तिरुनेलवेली: तमिलनाडू के तिरुनेलवेली के पालायनगोट्टई रेलवे गेट के पास स्थित मुरुगर मंदिर भक्तों के बीच संतान और विवाह के आशीर्वाद के लिए प्रसिद्ध है. मंदिर में नींबू, धनुष और वन्नी के पेड़ हैं, जो इसे एक विशेष पवित्रता प्रदान करते हैं. भक्तों का मानना है कि यहां विवाह के दस महीने के भीतर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है. पहले यह मंदिर जमीन के स्तर पर था, लेकिन अब यह रेलवे पुल निर्माण के कारण गड्ढे जैसा दिखता है. मंदिर में मुरुगा भगवान को बाल रूप में पूजा जाता है और वल्ली देवी उनकी संगिनी हैं.
लगभग 400 साल पुराना मंदिर
दरअसल, वाला मुरुगर मंदिर, पालायनगोट्टई रेलवे गेट के पास, तिरुनेलवेली जिले में स्थित है और यह लगभग 400 साल पुराना है. भक्तों के अनुसार, मुख्य देवता वाला मुरुगा विशेष रूप से संतान का आशीर्वाद देने में प्रसिद्ध हैं. इस मंदिर के प्राकार में नींबू, धनुष और वन्नी के पेड़ पास-पास हैं.
लोकल 18 से बात करते हुए भक्त नैनार बताते हैं कि यह मंदिर समुदाय के एक सदस्य द्वारा छह पीढ़ी पहले बनाया गया था, और तब से इस परिवार ने इस मंदिर की देखरेख की है. यहां भक्तों को विवाह और संतान का आशीर्वाद मिलता है, इसलिए कई लोग यहां विवाह समारोह आयोजित करते हैं. विवाह के दस महीने के भीतर संतान प्राप्ति इस मंदिर का विशेष आशीर्वाद माना जाता है.
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पहले मंदिर जमीन के स्तर पर था, लेकिन रेलवे पुल निर्माण के कारण यह अब गड्ढे जैसा दिखता है. मंदिर सुबह 6 बजे से 10 बजे और फिर शाम 6 बजे से 9 बजे तक खुलता है. मुरुगा भगवान को बाल रूप में पूजा जाता है, और उत्सव में वल्ली देवी उनके साथ पूजी जाती हैं. मूला मुरुगा के पास गणेश जी भी हैं. मंदिर की परिक्रमा का मार्ग है और इस प्राकार में तीन पवित्र पेड़ पास-पास होने से इसे विशेष पवित्रता मिलती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 2, 2024, 17:33 IST