Last Updated:November 23, 2025, 09:54 IST
दिल्ली ब्लास्ट में आतंकी डॉक्टरों ने मिलकर 26 लाख रुपए जुटाए थे. उन्होंने केमिकल सप्लाई चेन बना रखी थी. इस ग्रुप में सबका काम बंटा हुआ था. आतंकी उमर तकनीकी पक्ष देख रहा था. उसी ने दिल्ली ब्लास्ट किया था.
फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के आतंकी मुजम्मिल ने सच कबूला है.दिल्ली ब्लास्ट केस में नया खुलासा हुआ है. वाइट टेरर मॉड्यूल जांच में यह बात सामने आई है कि आतंकी डॉक्टरों ने मिलकर कुल 24 लाख रुपए जुटाए थे. भारत के कई शहरों में आतंकी हमला करना इसका मकसद था. आतंकी मुजम्मिल गनई ने एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी को कथित तौर पर बताया है कि कैसे पांच डॉक्टरों ने मिलकर ₹26 लाख का फंड जुटाया ताकि कई शहरों में आतंकी हमलों को अंजाम दिया जा सके. पूछताछ से पता चला है कि इस आतंकी नेटवर्क ने विस्फोटक और रिमोट ट्रिगरिंग उपकरण खरीदने में लगभग दो साल लगाए.
जांच अधिकारियों की मानें तो आतंकी मुजम्मिल गनई ने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि उसने इस आतंकी कोष में ₹5 लाख का योगदान दिया था, जबकि अदिल अहमद राथर और मुजफ्फर अहमद राथर ने कथित तौर पर क्रमशः ₹8 लाख और ₹6 लाख दिए थे. एक अन्य डॉक्टर शाहीन शाहिद ने ₹5 लाख और दिल्ली ब्लास्ट वाले आतंकी डॉ. उमर उन-नबी मोहम्मद ने ₹2 लाख दिए थे.
दिल्ली ब्लास्ट में कितने आतंकियों का प्लान
आतंकी उमर नबी (दिल्ली ब्लास्ट में मरने वाला) पुलवामा निवासी डॉ. मुजम्मिल शकील गनई (अरेस्ट) अनंतनाग निवासी डॉ. अदिल अहमद राथर (अरेस्ट) जम्मू-कश्मीर के शोपियां निवासी मुफ्ती इरफान अहमद वागे (अरेस्ट) लखनऊ निवासी डॉ. शाहीन सईद. ( अरेस्ट) मुजफ्फर राथर (अफगानिस्तान में छिपा)अधिकारियों ने बताया कि पूरा फंड उमर को सौंप दिया गया. जांचकर्ताओं ने पाया कि इस समूह ने विस्फोटक और रिमोट-ट्रिगरिंग डिवाइस हासिल करने में लगभग दो साल बिताए. यह उन आतंकियों के डिटेल प्लान का संकेत देता है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये आतंकी रातोंरात विस्फोटक नहीं बना रहे थे, बल्कि यह एक व्यवस्थित ऑपरेशन था.
अमोनियम नाइट्रेट और यूरिया की खरीद
आतंकी मुजम्मिल गनई पर गुरुग्राम और नूह से करीब 3 लाख रुपये में 26 क्विंटल एनपीके उर्वरक खरीदने का भी आरोप है. इस उर्वरक को स्टॉकपाइल्ड अमोनियम नाइट्रेट और यूरिया के साथ कथित तौर पर उमर की देखरेख में विस्फोटक सामग्री में बदला गया. यह साजिश के तकनीकी पहलुओं की देखरेख करने के लिए माना जाता है.
आतंकी उमर का काम रिमोट डेटोनेटर और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट्री की व्यवस्था करना था. जांच की मानें तो आतंकी उमर ने तकनीकी हिस्सा संभाला, जबकि अन्य ने फंडिंग और लॉजिस्टिक्स पर ध्यान केंद्रित किया. अब तक तीन डॉक्टरों – गनई, शाहिद और अदिल राथर को गिरफ्तार किया गया है. मुजफ्फर राथर को लेकर कहा जा रहा है कि वह भी उसी नेटवर्क का हिस्सा है. वह अफगानिस्तान में हो सकता है.
जांच एजेंसी अब अल-फलाह यूनिवर्सिटी में आरोपियों के सहयोगी निसार उल-हसन की भी तलाश कर रही है. आरोप है कि इस यूनिवर्सिटी में कई संदिग्ध एक साथ काम करते थे. रूम नंबर 13 में मुजम्मिल रहता था और उसी में दिल्ली धमाके की प्लानिंग हुई थी. आतंकी उमर ने 10 नवंबर को लाल किला के पास एक हुंडई i20 में विस्फोट किया था. इसमें 14 लोगो की मौत हो गई.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
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First Published :
November 23, 2025, 09:54 IST

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