Last Updated:December 22, 2025, 11:11 IST
Maharashtra Election Results Effect: महाराष्ट्र निकाय चुनाव में हार के बाद विपक्षी एमवीए गठबंधन में दरारें और गहरी हो गई हैं. कांग्रेस की कमजोर परफॉर्मेंस पर शिवसेना (यूबीटी) ने तंज कसा और कि कांग्रेस को 'टूरिस्ट पार्टी' तक कह डाला.
शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता ने महाराष्ट्र निकाय चुनाव में हार पर कांग्रेस को घेरा है.महाराष्ट्र के नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) की करारी हार के बाद गठबंधन में दरारें साफ नजर आने लगी हैं. उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने अपने सहयोगी कांग्रेस पर तीखा तंज कसा है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता आनंद दुबे ने कांग्रेस को ‘टूरिस्ट पार्टी’ करार दे दिया. दुबे ने कहा कि कांग्रेस हर चुनाव में हिस्सा लेती है, पोस्टर-बैनर लगाती है, लेकिन बीएमसी जैसे महत्वपूर्ण चुनावों में 30 साल से विपक्ष में बैठी है.
आनंद दुबे ने मीडिया से बातचीत में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, ‘कांग्रेस पार्टी अब एक टूरिस्ट पार्टी बन गई है. जब चुनाव आते हैं, तो उनके पोस्टर और बैनर लग जाते हैं. हर बार बीएमसी चुनाव लड़ते हैं, और हर बार 30 सालों से विपक्ष में बैठे हैं.’
दुबे ने राहुल गांधी पर परोक्ष तंज कसते हुए यह भी कहा, ‘कांग्रेस सिर्फ बड़े नेताओं के चेहरे पर चुनाव लड़ती है, लेकिन ग्राउंड पर काम नहीं करती.’ उनका इशारा साफ है कि कांग्रेस चुनावी मैदान में सिर्फ ‘दिखावा’ करती है, लेकिन जीत नहीं दिलाती. उन्होंने आगे कहा कि एमवीए में कांग्रेस की कमजोर परफॉर्मेंस गठबंधन को नुकसान पहुंचा रही है.
एमवीए के लिए कैसे रहे रिजल्ट?
यह बयान एमवीए में बढ़ती नाराजगी को उजागर करता है, खासकर जब महायुति गठबंधन ने 288 निकायों में से 200 से ज्यादा पर कब्जा जमाया हो. नगर परिषद के चुनाव नतीजों में भाजपा ने 117 से ज्यादा निकायों में नगराध्यक्ष पद जीते, जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) ने 53 और राष्ट्रवादी (अजित पवार) ने 37 पद हासिल किए.
इन चुनावों एमवीए की हालत बेहद खराब रही. कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 35 निकाय जीते, लेकिन उद्धव गुट की शिवसेना को सिर्फ 8 और शरद पवार गुट की राष्ट्रवादी को 8 ही मिले. यह हार उद्धव गुट के लिए बड़ा झटका है, जो बीएमसी में 30 साल से सत्ता में रहा है, लेकिन अब स्थानीय स्तर पर भी कमजोर पड़ता दिख रहा है.
कांग्रेस से क्यों नाराज उद्धव की सेना?
यह तंज कोई अचानक नहीं है. चुनाव प्रचार के दौरान भी उद्धव गुट और कांग्रेस में सीट बंटवारे को लेकर खटपट हुई थी. कई जगहों पर दोनों दलों के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ लड़े, जिससे वोट बंट गए और महायुति को फायदा हुआ. उद्धव गुट के नेता मानते हैं कि कांग्रेस की संगठनात्मक कमजोरी और स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं की कमी ने एमवीए की हार में बड़ा रोल खेला.
ये नतीजे आगामी 15 जनवरी को होने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) और अन्य 28 नगर निगम चुनावों के लिए महत्वपूर्ण हैं. बीएमसी में उद्धव गुट की 30 साल पुरानी पकड़ को महायुति तोड़ना चाहती है, जहां भाजपा की बढ़ती ताकत बड़ा खतरा है. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि एमवीए में यह तंज गठबंधन की एकता पर सवाल उठाता है. अगर बीएमसी में भी यही हाल रहा, तो 2029 विधानसभा चुनावों में एमवीए की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
महाराष्ट्र की राजनीति में स्थानीय निकाय चुनाव हमेशा बड़े चुनावों का सेमीफाइनल माने जाते हैं. महायुति की यह जीत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की रणनीति की कामयाबी है, जबकि एमवीए को आत्ममंथन की जरूरत है. उद्धव गुट का कांग्रेस पर तंज गठबंधन की अंदरूनी कलह को उजागर करता है.
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An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
Location :
Mumbai,Maharashtra
First Published :
December 22, 2025, 10:48 IST
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