हाइलाइट्स
बेगूसराय एमआरजेडी कॉलेज के शिक्षकों पर लगे थे छात्रों से मारपीट के आरोप. शिक्षकों की 'गुंडागर्दी' पर बवाल जारी, छात्र संगठनों का आक्रोश बढ़ता जा रहा. छात्र संगठनों की पुलिस प्रशासन को चेतावनी, एक्शन नहीं तो तेज होगा आंदोलन.
बेगूसराय. बिहार के बेगूसराय के एमआरजेडी कॉलेज में पिछले दिनों शिक्षकों की गुंडागर्दी सामने आई थी. वायरल वीडियो में देखा गया था कि विद्यालय के प्राचार्य सहित उनके द्वारा पोषित लोगों ने एक दिव्यांग छात्र एवं उसके परिवार के महिलाओं की कॉलेज कैंपस में ही लात घूसों से जमकर पिटाई कर दी थी और अधमरा करके छोड़ दिया था. तकरीबन 10 दिन गुजर जाने के बाद भी आज तक आरोपी शिक्षकों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, इसलिए अब तमाम छात्र संगठन के लोग उग्र आंदोलन की एवं बेगूसराय बंद करने की धमकी दे रहे हैं.
पूरा मामला बेगूसराय जिले में अवस्थित मिथिला विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई एमआरजेडी कॉलेज से जुड़ा हुआ है. यहां 24 अक्टूबर को विद्यालय के दबंग प्राचार्य अमित कुमार एवं उनके द्वारा पोषित लोगों के द्वारा एक दिव्यांग छात्र की बेवजह पिटाई कर दी गई थी. बताया गया था कि दिव्यांग छात्र परीक्षा देने में असमर्थ था इसलिए वह अपनी बहन को लेकर आया था. जब उसकी बहन उत्तर पुस्तिका जमा करने के लिए गई थी उसी वक्त महाविद्यालय के प्राचार्य के द्वारा बदसलूकी की गई थी और उसके साथ मारपीट की गई थी. जब दिव्यांग छात्र ने इसका विरोध किया गया तब शिक्षकों ने उसकी भी पिटाई कर दी एवं अधमरा करके छोड़ दिया. लेकिन, इस सब का वीडियो वायरल हो गया. इसके बाद जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए विद्यालय के प्राचार्य अमित कुमार एवं उसके पिता अशोक सिंह सहित पांच लोगों को नामजद तथा अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया था.
बताया जाता है कि इस मामले में बेगूसराय जिला प्रशासन ने लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही थी, लेकिन छात्रों के आंदोलन के बावजूद भी अब तक गिरफ्तारी नहीं होने से जिला प्रशासन पर उंगली उठ रही है. लोगों का आरोप है कि अब छात्रों को केश उठाने की धमकी भी दी जा रही है, वहीं छात्र संगठनों ने जिला प्रशासन पर पूंजीपतियों और दबंग प्राचार्य के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया है. छात्र संगठनों का कहना है कि आरोपियों को बचाने की साजिश की जा रही है.
उक्त मामले में मिथिला विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने भी महाविद्यालय जाकर जांच पड़ताल की थी और विद्यालय के प्राचार्य को दोषी पाया था. इसके बाद आरोपियों पर कार्रवाई की बात कही थी. लेकिन, अब तक गिरफ्तारी नहीं होने से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं जो छात्र संगठन के साथ-साथ छात्रों एवं जिले के बुद्धिजीवी उठा रहे हैं. अब देखने वाली बात होगी की जिला प्रशासन कब तक आरोपियों को गिरफ्त में लेती है और अपनी नाक बचा पाती है, या फिर जिला प्रशासन को छात्रों के उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा.
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FIRST PUBLISHED :
November 2, 2024, 15:49 IST