इंटर्न को कितनी सैलरी मिलती है? कहीं 0 तो कहीं लाखों में स्टाइपेंड क्यों?

7 hours ago

नई दिल्ली (Paid Internships). कॉलेज स्टूडेंट्स और हाल ही में ग्रेजुएट हुए युवाओं के लिए इंटर्नशिप करियर की दुनिया का पहला कदम होती है. यह सिर्फ अनुभव हासिल करने का माध्यम नहीं है, बल्कि सीखने के साथ-साथ कुछ कमाई (Stipend) करने का मौका भी है. इंटर्न की सैलरी को स्टाइपेंड कहा जाता है. यह कोई निश्चित राशि नहीं होती है. इंटर्न की सैलरी 0 से लेकर 1 लाख रुपये प्रति माह तक, कुछ भी हो सकती है. यह बड़ा अंतर कंपनी के आकार, इंडस्ट्री, इंटर्नशिप की अवधि इंटर्न के स्किल सेट पर निर्भर करता है.

हाई-प्रोफाइल टेक्निकल और फाइनेंशियल क्षेत्रों में स्टाइपेंड सबसे अधिक होता है, जबकि नॉन-प्रॉफिट या छोटे स्टार्टअप्स में यह अक्सर कम या 0 भी हो सकता है. इसलिए इंटर्नशिप शुरू करने से पहले स्टाइपेंड की सीमा को समझना बहुत जरूरी है. इंटर्नशिप स्टाइपेंड तय करने में सबसे बड़ा फैक्टर इंडस्ट्री और लोकेशन है. जैसे, टेक्नोलॉजी और फाइनेंस सेक्टर्स में काम की मांग अधिक है और एक्सपर्टीज की भी जरूरत होती है. यहां सबसे ज्यादा स्टाइपेंड मिलता है.

Internship Stipend: इंटर्न की सैलरी कैसे तय होती है?

ह्यूमैनिटीज या मीडिया जैसे क्षेत्रों में इंटर्न का स्टाइपेंड कम होता है. इसके अलावा, इंटर्नशिप का नेचर भी मायने रखता है. अगर आप फुल-टाइम और लंबी अवधि (6 महीने से 1 साल) इंटर्नशिप कर रहे हैं,तो स्टाइपेंड अधिक होने की संभावना है. वहीं, अगर आप कोई रिजल्ट-ओरिएंटेड काम कर रहे हैं (जैसे कोडिंग या डेटा एनालिसिस) तो आपको प्रदर्शन-आधारित बोनस भी मिल सकता है.

इंडस्ट्री के हिसाब से इंटर्नशिप स्टाइपेंड की सीमा

1. टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग

स्टाइपेंड रेंज: ₹30,000 से ₹80,000+ प्रति माह.

क्यों ज्यादा: FAANG कंपनियां (Meta, Amazon, Google, आदि) और प्रमुख आईटी कंपनियां उच्च स्टाइपेंड देती हैं, खासकर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट (SDET) और डेटा साइंस इंटर्नशिप के लिए.

2. फाइनेंस और कंसल्टिंग

स्टाइपेंड रेंज: ₹25,000 से ₹1,00,000+ प्रति माह.

क्यों ज्यादा: इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, प्राइवेट इक्विटी और टॉप कंसल्टिंग फर्म्स (जैसे MBB) में इंटर्न्स को बहुत ज्यादा काम करना पड़ता है. इसलिए वे हाई स्टाइपेंड देते हैं.

3. डिजिटल मार्केटिंग और कंटेंट

स्टाइपेंड रेंज: ₹5,000 से ₹25,000 प्रति माह.

क्यों कम: इस सेक्टर में आपूर्ति (Supply) अधिक होने के कारण स्टाइपेंड अपेक्षाकृत कम होता है. हालांकि, बड़ी कंपनियों में यह ₹40,000 तक जा सकता है.

4. ह्यूमन रिसोर्स (HR) और ऑपरेशंस

स्टाइपेंड रेंज: ₹10,000 से ₹30,000 प्रति माह.

क्यों मध्यम: यह संगठनात्मक समर्थन से जुड़ी भूमिकाएं हैं, जिनका वेतन मध्य-श्रेणी में होता है.

क्या बिना सैलरी के इंटर्नशिप करना ठीक है?

बिना सैलरी के इंटर्नशिप करना सही है या नहीं, यह पूरी तरह से आपके करियर गोल्स और इंटर्नशिप की क्वॉलिटी पर निर्भर करता है.

अनपेड इंटर्नशिप तब ठीक मानी जा सकती है जब:

अनुभव मूल्यवान हो: आपको ऐसी विशेषज्ञता या स्किल्स सीखने को मिल रहे हों, जो आपके करियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और कहीं और नहीं मिल सकते. नेटवर्किंग: आपको इंडस्ट्री के टॉप प्रोफेशनल्स के साथ जुड़ने और काम करने का मौका मिल रहा हो. पोर्टफोलियो: आपको ऐसा बड़ा प्रोजेक्ट या काम करने का अवसर मिले, जो आपके रिज्यूमे को तुरंत बेहतर बना दे.

हालांकि, ध्यान रखें कि कुछ कंपनियां ‘अनपेड इंटर्नशिप’ का इस्तेमाल केवल चीप लेबर के लिए करती हैं. अगर इंटर्नशिप में आपको केवल कॉफी बनाने या दोहराव वाले (Repetitive) एडमिनिस्ट्रेटिव काम दिए जाते हैं तो यह आपके समय की बर्बादी है. ध्यान रखें, अनुभव और नेटवर्क पैसे से ज्यादा मूल्यवान हो सकते हैं, बशर्ते इंटर्नशिप आपके सीखने पर केंद्रित हो. अगर आप आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं तो हमेशा सैलरी वाली इंटर्नशिप ही चुनें.

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