Last Updated:May 05, 2025, 11:56 IST
Pahalgam attack: कश्मीर के बैसारन में आतंकी हमले में सबरी गुहा के पति समीर की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हमलावरों ने पहले धर्म पूछा और कलमा पढ़वाया, लेकिन एक मुस्लिम ड्राइवर ने सबरी और उनकी बेटी की जान बचाई.

कश्मीर आतंकी हमला
कोलकाता के बेहाला साखेरबाजार में बैठी सबरी गुहा की आंखें अब भी सूजी हुई हैं. पति समीर गुहा को खोए हुए 13 दिन हो चुके हैं, लेकिन बैसारन वैली का वह खौफनाक मंजर जैसे आंखों के सामने बार-बार घूम जाता है. आतंकियों की गोलियों से पति की मौत हो गई, और सबरी की खुद की टांग टूट गई. वह बार-बार एक ही सवाल पूछती हैं – “जब गोलीबारी 25-30 मिनट तक चली, तो सेना को वहां पहुंचने में एक घंटा क्यों लगा?”
“पहले हमें अलग किया, फिर कहा कलमा पढ़ो”
सबरी बताती हैं कि हमलावरों ने सबसे पहले वहां मौजूद पर्यटकों को धर्म के आधार पर अलग किया. उनसे कलमा पढ़ने को कहा गया. यह सुनकर सबरी और उनके परिवार को खतरे का अहसास हुआ. वह बताती हैं, “हम तीनों (मैं, समीर और बेटी सुभांगी) बैसारन वैली पहुंचे ही थे. फोटो ले रहे थे कि तभी गोलियों की आवाज़ आई. पहले लगा जंगल के बंदरों को भगाने के लिए फॉरेस्ट गार्ड फायरिंग कर रहे हैं. लेकिन जब लगातार फायरिंग हुई और लोग भागने लगे, तब समझ आया कि हमला हुआ है.”
“हमारे ड्राइवर इकबाल ने जान बचाई”
सबरी बताती हैं कि उस घड़ी में एक फरिश्ते की तरह उनके ड्राइवर इकबाल सामने आए. “मेरी बेटी ने किसी और पर्यटक के फोन से इकबाल को कॉल किया. तब तक समीर को गोली लग चुकी थी और मेरी टांग टूट गई थी. इकबाल ने हमें बचाने के लिए टट्टू (घोड़े वाला) बुलाया और खुद भी साथ में रहा. वही हमारे घरवालों को खबर देने वाला पहला इंसान था.” सबरी के भाई सुब्रत घोष भी इस बात की पुष्टि करते हैं.
“हमसे कहा गया – ये मोदी का आदमी है”
सबरी ने बताया कि एक आतंकी जो सेना की ड्रेस में था और चेहरा ढका हुआ था, उसने गोली मारने से पहले कहा – “ये मोदी का आदमी है.” यह सुनकर सबरी को साफ हो गया कि यह हमला केवल अंधाधुंध गोलीबारी नहीं था, बल्कि सोची-समझी साजिश थी.
“कहां गया खुफिया तंत्र?”
वह सवाल करती हैं कि “सेना 7 किलोमीटर दूर थी. क्या उन्हें फायरिंग की आवाज़ नहीं सुनाई दी? क्या उन्हें पता नहीं चला कि मुख्य गेट बंद कर दिया गया है?” सबरी कहती हैं कि कश्मीर को लेकर जिस शांति की बात की जा रही है, वह अगर ऐसी है, तो फिर असली शांति किसे कहते हैं?
“सरकार से इंसाफ चाहती हूं”
सबरी का कहना है कि अब समय आ गया है कि सरकार आतंकियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए. “मुझे न्याय चाहिए. मैं चाहती हूं कि मेरे पति और वहां मारे गए 25 अन्य लोगों को न्याय मिले. एक स्थायी समाधान निकलना चाहिए ताकि कोई और परिवार हमारा सा दर्द ना झेले.”
“BSF जवान की पत्नी का दर्द समझ सकती हूं”
सबरी ने पाकिस्तान में बंद एक बीएसएफ जवान की पत्नी का भी ज़िक्र किया और कहा कि वह उस पीड़ा को बखूबी समझ सकती हैं, क्योंकि उन्होंने भी अपने परिवार का एक सदस्य खोया है.
Location :
Kolkata,West Bengal