DNA: ऑपरेशन बीपर.. मोसाद के कारनामे से दुनिया सन्न, हिज्बुल्ला की नाक में दम

22 hours ago

Operation Beeper: पिछले चौबीस घंटों से दुनिया दो ही सवाल पूछ रही है...क्या लेबनान में हुए पेजर और रेडियो सेट्स के धमाकों के पीछे इजरायल का हाथ है...और वो कौनसी तकनीक है जिसके जरिए हजारों पेजर्स को एक साथ ब्लास्ट कर दिया। हर बार की तरह इस बार भी...इजरायल ने सरकार ने हिज्बुल्ला आतंकियों पर हुए पेजर अटैक की जिम्मेदारी नहीं ली है...लेकिन पूरी दुनिया यही मानकर चल रही...लेबनान में 4 हजार से ज्यादा हिज्बुल्ला आतंकियों को निशाना बनाने वाले इस पेजर अटैक को....इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने ही अंजाम दिया है...इस हमले को लेकर अलग अलग थ्योरी सामने आ रही हैं...लेकिन एक थ्योरी ज्यादा ठोस नजर आती है...ये थ्योरी है हिज्बुल्ला के पेजर्स में पहले से विस्फोटक लगाने की...किस तरह मोसाद ने इस हैरान करने देने वाले मिशन को पूरा किया होगा..

असल में एक साथ हजारों पेजर फटे...हिज्बुल्ला से जुड़े 11 लोगों की मौत हो गई...200 गंभीर रुप से घायल हो गए...और 2800 से ज्यादा हिज्बुल्ला आतंकियों को अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा...ये आंकड़ा खुद बताता है...कि एक साथ हजारों पेजर फटना इत्तेफाक नहीं था...इसके पीछे बड़ी प्लानिंग थी

इजरायल और हिज्बुल्ला के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है...हिज्बुल्लाह के ड्रोन अटैक्स के जवाब में इजरायली फौज ने हिज्बुल्ला के सीनियर कमांडरों को मिसाइल और बमबारी से निशाना बनाया...हिज्बुल्लाह को शक हुआ कि मोबाइल के जरिए कमांडरों की लोकेशन ट्रैक की गई...तो हिज्बुल्लाह ने मोबाइल छोड़कर पेजर का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया

तकरीबन 4 महीने पहले प्रॉक्सी कंपनियों के जरिए हिज्बुल्लाह के लिए 5 हजार पेजर्स का ऑर्डर दिया गया...धमाकों के बाद लेबनानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी किया...जिसमें कहा गया कि ये पेजर्स ताइवान की एक कंपनी ने बनाए थे...ताइवान की कंपनी ने कहा कि पेजर्स हंगरी की एक कंपनी ने बनाए...जिसके पास ताइवानी कंपनी के ब्रांड को बनाने का अधिकार है

इसी वजह से माना जा रहा है कि हंगरी में ही पेजर्स में विस्फोटक प्लांट किए गए... अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क पोस्ट का दावा है...लेबनान पहुंचने से पहले....पेजर्स के अंदर PETN नाम का विस्फोटक लगाया गया था...जो एक घातक विस्फोटक माना जाता है. पेजर्स के अंदर महीनों पहले विस्फोटक लगाया भी गया...तो उसे एक साथ ब्लास्ट कैसे किया गया...इस सवाल के जवाब में भी एक थ्योरी सामने आई...कुछ सामरिक विशेषज्ञों का मानना है...पेजर्स में एक मालवेयर भी प्लांट किया गया...जिसकी वजह से बैट्री गर्म होकर फट गई...और PETN में विस्फोट हुआ

इंटेलिजेंस की भाषा में ऐसे ऑपरेशन को....SUPPLY CHAIN INFILTRATION कहा जाता है...इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद...पहले भी ऐसे ऑपरेशन करने के आरोप लग चुके है. साल 2023 में ईरान ने अपनी बैलेस्टिक मिसाइल के लिए....इलेक्ट्रिक कनेक्टर्स का ऑर्डर दिया था...जब ईरान को पार्ट्स मिले...तो इन कनेक्टर्स के अंदर विस्फोटक से भरी किट पाई गई....यानी जैसे ही मिसाइल लॉन्च होती तो वो फट जाती

पहले ईरान...और अब ईरान समर्थित हिज्बुल्ला...दोनों पर एक ही तरीके से हमला....और दोनों मौकों पर बड़ा नुकसान...बताता है कि ईरान और उसके प्रॉक्सी गुटों के लिए...मोसाद से बच पाना आसान नहीं है

ये पहली बार नहीं है कि मोसाद ने communication devices में ब्लास्ट कर...अपने दुश्मनों को मौत की नींद सुलाया हो. साल 1973 में म्यूनिख ओलंपिक नरसंहार के आरोपी महमूद हमशारी के घर में मोसाद एजेंट्स ने बम लगाया था...ये बम हमशारी के लैंडलाइन फोन के नीचे लगाया गया था...जैसे ही हमशारी ने फोन उठाया तो बम फट गया और हमशारी मारा गया

साल 1996 में हमास आतंकी याह्या आयाश को भी फोन के जरिए मारा गया...याह्या आयाश हमास का BOMB MAKER था...आयाश को एक एजेंट ने मोबाइल फोन दिया था...जिसके अंदर 50 ग्राम विस्फोटक था...जैसे ही आयाश ने फोन उठाया उसमें धमाका हो गया था. पिछले ही महीने ईरान के अंदर हमास का चीफ इस्माइल हानियेह मारा गया था...जिस तरह हिज्बुल्लाह के पेजर्स में 4 महीने पहले विस्फोटक लगाए गए थे...उसी तरह हानियेह के तेहरान वाले गेस्ट हाउस में भी...2 महीने पहले बम लगाया गया था...जिसमें ब्लास्ट के बाद हानियेह का टेरर चैप्टर हमेशा के लिए बंद हो गया.

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