Last Updated:June 18, 2025, 07:15 IST
Modi Macron G7 Summit : जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मुलाकात की शुरुआत बेहद गर्मजोशी से हुई... दोनों एक दूसरे गले मिले और हल्के ठहाके भी लगाए. ...और पढ़ें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मुलाकात की शुरुआत बेहद गर्मजोशी से हुई.
कनाडा के कनानास्किस में चल रहे 51वें जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और फ्रांस के रिश्तों की गर्माहट एक बार फिर नजर आई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जब आमने-सामने आए तो शुरुआत गर्मजोशी से हुई… दोनों एक दूसरे गले मिले और हल्के ठहाके भी लगाए. लेकिन कुछ ही देर बाद बातचीत का मूड गंभीर हो गया.
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच यह द्विपक्षीय बैठक जी-7 के इतर हुई. इसमें दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें जलवायु परिवर्तन, वैश्विक सुरक्षा, तकनीकी सहयोग और इजरायल-ईरान युद्ध जैसे संवेदनशील विषय शामिल थे.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने मैक्रो से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,
‘राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बातचीत हमेशा सुखद होती है. हमने कई वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा किए. भारत और फ्रांस मिलकर धरती के हित में काम करते रहेंगे.’
भारत-फ्रांस साझेदारी की मजबूती
यह मुलाकात केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि भारत और फ्रांस के मजबूत रणनीतिक संबंधों का प्रतीक भी रही. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी और मैक्रों के बीच ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज को मजबूत करने, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने और क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में सहयोग पर भी गंभीर बातचीत हुई.
इजरायल-ईरान युद्ध पर क्या हुआ?
हालांकि जी-7 सम्मेलन के एजेंडे में यूक्रेन और वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रमुख मुद्दे रहे, पर इस बार इजरायल और ईरान के बीच चल रही जंग की छाया भी स्पष्ट तौर पर महसूस की गई. दुनिया के 7 बड़े लोकतांत्रिक देशों के नेता इस संकट पर निजी स्तर पर चर्चा करते नजर आए.
सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी ने इसी विषय पर मैक्रों के साथ भारत की संतुलित और मानवीय सोच साझा की. उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए और हिंसा के बजाय कूटनीति से समाधान की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.
फ्रांस में होगी G7 की अगली बैठक
राष्ट्रपति मैक्रों ने इस दौरान ऐलान किया कि 2026 का जी-7 शिखर सम्मेलन फ्रांस के एवियॉन शहर में आयोजित होगा. यह वही ऐतिहासिक शहर है जहां 1962 में ‘एवियॉन समझौते’ पर हस्ताक्षर हुए थे, जिसने अल्जीरिया को स्वतंत्रता दिलाई थी.
पीएम मोदी और मैक्रों की इस मुलाकात की शुरुआत भले ही दोस्ताना अंदाज में हुई हो, लेकिन बातचीत में मुद्दे गंभीर थे. ग्लोबल डिप्लोमेसी के इस मंच पर भारत ने फिर से यह स्पष्ट किया कि वह केवल दर्शक नहीं, एक सक्रिय, जिम्मेदार और संतुलनकारी ताकत है. भारत और फ्रांस के बीच यह संवाद दर्शाता है कि दुनिया के सबसे जटिल भू-राजनीतिक संकटों पर भी दोनों देश मिलकर सार्थक भूमिका निभाने को तैयार हैं.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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