Last Updated:October 28, 2025, 12:29 IST
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए 25 नवंबर को एक विधेयक पेश करेगी, जिसके तहत एक साथ दो या दो से अधिक महिलाओं से शादी करने वाले को उनकी धार्मिक पहचान के बावजूद सात साल तक की जेल की सजा होगी
चार शादियां करने वालों पर सख्त सरकार. (सांकेतिक)Mariage News: असम सरकार महिलाओं की अधिकारों की रक्षा के लिए लेकर कानून लेकर आई है. मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा की सरकार ने सोमवार को जारी नोटिफिकेशन में एक से अधिक शादी पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार के नए कानून में एक से अधिक शादी करने पर सात साल की सजा का प्रावधान है. अब ये बात जाननी जरूरी है कि क्या ये कानून केवल मुस्लिम समुदाय पर लागू होगा या फिर अन्य धर्मों के लोगों पर भी? एक से अधिक शादी का प्रचलन केवल मुस्लिम समुदाय में ही है, तो ऐसे कायास लगाए जा रहे हैं कि इस कानून से सबसे ज्यादा ये ही समुदाय प्रभावित होगा. यह बिल 25 नवंबर को विधानसभा की शीतकालीन सीएम हिमंता पेश करेंगे.
असम सरकार 25 नवंबर को राज्य विधानसभा में बहुविवाह को समाप्त करने के लिए एक विधेयक पेश करेगी, जिसमें अवैध रूप से दूसरी बार शादी करने वालों के लिए सात साल की जेल की सजा का प्रस्ताव है. सरमा ने राज्य में छात्राओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री संतुष्ट मोइना योजना के दूसरे चरण का शुभारंभ करते हुए यह घोषणा की.
मुख्यमंत्री ने इस महीने कई मौकों पर अगले महीने होने वाले विधानसभा सत्र में बहुविवाह विरोधी विधेयक पेश करने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने इसकी तारीख सोमवार को ही घोषित की. सरमा ने कहा, ‘इस बार हमने असम में यह निर्णय लिया है कि जो व्यक्ति एक से अधिक बार शादी करेगा, उसे अपने धर्म की परवाह किए बिना सात साल जेल में बिताने होंगे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘कोई और विकल्प (सात साल जेल) नहीं है. आपका धर्म आपको अनुमति दे सकता है, लेकिन हिमंत बिस्वा सरमा और भाजपा सरकार दूसरी या तीसरी शादी की अनुमति नहीं देंगे. हम असम में महिलाओं और लड़कियों की गरिमा की अंत तक रक्षा करेंगे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काम कर रहे हैं. ये कानून इस प्रयास को और मज़बूत करेंगे. हमने बाल विवाह पर पहले ही कड़ी कार्रवाई की है और दो सालों में 8,000 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया है. बहुविवाह विरोधी कानून हमें ऐसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने के लिए और सशक्त बनाएगा.’
शनिवार को कछार जिले में एक कार्यक्रम के दौरान, सरमा ने राज्य की दो-बाल नीति की भी बात की. उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं के दो से अधिक बच्चे हैं, उन्हें सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से बाहर रखा जाएगा. मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान भी शामिल है, जिसके तहत महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 25,000 रुपये का ऋण मिलता है.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
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First Published :
October 28, 2025, 12:29 IST

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