Pakistan dragged out refugees: ईरान और पाकिस्तान ने एक ही दिन में 4000 से ज्यादा अफगान शरणार्थियों को अपने देश से बाहर कर दिया है. अफगानी शरणार्थियों के साथ हुई इस जबरदस्ती की जानकारी तालिबान के हवाले से अफगान मीडिया ने दी है. जिसमें पझवोक अफगान न्यूज ने तालिबान के उप प्रवक्ता हमदुल्ला फितरत के एक्स पोस्ट का जिक्र अपनी रिपोर्ट में किया है. दरअसल, फितरत की तरफ से सोशल प्लेटफॉर्म पर प्रवासी मुद्दों को सुलझाने के लिए गठित उच्चायुक्त की रिपोर्ट शेयर की थी, जिमसें उन्होंने पाकिस्तान और ईरान की तरफ से 4834 सदस्यों वाले 1,053 परिवारों के अफगानिस्तान लौटने का जिक्र किया था.
तालिबान ने की सहायता
फितरत ने अपनी पोस्ट में बताया कि पाकिस्तान और ईरान से निकाले गए रिफ्यूजी नंगरहार में तोरखम क्रॉसिंग, हेरात में इस्लाम कला क्रॉसिंग और निमरोज में पुल-ए-अब्रेशम के अलावा कंधार में स्पिन बोल्डक और हेलमंद में बहरामचा के जरिए अफगानिस्तान में दाखिल हुए हैं. तालिबान के उप प्रवक्ता का कहना है कि 6566 सदस्यों वाले 1160 परिवारों को उनके अपने इलाकों में भेजा गया है, जबकि अन्य 780 परिवारों की उन्होंने मानवीय मदद की है. इतना ही नहीं उन्होंने अफगानिस्तान लौटने वाले अफगान रिफ्यूजी को 827 सिम कार्ड भी दिए हैं. अफगान मीडिया के अनुसार पुलिस ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के अर्जेंटीना पार्क में रात भर छापा मारकर कई अफगान शरणार्थियों और महिला एक्टिविस्ट्स को हिरासत में लिया है. मीडिया ने यह भी बताया कि उनको हिरासत में लेने से पहले पहले पीटा भी गया है.
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पाकिस्तान की नीच हरकत
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हुई इस घटना पर अफगान मीडिया आउटलेट अमू टीवी ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है. जिसमें उन्होंने कि पुलिस ने रात को बिना किसी सूचना के पार्क को घेर लिया और लगभग 200 अफगान परिवारों और एक्टिविस्ट्स को तंबू से बाहर निकालकर जबरदस्ती हटा दिया. वो लोग वहां लगभग चार महीने से रह रहे थे. इसके बारे में एक शरणार्थी ने वीडियो के जरिए बताया कि पुलिस आई और सबको इकट्ठा किया, जिसके बाद उन्होंने वहां से सारे टेंट हटा दिए. टेंट हटाने के बाद उन लोगों को गाड़ियों में भर दिया गया. इस पूरी घटना में कुछ बच्चे घायल भी हुए हैं.

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