यूपी के बरेली में बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग करने वाला मुख्य आरोपी रविंद्र नाम बदल-बदलकर अलग-अलग होटलों में रुका था। पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ है। उसने बरेली में अपनी असली पहचान रविंद्र के नाम से होटल में रूम लिया, तो रामपुर में
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बरेली से रामपुर तक बदली पहचान दरअसल, रविंद्र बरेली के शिकलापुर में रोडवेज बस स्टैंड के पास स्थित प्रीत गेस्ट हाउस में 10 सितंबर को रुका था। 11 सितंबर की सुबह उसने चेक आउट किया और फिर रामपुर पहुंचा, जहां उसने रामनिवास के नाम से होटल में आईडी दी। अगले दिन यानी 12 सितंबर को वह अपने साथी अरुण के साथ बरेली लौटा और करीब साढ़े तीन बजे दिशा पाटनी के घर पर ताबड़तोड़ फायरिंग करके फरार हो गया। पुलिस के मुताबिक रविंद्र ने तीन अलग-अलग आईडी पर होटलों में रूम लिए, जिनमें उसने अपना नाम रामनिवास और सागर बताया।
खुला चेहरा, नहीं था कोई खौफ रविंद्र ही मुख्य आरोपी था जिसने फायरिंग की, जबकि अरुण बाइक चला रहा था और हेलमेट पहने हुए था। लेकिन रविंद्र के चेहरे पर कोई खौफ नहीं था। उसने न तो चेहरा छिपाया और खुलेआम फायरिंग की। इस वजह से सीसीटीवी कैमरों में उसका चेहरा साफ आ गया। पुलिस ने बरेली शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगे 1320 कैमरों की मदद से उसकी पूरी कुंडली खंगाल ली।

SSP ने बताया जांच का तरीका एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि एसपी ट्रैफिक मुहम्मद अकमल और ICCC स्टाफ की मदद से सभी कैमरों को कई बार चेक किया गया। जिन दो शूटरों ने फायरिंग कर दहशत फैलाई थी, वे झुमका चौराहे से बाइक से शहर में आते हुए कैमरे में कैद हो गए। आगे की जांच में पुलिस होटल तक भी पहुंच गई, जहां रविंद्र और अरुण रुके थे।
शूटरों का होटल कनेक्शन रविंद्र और अरुण अलग-अलग होटलों में ठहरे थे। रविंद्र अकेले प्रीत गेस्ट हाउस में रुका, जबकि अरुण, नकुल और विजय स्टेशन रोड स्थित हिंद गेस्ट हाउस में रुके। चारों शूटर 10 सितंबर को बरेली आए और 11 को लौट गए। पहले दिन नकुल और विजय को फायरिंग के लिए भेजा गया, लेकिन वे दिशा पाटनी के घर को पहचान नहीं पाए और घर के बाहर हवाई फायर कर लौट गए।
पहला प्लान फ्लॉप हो गया रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ इंतजार में थे कि घटना के बाद कोई प्रतिक्रिया होगी। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज होगी या मीडिया में चर्चा होगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। पहले दिन की घटना फ्लॉप हो गई। जगदीश पाटनी ने भी उस दिन की घटना को हल्के में लिया और नजरअंदाज कर दिया। पुलिस से लेकर मीडिया तक किसी को इसकी जानकारी नहीं हुई।

दूसरे दिन हत्या की साजिश अगले दिन कुख्यात शूटर रविंद्र और अरुण को भेजा गया। इस बार गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा का मकसद सिर्फ दहशत फैलाना नहीं था, बल्कि दिशा पाटनी की बहन खुशबू पाटनी और उनके पिता रिटायर्ड डीएसपी जगदीश सिंह पाटनी की हत्या करना था। शूटरों को पता था कि बाप-बेटी दोनों सुबह योगा करते हैं। इसी वजह से रविंद्र ने 12 राउंड फायरिंग की। इसमें जगदीश सिंह पाटनी बाल-बाल बच गए।
एनकाउंटर के बाद नई धमकी
रविंद्र और अरुण के एनकाउंटर के बाद रोहित गोदारा ने धमकी दी। इस पर जगदीश पाटनी ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि योगी राज में अगर कोई कानून हाथ में लेगा तो उसका हश्र वही होगा, जो रविंद्र और अरुण का हुआ।
CM योगी और पुलिस का जताया आभार
जगदीश पाटनी ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में कहा-
मैं सर्वप्रथम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने मुझे और मेरे परिवार को निडर जीवन का विश्वास दिलाया और आज उसे साकार कर दिखाया है। भयमुक्त समाज और जीरो टॉलरेंस का जो नारा उन्होंने दिया था, उसे पुलिस ने अंजाम तक पहुंचाया है। जब से मुख्यमंत्री ने प्रदेश की कमान संभाली है, पूरा प्रदेश भयमुक्त होकर अमन-चैन की सांस ले रहा है।
उन्होंने आगे कहा- अब कोई भी अपराधी जो समाज विरोधी गतिविधियों में शामिल है, या तो खत्म हो चुका है या प्रदेश छोड़कर भाग गया है। मुख्यमंत्री ने जो कार्य समाज के लिए किया है, वह कोई और नहीं कर सकता। आज के इस कदम के लिए मैं और मेरा परिवार सदा उनका ऋणी रहेगा।
पुलिस टीम की सराहना पाटनी ने पुलिस अधिकारियों का नाम लेकर धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा-
मैं डीजीपी राजीव, एडीजी अमिताभ यश, एडीजी बरेली जोन रमित शर्मा, डीआईजी अजय कुमार साहनी, एसएसपी अनुराग आर्य और पूरी टीम का आभार व्यक्त करता हूं। पिछले 5-6 दिनों से पुलिस ने सिर्फ इसी मामले पर दिन-रात मेहनत की और आखिरकार अपराधियों को अंजाम तक पहुंचा दिया। मैं एसटीएफ टीम को भी धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने मुख्यमंत्री का भरोसा पूरी तरह जीत लिया है।
जब मुख्यमंत्री योगी, डीजीपी और पूरी पुलिस मेरे साथ है, तो मुझे किसी तरह का डर नहीं है। आगे की कार्रवाई भी पूरी तरह अंजाम तक पहुंचेगी।