Last Updated:January 30, 2025, 19:48 IST
PINAKA UPDATE: पिनाका भारतीय सेना के लिए एक गेम चेंजर है. पिनाका की रेंज को 120 और 300 किलोमीटर तक करने के लिए काम जारी है.गाइडेड एक्सटेंडेड रेंज रॉकेट के बाद इस काम और तेजी आएगी. रेंज, सटीकता, कंसिस्टेंसी और र...और पढ़ें
भारतीय सेना का स्वदेशी गेम चेंजर- पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर
PINAKA UPDATE: नॉन कॉंटैक्ट काइनेटिक वॉर के जमाने में भारत ने भी अपनी तैयारियों तो धार देना शुरु कर दिया है. जमीन पर आमने सामने की लडाई लड़ने के बजाए पहले लॉंग रेंज रॉकेट, मिसाइल, यूएवी और लॉयटरिंग एम्यूनेशन के जरिए जंग लड़ी जा रही है. भारत ने भी अपने पुरानें लॉन्चर को अपग्रेड करने काम कर चुकी है. भारतीय सेना लगातार अपने रॉकेट की रेंज को बढ़ाने में जुटी है. बुधवार को ही CCS (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) ने 10 हजार करोड़ की स्वदेशी पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर के म्यूनेशन की खरीद को मंजूरी दी है. सूत्रों के मुताबिक अगले महीने इस खरीद के दो एग्रिमेंट पर दस्तखत हो सकते है. एग्रिमेंट में एरिया डिनायल म्यूनेशन (ADM) और पिनाका के लिए प्री-फ्रेग्मेंटेड म्युनिशन शामिल है.
पिनाका बिछाएगी माइन फील्ड
जंग के मैदान में दुश्मन के टैंक और सैनिको को निशाना बनाने के लिए माइन बिछाई जाती है. अमूमन हाथों के जरिए माइन फील्ड तैयार की जाती है. एरिया डिनायल म्यूनेशन की खरीद की मंजूरी के बाद आने वाले दिनों में पिनाक रॉकेट लॉन्चर के जरिए माइन फील्ड तैयार कर दी जाएगी. माइन दो तरह की होती है. एक है एंटी टैंक तो दूसरी है एंटी पर्सनल माइन. पिनाका के जरिए दोनों तरह की माइन आसानी से बिछाई जा सकती है. जानकारी के मुताबिक 1 पिनाका के एक रॉकेट में 20 से 25 एंटी टैंक या 200 से 250 एंटी पर्सनल माइन बिछाइ जा सकती है. एक बार लॉन्चर से रॉकेट निकलने के बाद दुश्मन के इलाके में 1000 मीटर की उंचाई पर माइन रीलिज होती है. धीरे धीरे पैराशूट के जरिए दुश्मन के इलाकों में ऑटोमेटिक माइन फील्ड बिछ जाती है. 6 लॉन्चर वाली पिनाका कि एक बैटरी में 72 रॉकेट से 18000 एंटी पर्सनल माइन या 1500 के करीब एंटी टेंक माइन बिछाई जा सकेगी.
ज्यादा घातक ज्यादा रेंज
सेना के लिए ज्यादा रेंज वाली प्री-फ्रेग्मेंटेड एम्युनिशन की खरीद को भी मंजूरी मिली है. हर रॉकेट में 21 हजार टंगस्टन बॉल भरी होती हैं. जब भी कोई रॉकेट दुश्मन के इलाके में दागी जाती है तो यह टंगस्टन बॉल बड़ी तेजी से बरसती है. इसकी चपेट में आने वाले किसी भी टैंक या सैन्य इंस्टॉलेशन को तहस नहस कर देती है. इंसान का बचना तो नामुमकिन है. इसकी रेंज 40 से 45 किलोमीटर की है.
एक्टेंडेड रेंज पिनाका रॉकेट मार करेगी सटीक
मौजूदा पिनाका रॉकेट की रेंज को 37 किलोमीटर से बढ़ाकर 75 किलोमीटर किया जा रहा है. इसके कई ट्रायल भी सफलतापूर्वक किए गए. सेना के आर्टेलरी में शामिल पिनाका रॉकेट फ्री फ्लाइट है. लॉन्च के बाद वह अपने रेंज के हिसाब से जाकर गिरेगा. मारक क्षमता को बढ़ाने और सटीक बनाने के लिए काम जारी है. एक्सटेंडेड रेंज गाइडेड पिनाका के तौर पर अब सेना के पास होगा. यह गाइडेड रॉकेट GPS नेविगेशन से लेस है. एक बार टारगेट सेट कर दिया गया तो लॉन्च होने के बाद वह उस टार्गेट को सटीक मार करेगा. इसकी सटीक मारक क्षमता की बात करें तो ये टारगेट के 25 मीटर के आसपास हिट कर सकता है. यह एक बेहतर रेंज है. इस रॉकेट को पहले से ही प्रोग्राम किया गया होगा. लॉन्च करने के बाद जो ट्रेजेक्टरी सेट की गई होगी वह उसी पर मूव करेगा. अगर किसी वजह से वह अपने ट्रेजेक्टरी से कहीं भी भटकता है, तो GPS की मदद से ऑन बोर्ड कंप्यूटर रॉकेट को वापस निर्धारित ट्रेजेकट्री पर ले जाएगा. GPS को सपोर्ट करने के लिए इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) लगा है. यह एक नेविगेशन का सबसे पुरानी पद्धति है. पुराने समय में समुद्र में जहाजो को नेविगेट करने में इस्तेमाल की जाती थी. इससे सबसे बड़ा फायदा यह है. अगर कोई सैटेलाइट GPS को ब्रीच करके उसे बाधित कर देगा तो भी INS के जरिए रॉकेट अपने टार्गेट को हिट करेगा.
पाकिस्तान मजा चख चुका है अब बारी है चीन की
पिनाका जिस समय भारतीय सेना में शामिल की जा रहगी थी. उसी वक्त कारगिल की जंग जारी थी. पिनाका की मार पाकिस्तानियों से बेहतर कोई नही समझ सकता. 2020 में चीन के साथ तनाव के दौरान भी भारतीय सेना के पिनाका पूरी तरह से हाई अलर्ट पर तैनात थी. पिनाका रॉकेट लॉन्चर स्वदेशी है. पिनाका की एक बैटरी में 6 फायरिंग यूनिट यानी लॉन्चर होती है और एक लॉन्चर में 12 ट्यूब होती है यानी की एक बैटरी में कुल मिलाकर 72 रॉकेट होते हैं और महज 44 सेकेंड यह सारे रॉकेट लॉन्च हो जाते हैं. पिनाका की मारक क्षमता 37 किलोमीटर है. एक साथ पूरी बैटरी दागने पर दुश्मन के 1000 X 800 मीटर के इलाके को पूरी तरह से तहस नहस कर सकता है. हर रॉकेट का वजन 278 किलो है. भारतीय सेना के पास पिनाका कि 4 रेजिमेंट है. हर रेजिमेंट में 3 बैटरी और हर बैटरी में 6 लॉन्चर है. साल 2027 तक सेना में इसकी रेजिमेंट का संख्या 10 हो जाएगी.
First Published :
January 30, 2025, 14:12 IST