तिरुचेंदूर में कंधा सष्टि उत्सव की धूम, भक्तों की लगती है भीड़, जानिए क्यों है

2 weeks ago

तिरुचेंदूर सुभ्रमण्यम स्वामी मंदिर में कंधा सष्टि उत्सव आज यागशाला पूजा के साथ शुरू हुआ. यह उत्सव मुरुगन के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, और इसे धूमधाम से मनाया जाता है. मंदिर में हर साल हजारों भक्त इस अवसर पर एकत्रित होते हैं, जो अपनी आस्था और श्रद्धा के साथ समारोह में भाग लेते हैं. मुरुगन के अणुभाई निवासों में से दूसरे निवास तिरुचेंदूर सुभ्रमण्यम स्वामी मंदिर में आयोजित होने वाले उत्सवों में सबसे महत्वपूर्ण कंधा सष्टि उत्सव है. इस वर्ष का कंधा सष्टि उत्सव आज सुबह यागशाला पूजा के साथ प्रारंभ हुआ. इसके बाद भक्तों ने मंदिर परिसर में ठहरकर सष्टि व्रत शुरू किया. इस दौरान भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशेष रूप से प्रार्थना करते हैं.

व्रत का पालन
मंदिर परिसर में छह दिन ठहरकर व्रत का पालन करने वाले भक्त हर दिन मुरुगन के भजन गाकर और कंधा सष्टि कवच का उच्चारण करके व्रत का पालन करते हैं. उत्सव की शिखर घटना के रूप में 7 तारीख को सूरasamharam होगा. उस दिन तूतुकुडी जिले में स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है, ताकि भक्त इस विशेष दिन का लाभ उठा सकें.

उत्सव का पहला दिन
कंधा सष्टि उत्सव के पहले दिन आज सुबह 1 बजे मंदिर का दरवाजा खोला गया, और स्वामी को विश्वरूप दीपाराधना, उदयमार्तंड अभिषेक किया गया. भक्तों ने इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की. इसके बाद स्वामी जयंति नाथ यागशाला पूजा के लिए प्रकट हुए. यह पूजा भक्तों के लिए एक दिव्य अनुभव होता है. कंधा सष्टि सुबह मंडप में यागशाला पूजा के साथ कंधा सष्टि उत्सव की शुरुआत हुई. इसके बाद मूलवर को उच्छिकल अभिषेक और दीपाराधना का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया. भक्तों का उत्साह देखने लायक था, और हर कोई इस पवित्र अवसर का आनंद ले रहा था.

विशेष आयोजन और कार्यक्रम
उत्सव के दौरान विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्तों के लिए सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, भजन कीर्तन और नृत्य शामिल होते हैं. स्थानीय कलाकार अपने गायन और नृत्य से भक्तों का मन मोह लेते हैं. इस उत्सव में भाग लेकर लोग अपनी सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखते हैं. भक्तों की श्रद्धा इस उत्सव की आत्मा है. वे अपने परिवार के साथ इस अवसर पर उपस्थित होकर एक दूसरे के साथ अपनी आस्था को साझा करते हैं. मंदिर में होने वाली विभिन्न गतिविधियों में भाग लेकर वे अपने धर्म और संस्कृति को आगे बढ़ाते हैं.

Tags: Local18, Special Project, Tamil nadu

FIRST PUBLISHED :

November 2, 2024, 21:02 IST

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