Last Updated:November 24, 2025, 18:52 IST
पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट सुधार अभियान SIR को लेकर नाराज BLO अधिकारियों ने सोमवार को CEO दफ्तर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. कॉलेज स्क्वायर से जुलूस निकालते हुए उन्होंने दफ्तर के मुख्य द्वार पर प्रतीकात्मक ताला-ज़ंजीर लगाने की कोशिश की. पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि SIR के दौरान उन पर अमानवीय दबाव डाला जा रहा है और शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही.
बंगाल में बीएलओ ने प्रदर्शन किया.कोलकाता: पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट सुधारने को लेकर चल रहे चुनाव आयोग के SIR अभियान के बीच सोमवार को नाराज बूथ-लेवल ऑफिसर (BLOs) मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के दफ्तर पर विरोध प्रदर्शन करने पहुंच गए. BLO अधिकारियों ने CEO कार्यालय के मुख्य द्वार को प्रतीकात्मक रूप से बंद करने के लिए ताले और ज़ंजीरें लेकर जुलूस निकाला. प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों के बीच दफ्तर में घुसने की कोशिश के दौरान जमकर धक्का-मुक्की और हाथापाई हुई. BLOs अधिकार रक्षा समिति के सदस्यों ने कॉलेज स्क्वायर से यह जुलूस निकाला और मध्य कोलकाता स्थित CEO दफ्तर के बाहर पुलिस बैरिकेड्स तोड़ने का प्रयास किया.
‘हमें बातचीत के लिए बुलाया’
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने चुनाव आयोग के खिलाफ नारे लगाए और आरोप लगाया कि SIR अभ्यास के दौरान उन पर अमानवीय दबाव डाला जा रहा है, जिसकी शिकायत पर आयोग ने कोई ध्यान नहीं दिया. उधर कुछ बीएलओ ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि चीफ इलेक्शन ऑफिसर ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया था लेकिन अब वह उनसे मिल नहीं रहे हैं.
‘दो साल का काम 30 दिन में’
BLOs अधिकार रक्षा समिति ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें वह काम एक महीने की छोटी अवधि में पूरा करने का निर्देश दिया गया है, जिसे सामान्य तौर पर पूरा करने में दो साल से अधिक का समय लगता है. विरोध कर रहे BLOs का दावा है कि इस अत्यधिक दबाव ने न केवल उन्हें बीमार कर दिया है बल्कि तनाव के चलते दो BLOs ने अपनी जान दे दी है. यह आरोप बहुत गंभीर है और यह दर्शाता है कि चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित की गई समय-सीमाएं जमीनी हकीकत से कितनी दूर हैं.
समय सीमा बढ़ाने की मांग
BLOs अधिकार रक्षा समिति ने चेतावनी दी है कि यदि काम की समय-सीमा नहीं बढ़ाई गई और आवश्यक सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो वे निरंतर विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे. दूसरी ओर, BLOs ओइक्यो मंच जैसे अन्य संगठनों ने भी डिजिटल डेटा एंट्री से जुड़ी समस्याओं को उठाया है और अतिरिक्त स्टाफ की मांग की है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 24, 2025, 18:52 IST

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