'दिमाग के जादूगर, मानों 130 साल का अनुभव'...शुभांशु के साथियों ने और क्या कहा?

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Last Updated:June 25, 2025, 14:54 IST

Shubhanshu Shukla: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने Axiom-4 मिशन के लिए अंतरिक्ष की उड़ान भरी. राकेश शर्मा के बाद वह अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय बनें.

'दिमाग के जादूगर, मानों 130 साल का अनुभव'...शुभांशु के साथियों ने और क्या कहा?

शुभांशु शुक्ला

हाइलाइट्स

शुभांशु ने Axiom-4 मिशन के लिए पायलट बनकर अंतरिक्ष में उड़ान भरी.राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय बनें शुभांशु।उनके साथियों ने शुभांशु की बुद्धि और अनुभव की खूब तारीफ की.

Axiom 4 mission: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और फाइटर पायलट शुभांशु, ने आज Axiom-4 मिशन के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की उड़ान भरी. इस मिशन में वो अमेरिका, हंगरी और पोलैंड के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ शामिल हैं. सबसे खास बात ये है कि शुभांशु इस मिशन के पायलट हैं और वो ऐसा करने वाले भारत के सिर्फ दूसरे व्यक्ति होंगे- पहले थे राकेश शर्मा, जिन्होंने 1984 में अंतरिक्ष की यात्रा की थी.

NDA से लेकर Axiom तक…
शुभांशु का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. 10 अक्टूबर 1985 को जन्मे शुभांशु NDA पुणे से पढ़ाई करके 2006 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए. उन्होंने मिग-21, मिग-29, सुखोई-30 MKI जैसे खतरनाक और तेज़ फाइटर प्लेन्स उड़ाए हैं. उनके पास कुल 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव है.

2019 में ISRO से कॉल आया और फिर शुरू हुई उनकी स्पेस ट्रेनिंग की कहानी. रूस के मशहूर यूरी गागरिन ट्रेनिंग सेंटर में उन्होंने अंतरिक्ष यात्रा की कड़ी ट्रेनिंग ली. 2024 में ISRO ने उन्हें भारत के पहले मानव मिशन ‘गगनयान’ के लिए चुना, जो 2026 में लॉन्च होगा. और अब, वो Axiom-4 के जरिए अंतरिक्ष की अपनी पहली उड़ान पर निकल रहे हैं.

राकेश शर्मा मेरे आदर्श हैं: शुभांशु
Axiom वेबसाइट पर दिए गए इंटरव्यू में शुभांशु कहते हैं, “मैंने बचपन में राकेश शर्मा की कहानियां किताबों में पढ़ीं और उनसे बहुत प्रभावित हुआ.” उन्होंने बताया कि जब उन्हें इस मिशन के बारे में पता चला, तो वो सिर्फ एक हफ्ता पहले ही था. “ये सफर अद्भुत रहा है. ऐसे पल आपको एहसास कराते हैं कि आप किसी बहुत बड़ी चीज़ का हिस्सा बन रहे हैं,” उन्होंने कहा.

उनका सबसे बड़ा मकसद है भारत के बच्चों को प्रेरित करना. वो कहते हैं, “अगर मेरी कहानी किसी एक बच्चे की सोच बदल सके, तो ये मिशन मेरी सबसे बड़ी सफलता होगी.”

अंतरराष्ट्रीय टीम में बना भरोसे का चेहरा
Axiom-4 मिशन में उनके साथ अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन, पोलिश स्पेस इंजीनियर स्लावोस उज़्नांस्की और हंगरी के टिबोर कपु हैं. टिबोर कहते हैं, “शुभांशु में अनुभव की गहराई है. लगता है जैसे वो 130 साल के हों.”

पेगी व्हिटसन, जो NASA की पूर्व चीफ एस्ट्रोनॉट हैं, उन्होंने कहा- “वो ऑपरेशनल कामों में बेहद होशियार हैं. स्पेसक्राफ्ट टेक्नोलॉजी को लेकर उनका ज्ञान गज़ब है.” वहीं, स्लावोस कहते हैं, “वो फोकस्ड हैं और हमेशा काम को रिकॉर्ड टाइम में पूरा कर लेते हैं.”

भारत की नई उड़ान का नाम है शुभांशु
शुभांशु शुक्ला सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्री नहीं हैं, वो भारत के युवाओं के लिए नई उम्मीद हैं. उनके जैसे लोगों की कहानियां देश की नई पीढ़ी को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की हिम्मत देती हैं. उड़ान भरने के बाद शुभांशु ने पहले संदेश में कहा भी, ये मिशन सिर्फ मेरा नहीं बल्कि हर भारतीय का है‘.

Location :

New Delhi,Delhi

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