Bangladesh Currency: बांग्लादेशी टका से क्या हटेगी शेख मुजीब की फोटो? ‘बंगबंधु’ की मूर्तियां गिरने के बाद मनी एक्सचेंजर्स की बड़ी टेंशन

1 month ago

Sheikh Mujibur Rehman: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद जिस इमेज ने इंटरनेट पर सबको हैरान कर दिया वह थी देश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्तियों का गिराया जाना. कोई नहीं सोच सकता था बांग्लादेश में कभी ऐसा दिन भी आएगा जब लोग देश की आजादी के नायक की मूर्तियों को गिरा देंगे. इन तस्वीरों को देख कर भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के करीब मनी एक्सचेंजर्स खासे परेशान हैं. उन्हें डर है कि जिस तरह से शेख मुजीब की मूर्तियां गिराई गई हैं कहीं उनके तस्वीर भी बांग्लादेशी करेंसी से न हटा दी जाए.

इंडियन एक्सप्रेस की न्यूज के मुताबिक पेट्रापोल लैंड पोर्ट के रास्ते पर स्थित अपनी 10-फुट बाय 15-फुट की दुकान पर कांच के काउंटर के पीछे बैठे 30 वर्षीय अचिंत्य मोंडोल ने अफसोस जताया कि सोमवार से बिजनेस 'जीरो' हो गया है. उन्हें यह भी डर है कि बांग्लादेशी टका, (शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर वाली मुद्रा) को वापस लिया जा सकता है या बदला जा सकता है.

बहुत बड़ी चिंता का विषय
मंडल ने कहा, 'मैंने टेलीविजन पर देखा है कि कैसे प्रदर्शनकारी शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्तियों को गिरा रहे हैं. यह हमारे लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है. अगर वे (बांग्लादेश सरकार) नोट वापस लेने का फैसला करते हैं, तो हमें बड़ी समस्या होगी.'

मेसर्स मौमिता स्टोर में काम करने वाले मोंडोल भारत-बांग्लादेश सीमा चेक-पोस्ट पर एशिया के सबसे बड़े पेट्रापोल लैंड पोर्ट में 100 से ज़्यादा मनी एक्सचेंज शॉप या काउंटर पर काम करने वाले कर्मचारियों में से एक हैं.

विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से व्यापार सुस्त
बांग्लादेशी टका की गड्डियां दिखाते हुए मोंडोल ने कहा, 'यहां लाइसेंस प्राप्त मनी एक्सचेंज दुकानों में से प्रत्येक में करेंसी का अच्छा स्टॉक है. लेकिन अब कोई खरीदार नहीं है. एक सामान्य दिन में, मेरे पास लगभग 60 से 70 ग्राहक आते हैं. बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से व्यापार सुस्त है, लेकिन सोमवार से कोई भी नहीं है.'

मनी एक्सचेंज शॉप मेसर्स गौरंगा घोष में काम करने वाले अंजन बैद्य ने भी कहा, 'सोमवार से, मेरे पास केवल एक ग्राहक आया है. एक सामान्य दिन में, हजारों लोग सीमा पार करते हैं और हम बिजी रहते हैं. मुझे प्रतिदिन कम से कम 80 ग्राहक मिलते थे. लेकिन अब, हमें नहीं पता कि चीजें कब सामान्य होंगी.'

बैद्य ने कहा, 'पेट्रापोल और कोलकाता दोनों जगहों पर कई दुकानों में करोड़ों बांग्लादेशी टका पड़े हैं. सभी को दो समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पहली, ग्राहक नहीं हैं और दूसरी, बांग्लादेश में मुद्रा बंद होने का डर है.'

मनी एक्सचेंजर भारतीय रुपयों को बांग्लादेशी टका में बदलते हैं (वर्तमान विनिमय दर: 100 रुपये के लिए 70 टका) और बांग्लादेश आने वाले भारतीयों और बांग्लादेशी नागरिकों के लिए सीमा पर डॉलर का आदान-प्रदान भी करते हैं. जबकि कुछ ने अपनी दुकानें बंद कर दी हैं, जबकि रास्ते में दुकानों की कतारें - रेस्तरां, मनी एक्सचेंज की शॉप और चाय की दुकानें - संकट के बाद से खाली पड़ी हैं.

सोमवार को हसीना ने छोड़ दिया बांग्लादेश
बता दें सोमवार को शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और उन्हें देश छोड़कर भारत भागना पड़ा. आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन की वजह से हसीना को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा.  प्रदर्शनकारी विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे थे जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है.

अंतरिम सरकार ने ली शपथ
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली. यूनुस (84) को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने राष्ट्रपति भवन ‘बंगभवन’ में आयोजित एक समारोह में पद की शपथ दिलाई.

यूनुस की सहायता के लिए 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद की घोषणा की गई. यूनुस को मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ दिलाई गई जो प्रधानमंत्री के समकक्ष पद है.

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