दो IPS की खुल गई फाइल! कुछ इस तरह से ले सकते हैं गैलेंट्री अवॉर्ड

1 month ago

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दो आईपीएस अधिकारियों और हरियाणा पुलिस के दो अधिकारियों द्वारा किसानों पर की गई ‘फायरिंग’ का ब्यौरा मांगा है. जिनके नाम की सिफारिश हरियाणा सरकार ने दो अन्य पुलिस वालों के साथ ‘वीरता के लिए पुलिस पदक’ के लिए की है. क्योंकि उन्होंने फरवरी में अपने दिल्ली चलो आंदोलन के तहत पंजाब से राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च कर रहे किसानों को राज्य की शंभू सीमा पर रोका था. गृह मंत्रालय ने यह अनुरोध ऐसे समय किया है, जब पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे हरियाणा की सिफारिश पर फिर से विचार करने की अपील किया है. उन्होंने कहा कि किसानों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई में शामिल अधिकारियों को वीरता पदक देना जले पर नमक छिड़कने जैसा है.

हरियाणा सरकार ने फरवरी में पंजाब के साथ अपनी सीमा पर शंभू और खनौरी पॉइंट पर बैरिकेड्स लगाए थे. तब संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में दिल्ली तक मार्च की घोषणा की थी. 2 जुलाई को केंद्र को भेजी गई सिफारिशों में हरियाणा सरकार ने तीन आईपीएस अधिकारियों- सिबाश कबीराज (आईजीपी, अंबाला), जशनदीप सिंह रंधावा (एसपी, कुरुक्षेत्र) और सुमित कुमार (एसपी, जींद) को वीरता पदक देने की मांग की है. जबकि हरियाणा पुलिस के तीन अधिकारियों में नरेंद्र सिंह, राम कुमार और अमित भाटिया (सभी डीएसपी) शामिल हैं. सरकार ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर से उनकी असाधारण बहादुरी और नेतृत्व के लिए सिफारिशें हासिल करने के बाद नाम आगे बढ़ाए.

गृह मंत्रालय ने राज्य से मांगी जानकारी
हालांकि, 8 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने हरियाणा के गृह विभाग को दो खत भेजे. जिसमें बताया गया कि ऑनलाइन जमा किए गए आवेदनों के साथ सभी जरूरी जानकारी शेयर नहीं की गई है. संचार को देखने वाले कई स्रोतों के अनुसार गृह मंत्रालय ने पाया कि सभी अनुशंसाकर्ताओं की गोलीबारी का विवरण और आंदोलनकारियों के खिलाफ आपराधिक मामलों की स्थिति अपलोड नहीं की गई है. गृह मंत्रालय ने राज्य से इस जानकारी को तत्काल उपलब्ध कराने को कहा.

Agra News: हैलो! मैं एसपी कासगंज बात कर रही हूं… फर्जी महिला आईपीएस ने आगरा के दो व्यापारियों को उठवाया

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के कर्मियों के लिए कोई सिफारिश नहीं
अपनी जांच में गृह मंत्रालय ने पाया कि राज्य की सीमाओं पर हरियाणा पुलिस के साथ केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों के कर्मियों को भी तैनात किया गया था, लेकिन इन बलों के अधिकारियों के लिए ऐसी कोई सिफारिश नहीं की गई है. गृह मंत्रालय के इस सवाल से हरियाणा सरकार मुश्किल में पड़ सकती है क्योंकि उसने कभी आधिकारिक तौर पर यह नहीं कहा है कि उसके बलों ने प्रदर्शनकारी किसानों पर गोलियां चलाईं. राज्य सरकार ने हमेशा कहा है कि उसके बलों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केवल आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया है.

Tags: Farmers Protest, Home ministry, IPS officers, Punjab Farmers Protest

FIRST PUBLISHED :

July 24, 2024, 09:23 IST

Read Full Article at Source