36 हजार तक सस्‍ता होगा सोना! एक्‍सपर्ट क्‍यों कर रहे दावा, कब तक घटेंगे दाम

5 days ago

Last Updated:April 04, 2025, 11:32 IST

Gold Price Down : सोने की कीमत भारतीय खुदरा बाजार में 91 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम को भी पार कर चुकी है, लेकिन अमेरिकी विश्‍लेषक फर्म का मानना है कि आने वाले कुछ समय में इसकी कीमतें 40 फीसदी तक कम हो सकती हैं.

36 हजार तक सस्‍ता होगा सोना! एक्‍सपर्ट क्‍यों कर रहे दावा, कब तक घटेंगे दाम

एक्‍सपर्ट ने सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट का अनुमान लगाया है.

हाइलाइट्स

सोने की कीमतों में 40% तक गिरावट संभव.भारतीय बाजार में सोना 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो सकता है.सोने की बढ़ती सप्लाई और घटती डिमांड से कीमतें गिरेंगी.

नई दिल्‍ली. आम आदमी की पहुंच से दूर हो रहा सोना फिर अपनी औकात में लौट आएगा. एक्‍सपर्ट का दावा है कि गोल्‍ड की कीमतों में आने वाले समय में 40 फीसदी से भी ज्‍यादा गिरावट आएगी और सोना फिर मिडिल क्‍लास की पहुंच में आ जाएगा. अभी भारतीय खुदरा बाजार में सोने का भाव 91 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम को भी पार कर चुका है. बीते एक साल में ही सोने की कीमतों में 35 से 40 फीसदी का उछाल आ चुका है और 2025 में सोना अब तक करीब 10 हजार रुपये महंगा हो चुका है.

अमेरिकी विश्‍लेषक फर्म मॉर्निंगस्टार का दावा है कि सोने की कीमतें अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं, जिससे निवेशकों को फायदा हो रहा है लेकिन उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ रहा है. लेकिन, अगले कुछ महीने में सोने की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है. यह गिरावट 38% से भी ज्‍यादा रहने का अनुमान है. ऐसा होता है तो ज्‍वैलरी खरीदने वालों को इसका बड़ा फायदा होगा, लेकिन निवेशकों को इससे नुकसान हो सकता है.

कितनी कम हो जागएी कीमत
भारतीय बाजारों में अभी 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग 91,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब है और ग्‍लोबल मार्केट में यह 3,100 डॉलर प्रति औंस से ऊपर है. मॉर्निंगस्टार के अनुसार, अगर इसमें लगभग 40% की संभावित गिरावट आती है तो भारत में इयकी कीमत करीब 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो सकती है. मॉर्निंगस्टार के रणनीतिकार जॉन मिल्स का मानना है कि सोने की कीमतें ग्‍लोबल मार्केट में गिरकर 1,820 डॉलर प्रति औंस तक आ सकती हैं, जो बड़ी गिरावट होगी.

क्‍या होगी इस गिरावट की वजह
हाल ही में सोने की कीमतों में उछाल आर्थिक अनिश्चितता, महंगाई की चिंताओं और भू-राजनीतिक तनावों के कारण आया है. निवेशकों ने सोने को एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में चुना, खासकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान शुरू हुए व्यापार युद्ध के बीच. अब कई ऐसे फैक्‍टर हैं जो इन कीमतों को नीचे ला सकते हैं.

सोने की बढ़ती सप्‍लाई : सोने का उत्पादन काफी बढ़ गया है. 2024 की दूसरी तिमाही में खनन से होने वाला मुनाफा करीब 950 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया. वैश्विक भंडार भी 9% बढ़कर 2,16,265 टन हो गए हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने काफी उत्पादन बढ़ाया है और रीसाइकिल सोने की सप्‍लाई में भी तेजी आई है. घट रही डिमांड : दुनियाभर के केंद्रीय बैंक जिन्होंने पिछले साल 1,045 टन सोना खरीदा था, अब खरीदारी धीमी कर सकते हैं. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के एक सर्वे में पाया गया कि 71% केंद्रीय बैंक अपने सोने के भंडार को कम करने या मौजूदा स्‍तर पर बनाए रखने की योजना बना रहे हैं. मार्केट सेचुरेशन : साल 2024 में सोने के क्षेत्र में विलय और अधिग्रहण में 32% की वृद्धि हुई, जो बाजार में पीक का संकेत है. इसके अलावा सोने-समर्थित ईटीएफ में वृद्धि उन पैटर्नों को दर्शाती है जो पिछले मूल्य सुधारों से पहले देखे गए थे.

बोफा-सॉक्‍स का दावा-बढ़ेगी कीमत
एक तरफ जॉन मिल्स दावा कर रहे कि सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट आएगी तो दूसरी ओर बोफा और सॉक्‍स जैसे प्रमुख वित्तीय संस्थानों का मानना है कि सोने की कीमतों में तेजी बनी रहेगी. बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान है कि अगले दो वर्षों में सोने की कीमत 3,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है, जबकि गोल्डमैन सॉक्‍स का अनुमान है कि 2025 के अंत तक सोने की कीमत 3,300 डॉलर प्रति औंस हो सकती है.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

April 04, 2025, 11:32 IST

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