Bangladeshi Hindus: बांग्लादेश में सोमवार को पीएम शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के भागने के बाद एक अराजक स्थिति पैदा हो गई. विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अल्पसंख्यकों, हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया. हालांकि ऐसी भी खबरें आई कि कई जगहों पर छात्रों और लोगों ने मंदिरों की रक्षा की. बांग्लादेश में 90 फीसदी मुस्लिम आबादी है जबकि देश में हिंदुओं की संख्या 13,130,109 जो कि कुल जनसंख्या का 7.95% हिंदू हैं.
द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के मुताबिक शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद पहले डेढ़ दिन के भीतर ही देश में हिंसा की बाढ़ आ गई, जिसमें कई जिलों में विशेष रूप से हिंदुओं के घरों और पूजा स्थलों को निशाना बनाया गया. कानून और व्यवस्था अभी तक बहाल नहीं हो पाई है.
‘जो कुछ भी मिला साथ ले गए’
ढाका के धानमंडी में बैंड जोलर गान के फ्रंटमैन राहुल आनंदा के घर में सोमवार को आग लगा दी गई और घर पूरी तरह जलकर राख हो गया. राहुल के एक करीबी पारिवारिक सूत्र ने डेली स्टार को बताया, 'जैसे ही उन्होंने गेट तोड़ा, उन्होंने घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी और जो कुछ भी मिला, उसे अपने साथ ले गए. उन्होंने फर्नीचर और शीशों से लेकर कीमती सामान तक सब कुछ ले लिया. इसके बाद, उन्होंने राहुल दा के संगीत वाद्ययंत्रों के साथ-साथ पूरे घर को भी आग के हवाले कर दिया.' राहुल और उसका परिवार सुरक्षित स्थान पर भागने में सफल रहे.
‘उन्होंने हमारे घरों को घेर लिया’
उसी दिन बाद में, शरियतपुर में धानुका मनसा बारी मंदिर में गुस्साई भीड़ ने तोड़फोड़ की. उन्होंने राधा-कृष्ण की मूर्तियों को कुचल दिया और मंदिर को तहस-नहस कर दिया. उन्होंने मंदिर परिसर में लगे सभी 16 सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिए.
रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर समिति के महासचिव गोविंद चक्रवर्ती ने कहा, 'मंदिर पर हमला करने के बाद, उन्होंने हमारे घरों को घेर लिया और हम पर हमला करने वाले थे. सेना ने हस्तक्षेप किया और हमें बचाया.'
दिनाजपुर हिंदू-बौद्ध-ईसाई ओइक्या परिषद के अध्यक्ष सुनील चक्रवर्ती ने कहा कि सोमवार को दिनाजपुर केंद्र श्मशान घाट में तोड़फोड़ की गई. इसके अलावा, जिले के पार्वतीपुर उपजिला में एक काली मंदिर सहित पांच मंदिरों पर हमला किया गया.
हमले की कॉल लॉउस्पीकर पर दी गई
चिरीरबंदर उपजिला में कुछ हिंदू परिवारों के घरों पर हमला किया गया. हरिसभा के लिए निर्धारित स्थान पर भी तोड़फोड़ की गई. प्रभावित ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
बिरमपुर उपजिला में उर्वरक और कृषि रसायन व्यापारी दिलीप कुंडू के घर पर हमला किया गया. उन्होंने कहा कि हमले की योजना लाउडस्पीकर पर घोषित की गई थी ताकि अधिक लोग इकट्ठा हो सकें. उन्होंने उनकी दुकानों पर भी हमला किया, तोड़फोड़ की और लूटपाट की.
पटुआखाली के कुआकाटा में कल एक मंदिर पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया गया. हिंदू समुदाय के दो सदस्यों के घरों में तोड़फोड़ की गई.
डेली स्टार के मुताबिक सरकार के सत्ता से हटने के शुरुआती घंटों के दौरान कम से कम 27 जिलों में इसी तरह की घटनाएं सामने आईं.
संसद में एस जयशंकर ने क्या बताया
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार (6 अगस्त) को संसद में बताया, 'जो बात सबसे अधिक परेशान करने वाली है वो वहां रह रहे अल्पसंख्यक हैं. उनकी दुकानों और मंदिरों पर कई जगह हमले की जानकारी मिली है. हालांकि, अभी इस बारे में पूरी जानकारी नहीं मिली है."
हिंदूओं को माना जाता है आवामी लीग का समर्थक
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अविरूप सरकार ने फोन पर बताया कि उसके घर पर हमला हुआ है. सरकार की बहन बहन के पति का निधन हो चुका है. वह ढाका से लगभग 100 किलोमीटर दूर नदियों से घिरे ज़िले नेत्रोकोना में रहता है.
सरकार की बहन ने बताया कि लाठी-डंडों के साथ करीब 100 लोगों की भीड़ उनके घर में घुसे और तोड़फोड़ शुरू कर दी.
सरकार का कहना है कि बांग्लादेश में आमतौर पर हिंदुओं को शेख़ हसीना की पार्टी आवामी लीग का समर्थक माना जाता है. उनपर देश में अक्सर विरोधियों की ओर से हमले होते रहते हैं.
स्टूडेंट्स और लोगों ने की मंदिरों की सुरक्षा
इस बीच कुछ सकारात्मक खबरें भी सामने आई हैं. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी के ढाकेश्वरी मंदिर की सुरक्षा स्थानीय हिंदू निवासियों द्वारा की जा रही थी. मंदिर की रखवाली कर रहे एक स्थानीय निवासी रंजन कुमार दास ने कहा, 'कल रात मदरसा और मस्जिद समिति के कुछ छात्र और स्थानीय मुसलमान कुछ देर के लिए हमारे साथ थे. उन्होंने हम पर हमला होने की स्थिति में मदद के लिए अपनी कॉन्टैक्ट डिटेल भी दी.'
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