जयपुर. राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर को लेकर जोधपुर की एसीजेएम कोर्ट (सीबीआई) ने बड़ा फैसला सुनाते हुए इस पर सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने एनकाउंटर में शामिल पांच पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस चलाने के आदेश दिए हैं. आखिर क्यों इस एनकाउटंर पर सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस और परिजनों का इसको लेकर क्या-क्या दावे हैं. सात साल पुराने इस एनकाउंटर की कहानी किसी फिल्मी कहानी से अलग नहीं है.
24 जून 2017 को राजस्थान के नामी गैंगस्टर आनंदपाल का पुलिस ने चूरू के मालासर गांव में एक घर में रात दस बजकर 25 मिनट पर एनकाउंटर कर दिया था. पुलिस के दावे के मुताबिक पुलिस को सूचना मिली थी आनंदपाल मालासर गांव में एक घर में छिपा है. पुलिस आनंदपाल को गिरफ्तार करने मौके पर पहुंची लेकिन उसके पास एके 47 थी. उसके साथ ही 400 कारतूस भी थे.
पुलिस का दावा आनंदपाल ने उस एके 47 से फायरिंग की
आनंदपाल ने सरेंडर करने के बजाय छत पर चढ़कर पुलिस पर एके-47 से फायरिंग की. पुलिस का दावा था कि जिस घर में आनंदपाल छिपा था उसे चारों ओर से घेरने के बाद कई बार मुनादी कर गैंगस्टर को सरेंडर करने के लिए कहा गया था. लेकिन उसने पुलिस की नहीं सुनी. उसने पुलिस पर करीब 100 राउंड फायर किए. इसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए. उसके बाद पुलिस घर के अंदर घुसी.
परिजनों का दावा पुलिस की पूरी कहानी मनगढंत
आनंदपाल पीछे के दरवाजे से फायर करता हुआ फरार होने की कोशिश कर रहा था. इसी दौरान पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया. उस पर पुलिस ने छह राउंड गोलिया दागी. लेकिन आनंदपाल की पत्नी राज कंवर और भाई मंजीतपाल ने कोर्ट में पेश किए सबूतों के आधार पर दावा किया कि पुलिस की पूरी कहानी मनगढंत है.
तीन से पांच फीट दूर से आनंदपाल की पीठ में गोली दागकर हत्या कर दी गई
उनका दावा है कि पुलिस जब मालासर पहुंची तब आनंदपाल के भाई रुपेंद्रपाल उर्फ विक्की ने उससे बात की थी. उसे समझाया कि वह सरेंडर कर दे पुलिस उसका एनकाउंटर नहीं करेगी. इस पर रुपेंद्रपाल के पीछे पुलिस उस घर में घुसी जहां आनंदपाल छिपा हुआ था. रुपेंद्रपाल की मौजूदगी में आनंदपाल ने पुलिस के सामने सरेंडर किया. आनंदपाल के भाई मंजीतपाल का दावा है कि एनकाउंटर टीम में शामिल विद्याप्रकाश के पास उसी समय किसी का फोन आया. इस पर सरेंडर करने के बावजूद आनंदपाल को नीचे पटककर मारा गया. फिर करीब तीन से पांच फीट दूर से आनंदपाल की पीठ में गोली दागकर हत्या कर दी गई.
विरोध प्रदर्शन में फायरिंग से दो लोगों की मौत हो गई थी
आनंदपाल के वकील भंवर सिंह ने दावा किया है कि पोस्टमर्टम रिपोर्ट में भी मारपीट की चोट के निशान मिले थे. एनकाउंटर में तत्कालीन चूरू एसपी राहुल बारहट, डीएसपी विद्या प्रकाश चौधरी, सूर्यवीर सिंह और हैड कांस्टेबल कैलाश समेत अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे. आनंदपाल के एनकांउटर पर राजस्थानभर में विरोध प्रदर्शन हुआ था. राजस्थान के साथ आस पास के राज्यों में भी प्रदर्शन हुए थे. नागौर के सांवराद में तब आनंदपाल एनकाउंटर को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन में फायरिंग से दो लोगों की मौत हो गई थी. आनंदपाल के परिजन और समर्थक कई दिनों तक उसका शव लेकर बैठे रहे थे.
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FIRST PUBLISHED :
July 25, 2024, 15:01 IST