Last Updated:November 09, 2025, 20:57 IST
Kapil Sibal: राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने हरियाणा से बिहार तक चली चार “स्पेशल ट्रेनों” पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग और रेलवे मंत्रालय को घेरा. उन्होंने कहा, “क्या ये ट्रेनें वोटरों के लिए थीं या किसी प्लान ऑपरेशन का हिस्सा?” सिब्बल बोले, “जेन्युइन वोटर्स को स्पेशल ट्रेन की जरूरत नहीं होती.”
राज्यसभा सांसद ने कहा कि “यह जांच का विषय है कि रेलवे ने ये ट्रेनें किसके कहने पर चलाईं.” (फोटो PTI)नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग और रेलवे मंत्रालय पर गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा से बिहार तक हजारों लोगों को लेकर कई “स्पेशल ट्रेनें” चलाई गईं, जिनका उद्देश्य संदिग्ध है. सिब्बल ने कहा, “क्या यह वोटर्स को लाने-ले जाने का ‘ऑपरेशन’ था?”
सिब्बल ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि “क्या आयोग कार्रवाई कर रहा है या फिर बीजेपी का सहयोगी बन गया है?” उन्होंने रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी जवाब मांगा कि आखिर नवंबर की शुरुआत में अचानक हरियाणा से बिहार के लिए ट्रेनें क्यों चलाई गईं, जबकि छठ पूजा के वक्त ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई थी.
‘चार ट्रेनें, छह हजार यात्री, कई सवाल’
कपिल सिब्बल ने दावा किया कि 3 नवंबर को चार ट्रेनें हरियाणा से बिहार रवाना हुईं दो करनाल से पानीपत के रास्ते बरौनी तक और दो गुरुग्राम से पटना के रास्ते भागलपुर तक. इन ट्रेनों में करीब 6,000 लोग सफर कर रहे थे. सिब्बल ने कहा, “अगर ये लोग बिहार के वास्तविक वोटर थे तो उन्हें चुनाव से पहले स्पेशल ट्रेन की जरूरत क्यों पड़ी? असली वोटरों को ट्रेन की नहीं, बस एक पहचान पत्र की जरूरत होती है.”
चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप
राज्यसभा सांसद ने कहा कि “यह जांच का विषय है कि रेलवे ने ये ट्रेनें किसके कहने पर चलाईं. क्या चुनाव आयोग को इसकी जानकारी थी? क्या आयोग ने किसी राजनीतिक दल के दबाव में काम किया?” सिब्बल ने यह भी कहा कि अगर चुनाव आयोग वाकई निष्पक्ष है तो उसे तत्काल इस मामले में सफाई देनी चाहिए. उन्होंने कहा, “देश को जानने का अधिकार है कि 3 नवंबर की रात आखिर हुआ क्या.”
‘चुनाव की निष्पक्षता दांव पर’
सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “चुनाव लोकतंत्र की आत्मा है. अगर प्रशासन या रेलवे जैसी एजेंसियां किसी पार्टी के लिए काम करेंगी तो जनता का भरोसा खत्म हो जाएगा.” उन्होंने कहा कि “यह समय है जब हम पूछें कि क्या चुनाव आयोग अपनी स्वतंत्रता बचा पाएगा या फिर वो सरकार का एक औजार बन जाएगा.”
विपक्ष की चुप्पी पर भी तंज
दिलचस्प बात यह रही कि सिब्बल के इन आरोपों पर अब तक किसी बड़े विपक्षी दल ने खुलकर प्रतिक्रिया नहीं दी है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सिब्बल का यह बयान “चुनावी पारदर्शिता” के मुद्दे को दोबारा चर्चा में ला सकता है, खासकर तब जब कई राज्यों में चुनावी प्रक्रिया जारी है.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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First Published :
November 09, 2025, 20:56 IST

3 hours ago
