1.60 लाख अवैध कब्जों पर चलेगा बुलडोजर? सुक्खू सरकार ने बताया बचने का रास्ता

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Last Updated:December 04, 2025, 11:19 IST

जगत सिंह नेगी और सीएम ने सदन में दिया आश्वासन, सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी फाइल करेगी कांग्रेस सरकार, बीजेपी विधायक जीत राम कटवाल ने प्रश्नकाल के दौरान उठाया मुद्दा

1.60 लाख अवैध कब्जों पर चलेगा बुलडोजर? सुक्खू सरकार ने बताया बचने का रास्ताअवैध कब्जों पर गर्माया सदन, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खूब चले जुबानी तीर, नेता प्रतिपक्ष बोले- सरकार 1.25 लाख लोगों के लिए गंभीर नहीं, मंत्री जगत सिंह नेगी बोले- भाजपा की मंशा में खोट

धर्मशाला. हिमाचल प्रदेश विधान सभा के शीतकालीन सत्र के छठे दिन अवैध कब्जों को नियमित करने के मुद्दे पर सदन एक बार फिर गर्मा गया. इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खूब जुबानी तीर चले. झंडूता से बीजेपी विधायक जीत राम कटवाल ने प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाया. इस पर नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और सीएम के बीच काफी देर तक बहस होती रही.

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि 1 लाख 25 हजार लोगों के मुद्दे पर सरकार गंभीर नहीं है और हाईकोर्ट में भी सरकार आम लोगों का पक्ष सही से नहीं रख पाई. इस पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सदन में कहा कि इस मामले पर पूर्व की बीजेपी सरकार ने जो कानून बनाया, उसे हाईकोर्ट ने निरस्त किया. अब हमारी सरकार सुप्रीम कोर्ट में 1 लाख 24 हजार 780 लोगों के हकों की लड़ाई लड़ रही है. सीएम ने भी सदन को आश्वासन दिया कि हिमाचलवासियों के हितों की लड़ाई मजबूती से लड़ी जाएगी, 1 लाख 24 हजार नहीं, बल्कि 1 लाख 60 हजार लोगों के हित्तों की रक्षा की जाएगी.

सदन से बाहर आकर नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार इस पर केवल राजनीतिक बयानबाजी कर रही है जबकि करीब 1 लाख 25 हजार लोगों की घर और जमीन जाने की नौबत आ रही है.  हमारी सरकार ने पूरी मजबूती से लड़ाई लड़ी लेकिन कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सीपीएस मामले में और अपनी सरकार बचाने के लिए वकीलों पर करोड़ों खर्च कर दिए, लेकिन आम लोगों के लिए लड़ाई नहीं लड़ रही है.

भाजपा ने लोगों को गुमराह किया-नेगी

जगत सिंह नेगी ने कहा कि बीजेपी ने इस मुद्दे पर केवल जनता को गुमराह किया और चुनावी लाभ लेने के ऐसी नीति बनाई जिसकी कोई कानूनी ताकत नहीं थी, अब राज्य सरकार की ओर से इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी फाइल की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में अगर लैंड रेवन्यू एक्ट की 163 धारा को फिर सुप्रीम कोर्ट से मान्यता मिल भी जाती है तो उससे लाभ नहीं मिलेगा,  क्योंकि सरकार के पास जमीन नहीं है. सारी वेस्ट लैंड फोरेस्ट लैंड है, अगर केंद्र सरकार एफसीए में संशोधन करेगी तो उस सूरत में लाखों लोगों को राहत मिलेगी. वर्तमान में फोरेस्ट राइट एक्ट ही एक रास्ता बचा है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कैसे लड़ाई लड़नी है, ये जय राम ठाकुर नहीं बताएंगे, ये लड़ाई सरकार लड़ेगी.

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Vinod Kumar Katwal

Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...और पढ़ें

Location :

Shimla,Himachal Pradesh

First Published :

December 04, 2025, 11:19 IST

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