CJI चंद्रचूड़ को जैसे ही बताया गया कि मामला... मुस्लिम पुलिस की दाढ़ी का केस

1 month ago

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई करने को सहमत हो गया है, जिसमें यह मुद्दा उठाया गया है कि क्या दाढ़ी रखने के कारण किसी मुस्लिम व्यक्ति को पुलिस बल से निलंबित करना संविधान के तहत धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है.

संविधान का अनुच्छेद 25 अंतःकरण की स्वतंत्रता तथा धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने के अधिकार से संबंधित है. प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मुद्दे पर विचार करने पर सहमति जताई.

यह याचिका महाराष्ट्र राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) के एक मुस्लिम कांस्टेबल की थी. उसे दाढ़ी रखने के कारण निलंबित कर दिया गया था, जो कि 1951 के ‘बॉम्बे पुलिस मैनुअल’ का उल्लंघन था.

सीजेआई को जब बताया गया कि मामला लोक अदालत में है और अभी तक इसका समाधान नहीं हुआ है तो उन्होंने कहा, “यह संविधान का एक महत्वपूर्ण मुद्दा है… हम इस मामले को ‘नॉन मिसलेनियस डे’ पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे.”

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार और शुक्रवार ‘मिसलेनियस डे’ होते हैं, जिसका मतलब है कि उन दिनों केवल नई याचिकाएं ही सुनवाई के लिए ली जाएंगी और नियमित सुनवाई वाले मामलों की सुनवाई नहीं होगी. मंगलवार, बुधवार और बृहस्पतिवार को ‘नॉन मिसलेनियस डे’ के रूप में जाना जाता है, जिस दिन नियमित सुनवाई वाले मामलों की सुनवाई होगी.

जहीरूद्दीन एस. बेडाडे ने 2015 में शीर्ष अदालत का रुख किया था. इससे पहले, पीठ ने कहा था कि अगर वह दाढ़ी कटवाने के लिए राजी हो जाएं तो उनका निलंबन रद्द कर दिया जाएगा. हालांकि, याचिकाकर्ता ने तब शर्त मानने से इनकार कर दिया था.

Tags: DY Chandrachud, Mumbai police, Supreme Court

FIRST PUBLISHED :

August 12, 2024, 23:42 IST

Read Full Article at Source