'जस्टिस चंद्रचूड़' की बैठी अदालत, महिला की हुई पेशी, फिर लुट गई दुनिया

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Last Updated:December 29, 2025, 08:29 IST

Digital Arrest Scam: डिजिटल स्‍कैम की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. साइबर फ्रॉड करने वाले ऐसे-ऐसे तरीके अपना रहे हैं, जिससे आम लोगा धोखा खा जा रहे हैं. मुंबई में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें एक बुजुर्ग महिला अपनी गाढ़ी कमाई गंवा बैठीं.

'जस्टिस चंद्रचूड़' की बैठी अदालत, महिला की हुई पेशी, फिर लुट गई दुनियाDigital Arrest Scam: मुंबई में डिजिटल स्‍कैम का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. (फाइल फोटो/PTI)

Digital Arrest Scam: सरकार और विभिन्‍न एजेंसियों की ओर से लगातार चलाए जा रहे जागरुकता अभियान चलाए जाने के बावजूद फ्रॉड करने वाले अपने मंसूबे में कामयाब हो ही जा रहे हैं. डिजिटल अरेस्‍ट का मामला ऐसा नासूर बन चुका है, जिसकी चपेट में आकर लोग अपनी जिंदगी भर की कमाई गंवा दे रहे हैं. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. एक बुजुर्ग महिला से जालसाजों ने लाखों रुपये की ठगी कर ली. पीड़िता से रुपये ऐंठने के लिए पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बकायदा फर्जी अदालत भी लगाई गई. उस मॉक कोर्ट में एक शख्‍स आया जिसने खुद को जस्टिस चंद्रचूड़ बताया. इस तरह महिला से तकरीबन 4 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई. फ्रॉड होने का आभास होने के बाद पीड़िता ने पुलिस से शिकायत की है.

जानकारी के अनुसार, मुंबई के वेस्‍टर्न सबअर्ब में रहने वालीं 68 वर्षीय महिला के साथ साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम का एक बेहद चौंकाने वाला अंजाम दिया. ठगों ने न केवल पुलिस और जांच एजेंसियों का रूप धारण किया, बल्कि वर्चुअल कोर्ट की फर्जी सुनवाई कर एक व्यक्ति को ‘जस्टिस चंद्रचूड़’ के रूप में पेश किया. इस पूरी साजिश के जरिए महिला से करीब 3.8 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई. पुलिस के अनुसार, यह मामला 18 अगस्त को शुरू हुआ, जब महिला को ‘कोलाबा पुलिस स्टेशन’ से कॉल आने का दावा किया गया. कॉल करने वाले ने बताया कि महिला का बैंक खाता 6 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा है. महिला ने जब कहा कि उसने ऐसा कोई खाता नहीं खोला है, तो ठगों ने पहले से तैयार एक ‘केस नंबर’ और कथित आधिकारिक पत्र दिखाकर उसे डराने की कोशिश की.

लगातार बनाया दबाव

इसके बाद महिला को लगातार मानसिक दबाव में रखा गया. ‘टाइम्‍स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, जालसाजों ने महिला को सख्त हिदायत दी कि वह इस मामले की जानकारी किसी से साझा न करे, अन्यथा उसकी तुरंत गिरफ्तारी हो सकती है. डर और भ्रम की स्थिति में महिला ने ठगों के कहने पर अपने बैंक खाते से जुड़ी जानकारियां साझा कर दीं. उसे यह भी बताया गया कि उसका मामला अब सीबीआई को सौंप दिया गया है और वह ’24 घंटे की निगरानी’ में है. कुछ समय बाद खुद को ‘ऑफिसर एसके जायसवाल’ बताने वाले व्यक्ति ने महिला से संपर्क किया. उसने महिला से उसकी ‘नैतिकता और चरित्र’ की जांच के नाम पर 2-3 पन्नों का जीवन-वृत्तांत लिखने को कहा. आरोपी ने भरोसा दिलाया कि वह उसकी बेगुनाही से संतुष्ट है और जल्द ही उसे जमानत मिल जाएगी.

वर्चुअल कोर्ट में सुनवाई

इसके बाद महिला की वर्चुअल सुनवाई कराई गई. वीडियो कॉल पर एक व्यक्ति दिखाई दिया, जिसने खुद को ‘जस्टिस चंद्रचूड़’ बताया. महिला को पहले ही चेतावनी दी गई थी कि वह सभी सवालों के जवाब ईमानदारी से दे वरना गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. इस फर्जी सुनवाई के दौरान महिला का विश्वास पूरी तरह जीत लिया गया और अलग-अलग चरणों में उससे करोड़ों रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए. जब महिला को बाद में ठगी का एहसास हुआ, तो उसने वेस्ट साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जांच के दौरान पुलिस ने गुजरात के 46 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसके बैंक खाते में ठगी की बड़ी रकम ट्रांसफर हुई थी.

विदेश से ऑपरेट कर रहा जालसाज

हालांकि, पुलिस का कहना है कि इस रैकेट के मुख्य आरोपी विदेश से ऑपरेट कर रहे हैं, जिससे उन तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण है. पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी तरह की ‘डिजिटल गिरफ्तारी’, वर्चुअल कोर्ट या फोन पर जांच एजेंसी बनकर की गई कॉल्स पर भरोसा न करें और तुरंत पुलिस से संपर्क करें. यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि साइबर ठग लगातार नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को निशाना बना रहे हैं, खासकर बुजुर्गों को.

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

Location :

Mumbai,Maharashtra

First Published :

December 29, 2025, 08:29 IST

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