पिता का शब्द बना रामबाण, बेटे ने क्रैक किया NEET, अब यहां से करेंगे MBBS

10 hours ago

NEET Success Story: अगर हौसला बुलंद हो और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो फिर हर बाधा को पार किया जा सकता है. ऐसी ही कहानी एक लड़के की है, जो डॉक्टर बनने के अपने सपने को लेकर दूसरे शहरों में शिफ्ट हो गए. इस दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उनकी परेशानी तब और बढ़ गई जब उनके पिता बीमार हो गए और आर्थिक तंगी होने लगी. इसके बावजूद उन्होंने अपने सपने को पूरा करने में लगे रहे और आखिरकार उन्होंने नीट यूपी की परीक्षा को पास करने में सफल रहे. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम अनमोल कुमार सिंह (Anmol Kumar Singh) है.

720 में से हासिल की 675 मार्क्स 
नीट यूजी में सफलता हासिल करने वाले अनमोल कुमार सिंह (Anmol Kumar Singh) बिहार के छपरा जिले से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने अपने पहले प्रयास में नीट यूजी की परीक्षा में असफल रहे. इसके बाद वह दूसरे प्रयास में 675 अंकों के साथ नीट यूजी की परीक्षा को पास करने में सफल रहे हैं. वह घर में बड़े बेटे हैं. इसकी वजह से उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ देने और अपने परिवार की स्थिति को बेहतर बनाने के दबाव का सामना करना पड़ा. वह अक्सर अपने पिता को यह कहते हुए सुना है कि अनमोल, खूब पढ़ाई करो, जो तुम कर रहे हो उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते रहो.

परेशानियों ने बनाया डॉक्टर
अनमोल (Anmol Kumar Singh) के पिता उनसे कहते थे कि शिक्षा ही बेहतर जीवन का एकमात्र रास्ता है. इसके बाद उनके शब्दों ने अनमोल के अंदर MBBS करने की तीव्र इच्छा पैदा कर दी. वह मेडिकल की एम्स-दिल्ली की बजाय बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों के कॉलेजों से करना चाहते हैं. उनकी प्रेरणा उनके समुदाय पर सार्थक प्रभाव डालने और छपरा में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में सुधार करने की गहरी इच्छा से उपजी है. सीमित मेडिकल फैसिलिटी वाले एक छोटे से शहर में पले-बढ़े होने की वजह से उन्होंने देखा कि लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इसके बाद अनमोल को डॉक्टर बनने का जुनून सवार हो गया.

12वीं में हासिल की 96 प्रतिशत अंक
अनमोल (Anmol Kumar Singh) कक्षा 12वीं की परीक्षा में 96 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. वह रोजाना सुबह 6 बजे उठते थे और कोचिंग के बाद हर दिन कई घंटे सेल्फ-स्टडी करते थे. दूसरे प्रयास में NEET पास करने की उनकी यात्रा में उनके चाचा ने उन्हें आर्थिक रूप से सहायता की. मेरे पिता एक किसान हैं और उन्हें काफी वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. इससे उनके लिए कोचिंग से जुड़े खर्चों को वहन करना मुश्किल हो गया. नीट यूजी की परीक्षा के लिए उचित तैयारी के महत्व को समझते हुए उनके चाचा ने आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कदम बढ़ाया.

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Tags: MBBS student, NEET, Neet exam, Success Story

FIRST PUBLISHED :

September 19, 2024, 17:09 IST

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