Live: पीओके बनाने वाले सरेंडर की बात करते हैं, नेहरू ने... RS में बोले नड्डा

19 hours ago

संसद के मानसून सत्र के आठवें दिन आज राज्‍यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा जारी रहेगी. आज राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर विपक्ष के आरोपों पर जवाब दे रहे हैं. राज्यसभा में बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाइयों की जानकारी दी.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जयशंकर के बाद जेपी नड्डा दोपहर 3 बजे और गृह मंत्री अमित शाह शाम 7 बजे सदन में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में देश को बताएंगे.

‘धर्म पूछा, जाति नहीं’ पर मनोज झा का प्रहार

राजद सांसद मनोज झा ने पहलगाम हमले को लेकर केंद्र सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रीय सुरक्षा महज नारा नहीं बल्कि एक सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.’

मनोज झा ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा, ‘जो कुछ पहलगाम में हुआ, वो सिर्फ एक हमला नहीं था, वो हम सबकी सामूहिक पीड़ा थी. हमें इतिहास से सबक लेना चाहिए लेकिन अफसोस, हम नहीं लेते.’ उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर खुफिया एजेंसियों के पास हमले की जानकारी थी, तो उसपर क्या कार्रवाई की गई? उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा का मतलब सिर्फ भाषण देना नहीं होता, यह कार्रवाई करने की जिम्मेदारी है.’

झा ने कहा कि जब देश पर कोई आपदा आती है, तो ‘हम सब एक हो जाते हैं,’ लेकिन राजनीतिक नेतृत्व और सैन्य सेवा दो अलग-अलग चीजें हैं, और उन्हें मिलाया नहीं जाना चाहिए. उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि पहलगाम हमले के बाद हमले में धर्म पूछने की बातों को लेकर बयानबाज़ी हुई. उन्होंने कहा, ‘लिखा गया कि उन्होंने धर्म पूछा, जाति नहीं… इसका मतलब है कि वे अपने मकसद में कामयाब हो गए थे. उनकी गोली में नफरत की बारूद भी भरी थी. लेकिन भारत ने इस सोच को खारिज कर दिया है.’

‘गोलमोल बातें कर रहे हैं पीएम मोदी और विदेश मंत्री’

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री ने गोलमोल बात कही है. उन्हें सीधा कहना चाहिए कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं.’

‘जयशंकर के बताया पाकिस्तान पर एक्शन’

राज्यसभा में ऑपरेशन सिन्दूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, ‘…मैं उनको कहना चाहता हूं, वो कान खोलकर सुन ले. 22 अप्रैल से 16 जून तक, एक भी फोन राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच में नहीं हुआ.’

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका के साथ संचार पर, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, ‘… 9 मई को, अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने प्रधानमंत्री को फोन करके चेतावनी दी कि अगले कुछ घंटों में पाकिस्तानी हमला होगा. प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर कुछ भी हुआ, तो उसका उचित जवाब दिया जाएगा… ऐसा हुआ, और हमारी प्रतिक्रिया ने पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय कर दिया और उनके हवाई अड्डों को निष्क्रिय कर दिया… हमें फोन आए कि पाकिस्तान लड़ाई रोकने के लिए तैयार है… हमसे बात करने वाले किसी भी व्यक्ति को हमने यही जवाब दिया कि पाकिस्तानी पक्ष को एक अनुरोध करना होगा, और वह अनुरोध DGMO के माध्यम से आना होगा… दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नेता नहीं था जिसने भारत से अपने अभियान रोकने के लिए कहा हो… व्यापार से कोई संबंध नहीं था… हमारे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच कोई कॉल नहीं हुई थी…’

‘खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे’

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इसके साथ ही कहा, ‘सिंधु जल संधि कई मायनों में एक अनूठा समझौता है. मैं दुनिया में ऐसे किसी भी समझौते के बारे में नहीं सोच सकता जहां किसी देश ने अपनी प्रमुख नदियों को उस नदी पर अधिकार के बिना दूसरे देश में बहने दिया हो. इसलिए यह एक असाधारण समझौता था और, जब हमने इसे स्थगित कर दिया है, तो इस घटना के इतिहास को याद करना महत्वपूर्ण है. कल मैंने लोगों को सुना, कुछ लोग इतिहास से असहज हैं. वे चाहते हैं कि ऐतिहासिक चीजों को भुला दिया जाए. शायद यह उन्हें शोभा नहीं देता, वे केवल कुछ चीजों को याद रखना पसंद करते हैं…’

उन्होंने कहा, ‘… सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह बंद नहीं कर देता… खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे…’

इसके साथ ही विदेश मंत्री ने बताया कि SAARC फ्रेमवर्क के तहत पाकिस्तान को दिए गए वीजा भी रद्द कर दिए गए हैं. यानी अब SAARC के किसी भी कार्यक्रम में पाकिस्तान की सहभागिता भारत की सहमति पर निर्भर करेगी.

मंगलवार को लोकसभा में हुई गर्मागर्म बहस

इससे पहले मंगलवार को लोकसभा में इस मुद्दे पर 18 घंटे 41 मिनट की तीखी बहस हुई, जिसमें 74 वक्ताओं ने हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ताकत का प्रतीक बताया और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का अभियान जारी रहेगा.

बता दें कि इसी साल 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म पूछकर गोली मार दी थी. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से अधिकतर हिन्दू थे. इस हमले ने देश को झकझोर दिया था और भारत ने इसके जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले कर उन्हें तबाह कर दिया था. इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया था.

मंगलवार को लोकसभा में इस अभियान पर हुई बहस में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. लोकसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर जोर देते हुए कहा कि यह अभियान भारतीय सशस्त्र बलों की बढ़ती ताकत और आत्मनिर्भरता का प्रमाण है. उन्होंने कहा, ‘भारत अब सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ चुप नहीं रहेगा. हमने दुनिया को दिखा दिया कि हमारी लाल रेखाएं पार करने की कीमत चुकानी पड़ती है.’ उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड के उस दावे को खारिज किया, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया.

पीएम मोदी ने साफ किया, ‘दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से ऑपरेशन रोकने को नहीं कहा. यह हमारा स्वतंत्र और दृढ़ रुख है.’ वहीं विदेश मंत्री जयशंकर ने लोकसभा में अपने संबोधन में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति का हिस्सा है, जो ‘नया सामान्य’ स्थापित करता है.

विपक्ष ने इस बहस में सरकार पर कई सवाल उठाए. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार पर सशस्त्र बलों को पूरी छूट न देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘हमारे विमान इसलिए नष्ट हुए, क्योंकि सरकार ने पाकिस्तान के सैन्य ढांचे पर हमला न करने की शर्त रखी थी.’ वहीं प्रियंका गांधी ने ऑपरेशन की रणनीतिक कमियों पर सवाल उठाए, जबकि राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार को पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए. खरगे ने यह भी पूछा कि 100 दिन बाद भी पांच आतंकियों का पता क्यों नहीं चला. पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने ऑपरेशन को ‘अधूरा’ करार दिया और दावा किया कि यह ट्रंप के दबाव में खत्म हुआ.

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