ऑफिस टाइम के बाद बॉस का फोन उठाना जरूरी नहीं, इस देश में बन गया रूल

3 weeks ago

वैसे तो जॉब का टाइम फिक्स होता है. किसी की 8 घंटे तो किसी की 9 घंटे की नौकरी होती है लेकिन फोन कॉल, व्हाट्सएप, ऑनलाइन मीटिंग, वर्क फ्रॉम होम जैसी चीजें शुरू होने से एंप्लॉयी अब ऑफिस टाइम के बाहर भी पूरी तरह फ्री नहीं होते हैं. हालांकि ऑस्ट्रेलिया में अब कर्मचारी कानूनी रूप से ऑफिस ऑवर के बाद बिना किसी एक्शन के डर के फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज इग्नोर कर सकते हैं. 

जी हां, ऑस्ट्रेलियाई कर्मचारियों को 'डिस्कनेक्ट करने का अधिकार' मिल गया है. जिन देशों में ऐसा कानून नहीं है, वहां कर्मचारी को डर रहता है कि फोन नहीं उठाया या जो कहा गया वो काम न किया तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है. हालांकि ऑस्ट्रेलिय में सीन बदल चुका है. 

यहां के नए नियमों के अनुसार, कोई भी कर्मचारी पेड वर्किंग ऑवर (जैसे 8 या 9 घंटे) के बाद मैसेज पढ़ने, मॉनिटरिंग या किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से साफ इनकार कर सकता है. प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन को बताया, 'जब लोगों को दिन के 24 घंटे का वेतन नहीं मिलता है, तो उन्हें 24 घंटे काम भी नहीं करना है.' 

उन्होंने कहा, 'कई ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए, मुझे लगता है कि वे निराश हो रहे हैं कि उनसे दिन में 24 घंटे अपने फोन, अपने ईमेल पर एक्टिव रहने की उम्मीद की जाती है. मतलब वे बार-बार चेक करते रहें. देखते रहें.' पीएम ने कहा कि साफ तौर पर, यह एक मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा है.

वर्कप्लेस रिलेशंस मिनिस्टर मुरे वाट ने कहा कि वास्तव में यह लोगों के जीवन में काम और लाइफ के बीच थोड़ा ज्यादा संतुलन लाने की कोशिश है. उन्होंने बताया, 'हम लोगों से जो करने के लिए कह रहे हैं, वह यह है कि लोगों के निजी जीवन के लिए थोड़ा सम्मान रखें और यह स्वीकार करें कि उन्हें उन कॉल को रिसीव करने के लिए निश्चितम समय के बाद भुगतान नहीं किया जा रहा है.'

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