40 करोड़ की प्रॉपर्टी.. बहू ने भाई संग रचा ऐसा कांड, रोंगटे खड़े कर देगी कहानी

1 month ago

नई दिल्ली: अपराध जगत की कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जो इंसान के रोंगटे खड़े कर देती हैं और रिश्तों पर सवालिया निशान लगा देती हैं. महाराष्ट्र के नागपुर में 82 साल के बुजुर्ग की हत्या की कहानी ऐसी ही थी. पहली नजर में सामान्य हिट एंड रन का केस लग रही थी लेकिन जब सड़क दुर्घटना को अंजाम देने वाले शख्स को गिरफ्तार किया गया तो कुछ और ही कहानी सामने आई. पुलिस का कहना है कि परिवार में चार अन्य मौतें रहस्यमय परिस्थितियों में हुई हैं और यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि क्या इन मौतों में भी कोई गड़बड़ी है.

पुलिस ने मामले को दूसरी तरह से पलटना शुरू किया… तब पता चला कि 22 मई की सुबह 10.30 बजे हुई यह दुर्घटना महाराष्ट्र के दो सीनियर नौकरशाहों – मारे गए सीनियर सिटीजन की बहू और उसके भाई – के इशारे पर संपत्ति विवाद को लेकर की गई एक सोची समझी हत्या थी. नागपुर के व्यवसायी पुरुषोत्तम पुत्तेवार अपनी बेटी के घर बालाजी नगर जा रहे थे, तभी उन्हें एक तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी थी. स्थानीय पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ और चालक नीरज निमजे को रैश ड्राइविंग और लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. वाहन जब्त कर लिया गया और उसी दिन उसे जमानत मिल गई.

हत्यारे ने जमानत के बाद की पार्टी और…

पुलिस को सूत्रों से पता चला कि जमानत पर बाहर, बेरोजगार निमजे को पब और बार में पैसे उड़ाते देखा गया. दुर्घटना के सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के लिए क्राइम ब्रांच की एक टीम सेट अप की गई. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) निमित गोयल ने कहा, सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा था कि पुरुषोत्तम सड़क के कोने पर चल रहा था और ड्राइवर को उस तक पहुंचने के लिए एक्स्ट्रा एफर्ट लगाने पड़े. पुलिस ने यह भी देखा कि पुरुषोत्तम के घर से बाहर निकलने के समय से ही एक होंडा एक्टिवा उसका पीछा कर रही थी. जोकि, दुर्घटना के बाद एक्टिवा कार के पीछे भाग गई.

निमजे ने पूछताछ में कथित तौर पर अपना अपराध कबूला, अपने साथी सचिन धार्मिक की भूमिका भी बताई. धार्मिक के कॉल डिटेल रिकॉर्ड से पुलिस को अहम सुराग मिला कि वह पुरुषोत्तम की बहू अर्चना पुत्तेवार, जो टाउन प्लानिंग की सहायक निदेशक हैं, के साथ नियमित संपर्क में था. बाद में धार्मिक ने कथित तौर पर अपना अपराध कबूला. इसके बाद अर्चना को पूछताछ के लिए लाया गया जिसने, पुलिस के अनुसार, पहले तो गुमराह करने की कोशिश की.

ननद को नहीं देना चाहती थी प्रॉपर्टी में हिस्सा…

एक पुलिस अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट कहती है कि अर्चना इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता है क्योंकि पुरुषोत्तम के पास 40 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है. उसकी विधवा बेटी भी इसमें हिस्सा चाहती थी और पुरुषोत्तम चाहता था कि उसकी बेटी को उसकी संपत्ति में बड़ा हिस्सा मिले और यह बात अर्चना को परेशान करती थी जिसके कारण वह उसे सबक सिखाना चाहती थी. कथित तौर पर पता चला कि अर्चना का भाई प्रशांत पारलेवार, माइक्रो स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेज का निदेशक, भी अपराध में शामिल था.पारलेवार को भी बाद में गिरफ्तार किया गया.

ससुर को हैंडीकेप करना चाहते थे लेकिन…

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, वे केवल पुरुषोत्तम को शारीरिक रूप से अक्षम करना चाहते थे जिसके कारण उन्होंने धार्मिक, बागड़े और निमजे को इसमें शामिल किया. दोनों भाई बहन ने धार्मिक को शराब की दुकान का लाइसेंस दिलाने का वादा किया था जबकि निमजे को 4 लाख रुपये दिए गए. नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने कहा कि 8 मई और 16 मई को भी बुजुर्ग को चोट पहुंचाने की कोशिश हुई थी. पहली घटना में, आरोपी ने उसे कुचलने की कोशिश की जबकि दूसरी घटना में एक अन्य आरोपी ने पुरुषोत्तम के सिर पर रॉड से वार किया और स्कूटर पर भाग गया था.

Tags: Family murder case, Nagpur, Road accident

FIRST PUBLISHED :

July 25, 2024, 13:58 IST

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