क्या अब होम डिलिवरी से घर पहुंचेगी शराब, कुछ राज्य कर रहे विचार, नियम क्या हैं

1 month ago

हाइलाइट्स

देश के कुछ राज्यों में शराब की होम डिलिवरी हो रही हैकरीब 06 राज्य और होम डिलिवरी पर विचार कर रहे हैंभारत में शराब राज्य का विषय, लिहाजा हर स्टेट में इसके कानून भी अलग

दिल्ली, कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, गोवा और केरल राज्य घर-घर तक शराब को होम डिलिवरी से पहुंचाने पर विचार कर रहे हैं. स्विगी, बिगबास्केट और जोमैटो जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से वो ऐसा कर सकते हैं. हालांकि इसके खिलाफ आवाज भी उठ रही है. विरोध हो रहा है लेकिन जानते हैं कि ऐसा होगा और ये करने के तर्क हैं.

भारत में शराब की खपत में लगातार वृद्धि देखी गई है. प्रति व्यक्ति खपत वर्ष 2003-2005 में 1.6 लीटर थी, जो वर्ष 2010 में बढ़कर 2.2 लीटर हो गया. इसके बाद ये वर्ष 2016-2018 में 5.5 लीटर हो गई.

सवाल – भारत दुनिया में शराब का कितना बड़ा बाजार है?
– 52 बिलियन डॉलर के राजस्व के साथ भारत दुनिया भर में छठा सबसे बड़ा शराब बाजार है. 2019 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सर्वेक्षण के अनुसार 2018 में भारत में 10-75 वर्ष आयु वर्ग में लगभग 16 करोड़ शराब उपयोगकर्ता थे. जिसमें करीब 5.7 करोड़ लोग अक्सर शराब का सेवन करते थे. वैसे भारत में शराब के सेवन से भारत में हर साल 3 लाख लोगों की मौत होती है।

सवाल – दरवाजे पर डिलीवरी के पक्ष में क्या तर्क दिए जा रहे हैं और क्यों?
– शराब की डोरस्टेप डिलीवरी के पक्ष में दो मुख्य तर्क हैं. पहला, शराब की बिक्री पर उत्पाद शुल्क से केंद्र और राज्य सरकारों को राजस्व जुटाने में मदद मिल सकती है। इसका इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए किया जा सकता है.
दूसरा, घर-घर जाकर डिलीवरी करने से शराब पीकर गाड़ी चलाने की घटनाओं में कमी आ सकती है. सड़क दुर्घटनाओं और चोटों को रोका जा सकता है. भारत में, 6-48% घातक सड़क दुर्घटनाएं शराब के सेवन के कारण होती हैं. इसलिए उन्हें कम करना बहुत ज़रूरी है।
तीसरा तर्क यह है कि घर-घर जाकर शराब की डिलीवरी से महिला उपभोक्ताओं की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है. केरल से कुछ सबूत मिले हैं कि शराब बेचने वाले बार बंद होने से महिलाओं के खिलाफ़ परिसर में हिंसा कम हुई है. फिर दुकान पर महिलाओं के जाने से भी कई बार उनके साथ अप्रिय स्थितियां बन जाती हैं. हालांकि इसके खिलाफ एक तर्क ये भी है कि अगर घर-घर जाकर शराब की डिलीवरी हो रही है तो इससे वो महिलाएं असुरक्षित हो सकती हैं, जो घर में अकेली रहती हैं या अन्य महिलाओं के साथ रहती हैं.

सवाल – भारत में किन राज्यों में शराब की होम डिलिवरी कानूनी तौर पर मान्य है?
– जुलाई 2024 तक, केवल ओडिशा और पश्चिम बंगाल ही शराब की होम डिलीवरी की अनुमति मान्य है.

सवाल- कौन से और राज्य ऐसा करने पर विचार कर रहे हैं?
– नई दिल्ली, कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, गोवा और केरल सहित कुछ राज्य इस पर विचार कर रहे हैं. वो ये काम स्विगी, बिगबास्केट और ज़ोमैटो जैसे प्लेटफ़ॉर्म से अनुमति देने पर विचार कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत बीयर, वाइन और लिकर जैसे कम अल्कोहल वाले पेय पदार्थों से होगी. हालांकि शराब कंपनियां भी सरकार से ऐसा करने की मांग करती रही हैं.

सवाल – भारत में शराब पीने की कानूनी उम्र क्या है?
– भारत के अलग अलग राज्यों में शराब पीने की कानूनी उम्र भी अलग अलग है. ये 18 वर्ष से 25 वर्ष के बीच है. गोवा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, सिक्किम और पुडुचेरी जैसे राज्यों में लोगों को 18 वर्ष की आयु होने के बाद हल्की बीयर पीने की अनुमति है. कई राज्य 21 साल की उम्र तक किसी भी व्यक्ति को शराब पीने की अनुमति नहीं देते. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, झारखंड और मध्य प्रदेश शामिल हैं.
केरल देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां शराब पीने की कानूनी उम्र 23 साल है, जिसे कुछ साल पहले 21 साल से बढ़ा दिया गया था. महाराष्ट्र, चंडीगढ़, मेघालय और पंजाब में शराब पीने की कानूनी उम्र 25 साल है.

सवाल – भारत के किन राज्यों में शराब पीने पर पूर्ण पाबंदी है?
– भारत में, बिहार , गुजरात , नागालैंड और मिजोरम साथ केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में शराब का सेवन प्रतिबंधित है. मणिपुर के कुछ जिलों में शराब पर आंशिक प्रतिबंध है. अन्य सभी भारतीय राज्य शराब पीने की अनुमति देते हैं.

सवाल – किस राज्य में सरकार खुद शराब बेचती है?
– शराब भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत राज्य सूची में एक विषय है. भारत में शराब आमतौर पर शराब की दुकानों, रेस्तरां, होटल, बार, पब, क्लब और डिस्को में बेची जाती है. देश में दो राज्य ऐसे हैं, जो प्राइवेट दुकानों के जरिए इसको नहीं बेचते बल्कि अपनी दुकानों से इसे बेचते हैं. ये राज्य केरल और तमिलनाडु हैं.

सवाल – आप कितनी शराब पीकर वाहन चला सकते हैं?
– खून में अल्कोहल की मात्रा की कानूनी सीमा 0.03% या 100 मिलीलीटर रक्त में 30 मिलीग्राम अल्कोहल है. यानि करीब एक पैग या उससे भी कम.

सवाल – अगर ज्यादा शराब पीकर वाहन चला रहे हैं तो क्या होगा?
– 1 मार्च 2012 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मोटर वाहन अधिनियम में प्रस्तावित बदलावों को मंजूरी दी है. जिससे ₹2,000 से ₹10,000 तक का जुर्माना हो सकता है. साथ ही 6 महीने से 4 साल तक की कैद भी हो सकती है. अपराध के समय रक्त में अल्कोहल की मात्रा के आधार पर दंड का आकलन किया जाता है.

सवाल – ड्राई -डे क्या होते हैं, जिस दिन ना तो शराब बिक सकती है ना सार्वजनिक तौर पर इसको पी सकते हैं?
– शुष्क दिवस वे विशिष्ट दिन होते हैं जब शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होती है. अधिकांश भारतीय राज्य इन दिनों को गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गांधी जयंती (2 अक्टूबर) पर रखते हैं.भारत में चुनाव के दौरान शुष्क दिवस भी होते हैं.

Tags: Illegal alcohol, Liquor business, Liquor shop, New Liquor Policy

FIRST PUBLISHED :

August 9, 2024, 09:12 IST

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