कौन हैं वो स्वामी, जिनकी धमकी के बाद यूपी सरकार लगवा रही थी नेम प्लेट?

1 month ago

Name Plate Controversy: दुकानों के बाहर नेम प्लेट का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो इस पर रोक लग गई. उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर आंतरिक रोक लगाते हुए कहा कि दुकानदारों को अपना नाम लिखने की जरूरत नहीं है. बस यह बताने की जरूरत है कि उनके यहां वेज खाना मिलता है या नॉनवेज. साथ ही इस मामले में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब भी तलब कर लिया है.

कैसे शुरू हुआ विवाद?
उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के रूट पर पड़ने वाली दुकानों को बाहर साफ-साफ दुकानदार का नाम लिखने का आदेश दिया. खासकर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से खबरें आईं कि प्रशासन जबरन नेम प्लेट लगवा रहा है. इसको लेकर राजनीतिक घमासान मच गया. एक पक्ष ने सरकार पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाया. योगी सरकार के इस फैसले के पीछे मुजफ्फरनगर में आश्रम चलाने वाले स्वामी यशवीर महाराज का बड़ा हाथ था. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर कांवड़ यात्रा से पहले दुकानों के बाहर नेम प्लेट नहीं लगी तो वे खुद मजबूरन ऐसा करवाएंगे.

कौन हैं स्वामी यशवीर?
स्वामी यशवीर महाराज मुजफ्फरनगर से करीब 15 किलोमीटर दूर बघरा गांव में योग आश्रम चलाते हैं. इसका नाम है ”योग साधना यशवीर आश्रम”. बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस आश्रम में स्वामी यशवीर के अलावा उनके शिष्य ब्रह्मचारी स्वामी मृगेंद्र स्वामी भी रहते हैं, जो उनके दाहिने हाथ हैं. आश्रम के अंदर कड़ी जांच पड़ताल के बाद ही लोगों को प्रवेश मिलता है.

Svami Yashveer Maharaj (@dharmaparchar) / X

स्वामी यशवीर मुजफ्फरनगर के एक जाट परिवार में जन्मे हैं. हालांकि सन्यासी जीवन से पहले उनका नाम क्या था, माता-पिता का क्या नाम था जैसी जानकारी नहीं मिलती है. परिवार के बारे में पूछने पर वह बस इतना कहते हैं कि संतों के बारे में निजी सवाल नहीं किया जाता. स्वामी यशवीर दावा करते हैं कि उन्होंने बचपन में अपना घर-बार छोड़ दिया था और तब से परिवार से संपर्क नहीं है.

क्या होता है इनके आश्रम में?
‘योग साधना यशवीर आश्रम’ की स्थापना से पहले स्वामी यशवीर (Swami Yashveer Maharaj) हरियाणा के तमाम जिलों में रहे और वहां योग सीखा. इसके बाद करीब दो दशक पहले बघरा गांव में अपना परमानेंट ठिकाना बना लिया. अब इस आश्रम में योग की शिक्षा देते हैं. साथ ही सालाना एक यज्ञ का आयोजन भी करते हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर लोग जुटते हैं.

 Swami Yashveer Maharaj & Kanwar Yatra order

सपा सरकार में क्यों गए थे जेल?
भगवा वस्त्र पहनने और माथे पर गोल टीका लगाने वाले स्वामी यशवीर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. विवादों से पुराना नाता है. साल 2015 में उन्होंने कथित तौर पर एक पंचायत में पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की. इसके बाद उनके खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज किया गया और गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में स्वामी यशवीर करीब साढ़े सात महीने जेल में रहे. उस समय उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका भी लगा दी गई. अगस्त 2016 में जब रासुका हटी तब उन्हें जमानत मिल पाई.

 Swami Yashveer Maharaj & Kanwar Yatra order

‘घर वापसी’ के लिए अभियान
स्वामी यशवीर ‘घर वापसी’ का अभियान भी चलाते हैं. किसी और धर्म से हिंदू धर्म में आने वाले लोगों के लिए शुद्धिकरण हवन भी करते हैं. वह दावा करते हैं कि अब तक 1000 से अधिक मुसलमानों की ‘घर वापसी’ करवा चुके हैं. बीबीसी हिंदी को दिये इंटरव्यू में कहते हैं कि दुकानों के बाहर नेम प्लेट के मुद्दे पर उनकी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात हुई थी. दोनों ने आश्वासन दिया था कि उनके साथ हैं. स्वामी यशवीर दावा करते हैं कि वह मुसलमानों के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि धार्मिक अशुद्धता के खिलाफ हैं.

ये भी पढ़ें- Explainer: डिफेंस को 6.21 लाख करोड़ का बजट, फिर भी चीन से कैसे पिछड़ा भारत? समझिये पूरी गणित

राजनीतिक बैकग्राउंड
स्वामी यशवीर (Swami Yashveer Maharaj) की इलाके में अच्छी पैठ है और 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में चरथावल सीट से चुनाव भी लड़ना चाहते थे. टिकट के लिए जोर-शोर से कैंपेन किया. हालांकि उन्हें टिकट नहीं मिल सका. कहते हैं कि अगर प्रभु चाहेंगे तो राजनीतिक इच्छा जरुर पूरी होगी. स्वामी यशवीर ने पिछले साल ही जमीयत उलेमा ए हिंद के नेता अरशद मदनी और महमूद मदनी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए खुली बहस की चुनौती दे दी थी. उन्होंने देवबंद की तरफ कूच भी कर दिया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें मुजफ्फरनगर में ही रोक लिया.

Tags: CM Yogi Adityanath, Kanwar yatra, Yogi Adityananth

FIRST PUBLISHED :

July 24, 2024, 15:12 IST

Read Full Article at Source