जोधपुर. गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर मामले में जोधपुर की एसीजेएम सीबीआई केस अदालत ने संज्ञान लेते हुए सीबीआई की ओर से पेश की गई क्लोजर रिपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया है. अब इस मामले में तत्कालीन चूरू एसपी राहुल बारहट, तत्कालीन एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़, आरएसी हैड कांस्टेबल कैलाश, कांस्टेबल धर्मवीर, सोहनसिंह और धर्मपाल को प्रथम दृष्टया आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ हत्या का केस चलेगा. आनंदपाल की पत्नी राजकुमारी के वकील भंवर सिंह के अनुसार ने एनकाउंटर में आनंदपाल को एडिशनलन एसपी विद्या प्रकाश कैलाश और सूर्यवीर सिंह ने सबसे पहले गोली मारी थी.
गैंगस्टर आनंदपाल का 24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव में एसओजी ने एनकाउंटर कर दिया था. उसके बाद प्रदेशभर में राजपूत समाज में भारी आक्रोश पैदा हो गया था. राजपूत समाज के भारी आक्रोश सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने आनंदपाल के मामले में जांच को सीबीआई को सौंपा था. सीबीआई ने इस मामले में जांच कर इस एनकाउंटर को सही मानते हुए अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी थी. उसके बाद एसीजेएम सीबीआई केस न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए इस रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया है. अब इस मामले में ट्रायल चलेगा.
200 से अधिक पुलिसकर्मियों ने घेर लिया था
आनंदपाल की पत्नी के वकील भंवर सिंह ने बताया कि आनंदपाल को श्रवण सिंह के मालासर गांव में स्थित घर पर 200 से अधिक पुलिसकर्मियों ने घेर लिया था. उनका कहना है कि पुलिस जाप्ता आनंदपाल तक जाने में सफल नहीं हो पा रहा था. इस पर पुलिस ने आनंदपाल के भाई रूपेंद्र को कहा कि आप हमारे आगे चलिए ताकि आनंदपाल सरेंडर कर सके. तब रूपेंद्र सिंह आगे चला और आनंदपाल को सरेंडर करने के लिए कहा.
कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट की कहानी को संदेहास्पद माना
आनंदपाल ने जब सरेंडर कर दिया तो पुलिसकर्मियों ने आनंदपाल सिंह के साथ मारपीट की. वह जब खड़ा हुआ तो उसके सीने पर गोलियां दाग दी. उसके बाद एक के बाद एक करके 11 गोलियां आनंदपाल को मारी गई. आनंदपाल के शरीर पर कुल 26 चोटों के निशान और 11 गोलियां पाई गई थी. एसीजेएम सीबीआई केसेज अदालत ने मामले में सीबीआई की ओर से पेश की गई क्लोजर रिपोर्ट की कहानी को संदेहास्पद मानते हुए उसे स्वीकार कर दिया है.
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FIRST PUBLISHED :
July 25, 2024, 09:39 IST