अब AK 47 से नहीं, M4 राइफल से आतंकी बना रहे हैं निशाना.. क्या है इसमें राइफल

1 month ago

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के डोडा में सेना ने एंटी टेरर ऑपरेशन के तहत एम4 राइफल, तीन बैग और खून के धब्बे पाए गए हैं. ये सभी अस्सर में नदी के किराने पाए गए हैं. माना जा रहा है कि आतंकी यहीं छिपे हुए थे. जहां पहले अक्सर एके 47 बरामद होती थी वहीं अब आतंकवादियों से पहले के मुकाबले अधिक संख्या में एम4 राइफल बरामद होती है. बड़ी संख्या में आतंकवादी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं जिसका सीधा सा अर्थ यह है कि अब आतंकवादियों के सरगना इनकी सप्लाई अधिक कर रहे हैं.

जम्मू कश्मीर में यह पहली बार नहीं है बल्कि पहले भी सुरक्षा बलों को आतंकवादियों के ठिकानों से एम4 राइफल बरामद हुई है. दरअसल ये आतंकवादी इन राइफलों का इस्तेमाल इसलिए अधिक कर रहे हैं क्योंकि इसमें खूबियां बहुत हैं. इराक और अफगानिस्तान के युद्धों ने अमेरिका ने एम4 को अधिकाधिक इस्तेमाल किया

वजन में हल्की है, गैस से चलती है.. अमेरिका में बनाई गई
एम4 राइफल असल में एम4 कार्बाइन है. M4A1 का उपयोग के बारे में इंटरनेट पर मिली जानकारी के मुताबिक, लगभग सभी अमेरिकी विशेष ऑपरेशन इकाइयों द्वारा किया जाता है और यह सबसे पहले अमेरिका द्वारा ही तैयार की गई थी. एम4 कार्बाइन एक हल्का, गैस से चलने वाला, एयर-कूल्ड, मैगजीन से चलने वाला और कंधे से फायर किया जाने वाला हथियार है.

अमेरिकी सेना इसे खूब इस्तेमाल करती है. इसकी अधिकतम प्रभावी सीमा 500 से 600 मीटर (550-660 गज) है. पूरी तरह से ऑटोमैटिक ट्रिगर है जोकि अधिक बढ़िया ट्रिगर पुल देती है जिससे निशाना अच्छा बैठता है. एम 4 कार्बाइन (आधिकारिक तौर पर कार्बाइन, कैलिबर 5.56 मिमी, एम4 ) 1980 के दशक के दौरान अमेरिका में तैयार की गई थी. यह एक 5.56×45 मिमी नाटो असॉल्ट राइफल है और यह M16A2 असॉल्ट राइफल का छोटा एडिशन कही जाती है. (एजेंसियों से इनपुट)

Tags: ISIS terrorists, Jammu kashmir, Jammu Kashmir Terrorist

FIRST PUBLISHED :

August 14, 2024, 14:49 IST

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