काश! UP की महिला की तरह लोगों ने सुनी होती तक्ष की आवाज, बच जाती मासूम की जान

13 hours ago

Last Updated:June 16, 2025, 16:34 IST

Delhi Child Drown swimming pool Case: पीतमपुरा में छह साल का तक्ष राठी स्विमिंग पूल में डूब गया, जबकि गंगा में डूबते व्यक्ति को महिला ने चुन्नी से बचाया. यह घटनाएं समाज की संवेदनशीलता और लापरवाही पर सवाल उठाती ...और पढ़ें

काश! UP की महिला की तरह लोगों ने सुनी होती तक्ष की आवाज, बच जाती मासूम की जान

पुलिस मामले की जांच कर रही है. (File Photo)

हाइलाइट्स

तक्ष राठी स्विमिंग पूल में डूबा, कोई मदद नहीं मिली.गंगा में महिला ने चुन्नी से डूबते व्यक्ति को बचाया.समाज की संवेदनशीलता और लापरवाही पर सवाल उठे.

नई दिल्‍ली. उत्‍तर पश्चिमी दिल्‍ली स्थित पीतमपुरा इलाके में एक छह साल का बच्‍चा तक्ष राठी स्विमिंग पूल में तैराकी करने के दौरान डूब गया. जिस वक्‍त यह हादसा हुआ वहां काफी लोग मौजूद थे लेकिन किसी ने भी बच्‍चे को बचाने के लिए आगे आने की हिम्‍मत नहीं उठाई. यह घटना समाज की संवेदनशीलता और लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाती है. यह दुखद घटना MCD कम्युनिटी सेंटर के स्विमिंग पूल में हुई, जिससे और ज्‍यादा सवाल उठ रहे हैं. तक्ष के साथ दो अन्य बच्चे भी तैर रहे थे. दूसरी और एक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जहां गंगा में डूबते शख्‍स को एक महिला ने चुन्‍नी फेंककर बचा लिया.

महिला की हर कोई कर रहा तारीफ

पीतमपुरा हादसे के समय स्‍वीमिंग पूल के पास कोई लाइफगार्ड मौजूद नहीं था ओर न ही सुरक्षा उपकरण और CCTV कैमरे वहां लगे हुए थे. वहां मौजूद लोग तमाशबीन बने रहे. किसी ने भी बच्चे को बचाने की कोशिश नहीं की. यह घटना न केवल MCD की अव्यवस्था को उजागर करती है बल्कि सामाजिक उदासीनता को भी दर्शाती है. यदि समय पर कोई कदम उठाया जाता, तो शायद तक्ष की जान बच सकती थी. दूसरी और गंगा नदी में डूब रहे व्यक्ति को बचाए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति गंगा की तेज धार में बह रहा था. पास में मौजूद एक महिला ने तुरंत अपनी चुन्नी फेंकी और उसे किनारे की ओर खींच लिया. इस साहसिक कदम ने न केवल उस व्यक्ति की जान बचाई बल्कि मानवता की मिसाल भी कायम की.

लोग आगे आते तो बच जाता तक्ष

इन दोनों घटनाओं का तुलनात्मक विश्लेषण हमें समाज के दो चेहरों से रूबरू कराता है. एक ओर पीतमपुरा की घटना, जहां लापरवाही और उदासीनता ने एक बच्चे की जान ले ली, दूसरी ओर गंगा नदी की घटना जहां एक महिला की तुरंत कार्रवाई ने जीवन बचा लिया. यह अंतर दर्शाता है कि संकट के समय साहस और संवेदनशीलता कितनी महत्वपूर्ण है. समाज को इस तरह की घटनाओं से सबक लेना चाहिए. स्विमिंग पूल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करना और लोगों में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है. गंगा नदी की घटना हमें प्रेरित करती है कि छोटे-से-छोटा प्रयास भी किसी की जिंदगी बचा सकता है.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

और पढ़ें

homedelhi

काश! UP की महिला की तरह लोगों ने सुनी होती तक्ष की आवाज, बच जाती मासूम की जान

Read Full Article at Source