन अपराधी नहीं है.

Tags: Arvind kejriwal, Delhi liquor scam, Supreme Court

FIRST PUBLISHED :

May 7, 2024, 14:07 IST

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