Last Updated:June 16, 2025, 16:09 IST
Army Story: उत्तर प्रदेश के अमन प्रताप सिंह ने वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनने के लिए लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोड़ दी. उनके पिता, दादा, परदादा भी सेना में थे.

Army Story: गाजीपुर के अमन ने सेना में नौकरी के लिए कई त्याग किए
हाइलाइट्स
अमन प्रताप सिंह ने वायुसेना में अफसर बनने के लिए 46 किलो वजन घटाया.अमन ने लाखों की नौकरी छोड़कर वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनने का सपना पूरा किया.अमन के परिवार की चार पीढ़ियों ने भारतीय सेनाओं में सेवा दी है.नई दिल्ली (Aman Pratap Singh Army Story). उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के निवासी अमन कुमार सिंह ने भारतीय वायुसेना में अफसर बनकर पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया है. दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायुसेनाओं में से एक भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन प्राप्त करने वाले अमन प्रताप सिंह गाजीपुर के करंडा बसंत पट्टी गांव के रहने वाले हैं. खास बात यह है कि अमन के परिवार की चार पीढ़ियों के सदस्य भारतीय सेनाओं में सेवा दे चुके हैं.
अमन के परदादा आर्मी, दादा शीतलदान सिंह नेवी और उनके पिता मनोज सिंह वायुसेना में रहे हैं. अब फ्लाइंग ऑफिसर अमन सिंह अपने देश की सेवा करेंगे. अमन प्रताप सिंह के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था. इसके लिए उन्हें कई त्याग करने पड़े. उनके लिए वजन कम करना भी बड़ी चुनौती थी. लेकिन उनके दृढ़ निश्चय ने उनकी राह आसान बना दी. वायुसेना में अवसर बनने के लिए उन्होंने एमएनसी की फुल टाइम जॉब भी छोड़ दी थी.
कोरोना में बढ़ गया था वजन
फ्लाइंग ऑफिसर अमन सिंह बचपन से ही अपने पिता की तरह वायुसेना में शामिल होकर देश सेवा करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने शुरुआत से कड़ी मेहनत की. हालांकि, कोरोना काल के दौरान उनका वजन 100 किलो से अधिक हो गया था. लेकिन अपनी लगन और मेहनत से उन्होंने पहले अपने वजन को 46 किलो तक कम किया और फिर एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हुए भी अपने सपने को साकार करने में जुटे रहे. जब एयरफोर्स की कठिन परीक्षा की तैयारी के रास्ते में नौकरी बाधा बनने लगी तो अमन ने लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोड़ पूरी शक्ति एयरफोर्स अफसर बनने के लिए लगा दी और सफलता हासिल की.
1 साल की ट्रेनिंग के बाद बने अफसर
अमन सिंह ने पिछले साल फ्लाइंग अफसर की ट्रेनिंग वायुसेना अकादमी हैदराबाद में शुरू की थी. 14 जून को एयरफोर्स अकादमी हैदराबाद में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, चीफ ऑफ द एयर स्टाफ (सीएएस) परेड के समीक्षा अधिकारी थे. उन्होंने स्नातक फ्लाइट कैडेट्स को राष्ट्रपति की तरफ से नियुक्ति पत्र प्रदान किया. इस मौके पर 252 कैडेट्स को वायुसेना ऑफिसर के रूप में उड़ान, तकनीकी, गैर-तकनीकी विभागों में कमीशन मिला.
पासिंग आउट परेड में क्या हुआ?
पासिंग आउट परेड का मुख्य आकर्षण ‘नियुक्ति समारोह’ था. इस समारोह में समीक्षा अधिकारी ने ग्रेजुएट कैडेट्स को फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया था. अकादमी के कमांडेंट ने स्नातक अधिकारियों को शपथ दिलाई और उन्होंने देश की संप्रभुता और सम्मान की रक्षा करने का संकल्प लिया. इस मौके पर भारतीय वायुसेना अध्यक्ष एपी सिंह ने बधाई देते हुए कहा कि ‘जब आपने राष्ट्र की सेवा करने का निर्णय लिया तो आपने एक ऐसा करियर चुना जो न केवल आपसे अधिक अपेक्षा करता है, बल्कि सबसे सम्मानजनक भी है.’
ऑपरेशन सिंदूर का भी हुआ जिक्र
उन्होंने आगे कहा कि जैसा हम भविष्य की ओर देखते हैं, दो चीजें निश्चित हैं – युद्ध का तेजी से बदलता रूप और एयरोस्पेस शक्ति की बढ़ती प्रासंगिकता. ऑपरेशन सिंदूर भारतीय वायुसेना की बेजोड़ पेशेवर क्षमता का एक शानदार उदाहरण है. हमने दुश्मन पर सटीक और निर्णायक वार करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया. वायुसेना के भविष्य के रूप में आपको यह समझना चाहिए कि भारतीय वायुसेना हमेशा से राष्ट्रीय संकट के समय सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाली रही है और आगे भी रहेगी.
Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...और पढ़ें
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