हिंदू फैमिली को मिलती है स्‍पेशल टैक्‍स छूट, बचा सकते हैं लाखों रुपये

1 week ago

हाइलाइट्स

HUF का फायदा लेने के लिए आपको अलग पैन बनवाना पड़ेगा.इसी पैन के जरिये आपको फाइनेंस से जुड़े सारे काम करने होंगे. HUF के तहत परिवार का मुखिया कर्ता माना जाएगा और बाकी सदस्‍य.

नई दिल्‍ली. इनकम टैक्‍स भरने और रिटर्न फाइल करने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. 31 जुलाई से पहले सभी करदाताओं को अपना टैक्स रिटर्न भरना होगा. आईटीआर भरते समय हर करदाता की यही कोशिश होती है कि कैसे टैक्‍स बचाया जाए. इसके लिए बाकायदा सीए भी खूब माथापच्‍ची करते हैं, लेकिन क्‍या आपको पता है कि हिंदू परिवारों को अलग से टैक्‍स छूट मिलती है. वह भी हजारों में नहीं लाखों रुपये इसके जरिये आप टैक्‍स बचा सकते हैं. यह छूट किसी खास परिवार के लिए नहीं है, बल्कि देश का कोई भी हिंदू परिवार फायदा उठा सकता है. हिंदुओं के अलावा जैन और सिखों को भी इसका फायदा मिलता है. तभी तो एआईएमईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इस व्‍यवस्‍था को खत्‍म करने या मुस्लिमों को भी इसका फायदा देने की अपील की है.

आयकर मामलों के जानकार बलवंत जैन बताते हैं कि देशइनकम टैक्‍स कानून में अविभाज्‍य हिंदू परिवारों (HUF) के लिए अलग से प्रावधान है. कोई भी हिंदू परिवार HUF के तहत खाता खोल सकता है और इसमें किए गए ट्रांजेक्‍शन, कमाई आदि को एक अलग व्‍यक्ति के तौर पर माना जाता है. जाहिर है कि उसे वह सभी टैक्‍स छूट भी मिलती है, जो किसी व्‍यक्गित करदाता को दी जाती है. चाहे 80सी का फायदा हो या लांग टर्म कैपिटल गेन या फिर 2.5 लाख की बेसिक छूट. एक HUF यह सारे फायदे उठा सकता है.

ये भी पढ़ें – बहुत सयाने हैं देश के युवा, निवेश में अपनाते हैं ऐसी रणनीति कि न रहे नुकसान का डर, खुद लेते हैं फैसला

कैसे उठाएं इसका फायदा
HUF का फायदा लेने के लिए आपको अलग पैन बनवाना पड़ेगा. इसी पैन के जरिये आपको फाइनेंस से जुड़े सारे काम करने होंगे. HUF के तहत परिवार का मुखिया कर्ता माना जाएगा और बाकी सभी उसके सदस्‍य होंगे. परिवार में किसी के पैदा होने या शादी के बाद शामिल होते ही वह भी HUF का सदस्‍य मान लिया जाएगा. इस तरह आप HUF खाते के तहत एक अलग व्‍यक्ति के तौर पर निवेश और टैक्‍स छूट का काम शुरू कर सकते हैं.

कैसे काम करता है HUF कानून
HUF के तहत आप एक अलग व्‍यक्ति के तौर पर निवेश और टैक्‍स छूट क्‍लेम कर सकते हैं. लेकिन, ध्‍यान रखना होगा कि आप अपने कमाए पैसों को इसमें डालकर टैक्‍स छूट नहीं ले सकते हैं. अब हम बात करते हैं आखिर कैसे छूट ली जा सकती है. मान लीजिए आप नौकरी करते हैं और आपकी कमाई 10 लाख सालाना है. नौकरी के साथ अपने अपना कोई साइड बिजनेस शुरू किया तो अमूमन इसकी कमाई भी आपके ही खाते में जुड़ जाती है और अगर 5 लाख भी कमाई हुई तो आप सीधे 15 लाख के हाई टैक्‍स स्‍लैब में पहुंच जाएंगे. ऊपर से आपको इस 5 लाख की कमाई पर कोई छूट भी नहीं मिलेगी, क्‍योंकि आप पहले ही 10 लाख वाली कमाई पर सारी छूट ले चुके हैं.

अगर आप HUF खाता खुलवाकर और साइड बिजनेस को इसके नाम पर चलाते हैं तो 5 लाख तक की कमाई पूरी तरह टैक्‍स फ्री हो जाएगी. HUF को एक व्‍यक्ति माना जाता है तो उसे भी 2.5 लाख की बेसिक टैक्‍स छूट दी जाएगी. इसके अलावा बाकी 2.5 लाख पर 12,500 रुपये का रिबेट भी मिलेगा और टैक्‍स देनदारी शून्‍य हो जाएगी. लेकिन, ध्‍यान रहे कि अपनी सैलरी का पैसा इस खाते में डालकर टैक्‍स छूट क्‍लेम नहीं कर सकते. HUF के तहत टैक्‍स छूट के लिए जरूरी है कि कमाई भी HUF के जरिये ही हुई हो.

कहां-कहां मिलती है टैक्‍स छूट

इनकम टैक्‍स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख की टैक्‍स छूट जिसमें जीवन बीमा, एफडी, पीपीएफ, छोटी बचत योजनाएं, होम लोन और ईएलएसएस के जरिये किया गया निवेश शामिल है. धारा 80डीडी के तहत आप अपने और परिवार के हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पर 25 हजार और बुजुर्ग माता-पिता के हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्रीमियम पर 50 हजार की छूट ले सकते हैं. HUF के नाम पर मकान खरीद सकते हैं, जिसके ब्‍याज भुगतान पर आपको धारा 24बी के तहत 2 लाख की टैक्‍स छूट मिल जाती है. धारा 54एफ के तहत शेयर अथवा इक्विटी वाले फंड में निवेश करते हैं तो सालाना 1 लाख रुपये का लांग टर्म कैपिटल गेन भी टैक्‍स के दायरे से बाहर रहेगा. इसके ऊपर की कमाई पर 10 फीसदी टैक्‍स लगेगा. HUF के नाम पर भी आप 2 प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं, जिस पर टैक्‍स छूट रहती है. इससे ज्‍यादा की प्रॉपर्टी पर आपको नेशनल रेंट के हिसाब से टैक्‍स चुकाना होता है.

क्‍यों बनाया गया HUF कानून
HUF का प्रावधान अंग्रेजों के जमाने में शुरू किया गया था. तब ज्‍यादातर संयुक्‍त परिवार होते थे और एक परिवार ढेर सारे लोग होने के साथ उनकी कमाई का जरिया भी अलग-अलग होता था. ऐसे में अंग्रेजों को टैक्‍स वसूलने में दिक्‍कत आती थी तो उन्‍होंने पूरे परिवार को एक ही व्‍यक्ति मान लिया और HUF का कांसेप्‍ट आया. इसके तहत सभी से समान रूप से टैक्‍स वसूल लिया जाता और कोई दिक्‍कत नहीं होती. चूंकि, हिंदू एक्‍ट में इस तरह का प्रावधान था, इसलिए आजादी के बाद भी इसे इनकम टैक्‍स में बाकायदा कानून के रूप में शामिल कर लिया गया. हालांकि, बहुत कम ही करदाता इस छूट का फायदा उठा रहे हैं.

Tags: Business news in hindi, Income tax, Income tax exemption, Income tax return

FIRST PUBLISHED :

May 10, 2024, 17:43 IST

Read Full Article at Source