DNA: क्या ट्रंप हड़प लेगें यूरोप का GOLD? अचानक 80 फीट नीचे दबे सोने क्यों वापस मांग रहे लोग?

6 hours ago

DNA Analysis: आज का विश्लेषण एक सवाल से शुरू करते हैं. आपने अपना सोना कहां रखा. आप में से अधिकांश लोगों का जवाब होगा बैंक के लॉकर में. आपको भरोसा होता है बैंक के लॉकर में सोना सुरक्षित है. बैंक से लॉकर से सोना कभी चोरी नहीं होगा. आप जब चाहेंगे बैंक जाकर अपना सोना निकाल सकते हैं. लेकिन कल्पना कीजिए अगर आपको ऐसा अहसास हो जाए कि बैंक आपका सोना कब्जा कर लेगा. आपको वापस नहीं करेगा तो फिर आप क्या करेंगे? आज पूरी रात नहीं सोएंगे और सुबह सबसे पहले बैंक जाकर सारा सोना निकाल लेंगे. आजकल यूरोपीय को देशों को ऐसा ही डर सता रहा है.

यूरोपीय देश अमेरिका से अपना सोना मांग रहे हैं. अमेरिका से सोना निकालने की तैयारी कर रहे हैं. Taxpayers Association of Europe ने कहा है कि यूरोपीय संघ के देशों को अपना सोना अमेरिका से वापस यूरोप ले आना चाहिए. अगर सोना वापस नहीं लाते हैं तो तो तुरंत अमेरिकी बैंक में जमा सोने की ऑडिट करानी चाहिए. जो भी सोना जमा है उसको देखने की इजाजत मिले. उसके बारे में पूरी जानकारी मिले.

जर्मनी और इटली जैसे यूरोपीय संघ के देशों के सोने का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका में जमा है. जर्मनी, इटली, फ्रांस, जैसे कई देशों का सोना. बैंक ऑफ इंग्लैंड और अमेरिका के फेडरल रिजर्व में जमा है. ये दोनों बैंक भारत के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरह ब्रिटेन और अमेरिका के सेंट्रल बैंक है.

#DNAWithRahulSinha | यूरोप वाले..US से सोना क्यों वापस मांग रहे? ट्रंप से यूरोप के 'उठते भरोसे' का विश्लेषण

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— Zee News (@ZeeNews) June 26, 2025

अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक के लॉकर में जमा
यूरोपीय देशों का ब्रिटेन और अमेरिका के बैंक में कितना सोना जमा है, सुरक्षा कारणों से इसकी कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. लेकिन अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक जर्मनी के कुल सोने का आधा हिस्सा अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक के लॉकर में जमा है. यह लॉकर जमीन से 80 फीट नीचे बना हुआ है. एक दस मंजिला मकान की जितनी ऊंचाई होती है उतना ही गहरा नीचे लॉकर को बनाया गया है जहां सोना को सोना को सुरक्षित रखा जाता है. जर्मनी के अलावा इटली, फ्रांस जैसे देशों के भी सोने का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका के फेडरल रिजर्व के लॉकर में रखा हुआ है.

यूरोपीय देश अब क्यों सोने को देखना चाहते हैं?
आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर जर्मनी, फ्रांस, इटली जैसे यूरोपीय देशों ने अपने देश का इतना ज्यादा सोना अमेरिका में क्यों रखा हुआ है. इसकी एक खास वजह है. दरअसल दूसरे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप सहित पूरी दुनिया में अस्थिरता का माहौल बन गया था. ऐसे में यूरोपीय देशों ने सोने की सुरक्षा के लिए उसे अमेरिका और ब्रिटेन के बैंकों में रख दिया था. जिस सोना को सुरक्षा के लिए अमेरिका में रखा गया था. उसे यूरोपीय देश अब क्यों मांग कर रहे हैं. क्यों सोने को देखना चाहते हैं. उसकी ऑडिट करवाना चाहते हैं. इसकी कई वजहें हैं.

पहला - अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक्शन और फैसलों से यूरोपीय देशों में डर का माहौल है. पिछले दिनों ट्रंप ने अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व को धमकी दी थी. उसकी स्वतंत्रता पर सवाल उठाए थे. इसी फेडरल रिजर्व के पास यूरोपीय देशों का सोना जमा है. ऐसे में यूरोपीय देशों को डर है कि ट्रंप कभी भी सोना लौटाने से मना कर सकते हैं. ट्रंप पहले भी टैरिफ वॉर. क्रिप्टो करेंसी जैसै मुद्दे पर मनमाना फैसला ले चुके हैं.

दूसरा - पूरी दुनिया में ट्रेड के लिए डॉलर का इस्तेमाल होता है. क्योंकि डॉलर एक मजबूत करेंसी है. लेकिन ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से डॉलर 12 फीसदी टूट चुका है जबकि इसी दौरान डॉलर के मुकाबले यूरो करीब 14 फीसदी ((13.78)) मजबूत हो चुका है. अपने फैसलों से ट्रंप डॉलर को लगातार कमजोर कर रहे हैं. ऐसे में यूरोपीय देश ट्रेड के लिए डॉलर के बजाय सोने पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं.

तीसरा - यूरोपीय सेंट्रल बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर के अलग-अलग देशों में यूरो के मुकाबले सोना दूसरा सबसे बड़ा भंडार हो चुका है. यानी अब दुनिया भर के सेंट्रल बैंक ज्यादा से ज्यादा सोना अपने पास रख रहे हैं. इसीलिए यूरोपीय देश भी अपना सोना अपने देश लाना चाहते हैं.

यूरोपीय देशों में डर
चौथा- पिछले कुछ वर्षों में दुनिया भर में युद्ध और संघर्ष काफी बढ़ गया. अभी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है. अब हम जो जानकारी आपको बताना जा रहे हैं उसे जानिए. यूक्रेन पर युद्ध करने की वजह से 2023 अमेरिका और उसके सहयोगियों देशों ने रूस के 25 लाख 50 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति फ्रीज कर लिए थे. इसमें एक बड़ा हिस्सा सोने का था. रूस के सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ रशिया ने इस सोना को दूसरे देशों के बैंकों में रखा था. आज यूरोपीय देशों को भी ऐसा ही डर सता रहा है.

 दुनिया के अलग-अलग देश बैंकों में सोना क्यों रखते हैं?
आज आपको यहां यह भी जानना चाहिए कि ना केवल यूरोपीय देश, बल्कि दुनियाभर के कई देश अपना सोना दूसरे देशों के बैंक में रखते हैं. भारत भी विदेशी बैंकों-जैसे स्विट्जरलैंड के बेसल में मौजूद बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स और अमेरिका फेडरल रिजर्व में अपना सोना रखता है. दुनिया के अलग-अलग देश बैंकों में सोना क्यों रखते हैं. अब हम आपको इसके बारे में जानकारी देते हैं.

पहला - सोना एक जगह रखने पर हमेशा उसकी सुरक्षा को लेकर डर बना रहता है. कोई देश कितना अमीर है. इसका अंदाजा उस देश के सोने के रिजर्व से लगता है. अगर किसी देश का सारा सोना देश के भीतर है और अचानक उस देश पर हमला हो जाता है या कोई बहुत बड़ा प्राकृतिक संकट आ जाता है तो सोने की सुरक्षा को खतरा हो सकता है. इसीलिए सोना को अलग-अलग देशों में रखा जाता है.

दूसरा - हर देश अलग-अलग देशों से कर्ज लेते हैं. अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय संगठनों से पैसे उधार लेते हैं. ऐसे में सोना एक गारंटी की तरह होता है. जब आप कर्ज चुका देते हैं तो सोना वापस कर दिया जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक 1990-91 में भारत ने भी इसी तरह से सोना गिरवी रखकर कर्ज लिया था.

तीसरा - आज पूरी दुनिया ग्लोबल है. हर देश का दूसरे देश के साथ कारोबार होता है. ऐसे में कारोबार के दौरान लेन-देने में सोना एक गारंटी के तौर पर भी काम करता है. आज पूरी दुनिया में युद्ध का माहौल है. दुनिया के कई देशों महंगाई तेजी से बढ़ रही है. बार-बार आर्थिक संकट आने की आशंका जताई जाती है. ट्रंप भी बार-बार ट्रेड वॉर की धमकी देते रहते हैं. इन सभी मुश्किलों की वजह से बीते कुछ वर्षों में सोने में बहुत ज्यादा तेजी आई है. क्योंकि सोना निवेश का सबसे बेहतर विकल्प बन गया है. इसका अंदाजा आप इस आंकड़े से लगा सकते हैं कि वर्ष 2022. 2023 और 2024 में दुनिया के सभी केंद्रीय बैंकों ने हर साल 1000 टन से अधिक सोना खरीदा है जो एक रिकॉर्ड है.

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