Last Updated:December 01, 2025, 18:49 IST
केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में देश के बैंकिंग सिस्टम को चूना लगाकर विदेश भागने वाले आर्थिक अपराधियों (Fugitive Economic Offenders) को लेकर एक विस्तृत और अहम रिपोर्ट पेश की है. सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, विजय माल्या (Vijay Mallya) और नीरव मोदी (Nirav Modi) जैसे हाई-प्रोफाइल भगोड़ों पर भारतीय बैंकों का कुल 58,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है.
विजय माल्या और नीरव मोदी (File Photo)अगर आपको लगता है कि देश का पैसा लेकर भागने वालों में सिर्फ विजय माल्या और नीरव मोदी का नाम है, तो आप गलत हैं. यह लिस्ट बहुत लंबी है और लूट का आंकड़ा होश उड़ाने वाला है. मोदी सरकार ने संसद में जो ‘चिट्ठा’ खोला है, उससे साफ हो गया है कि जनता की गाढ़ी कमाई लूटकर विदेश भागने वाले 2-4 नहीं, बल्कि पूरे 53 भगोड़े हैं. इन सबने मिलकर भारतीय बैंकों को 58,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया है. लेकिन अब सरकार ने साफ संदेश दे दिया है कि चाहे कोई सात समंदर पार क्यों न छिपा हो, उसकी गर्दन पकड़ ली गई है.
संसद में वित्त मंत्रालय द्वारा पेश किए गए आंकड़े किसी भूचाल से कम नहीं हैं. सरकार ने बताया कि इन 53 भगोड़े आर्थिक अपराधियों ने कर्ज और ब्याज मिलाकर बैंकों के 58,000 करोड़ रुपये दबा रखे हैं. ये वो रसूखदार लोग हैं, जिन्होंने सिस्टम की खामियों का फायदा उठाया और देश से रफूचक्कर हो गए. लेकिन अब कानून का हाथ इन तक पहुंच चुका है.
19,000 करोड़ की वसूली, नीलाम हो रही संपत्तियां
लूट का आंकड़ा जितना बड़ा है, सरकार की कार्रवाई भी उतनी ही सख्त है. ‘गर्दन पकड़ने’ वाली बात सिर्फ कागजी नहीं है. सरकार ने संसद को बताया कि जांच एजेंसियों ने इन भगोड़ों की नाक में दम कर दिया है. अब तक 19,187 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है. इनकी आलीशान हवेलियां, लग्जरी गाड़ियां और बेनामी संपत्तियां जब्त की जा रही हैं और उन्हें बेचकर बैंकों का पैसा वापस लाया जा रहा है.
माल्या की हेकड़ी निकली, 14,000 करोड़ वसूले
कभी ‘किंग ऑफ गुड टाइम्स’ कहलाने वाले विजय माल्या का उदाहरण सबसे बड़ा है. माल्या पर करीब 22,065 करोड़ रुपये का बकाया है. सरकार ने हाथ पर हाथ रखकर बैठने के बजाय माल्या की संपत्तियों को कुर्क कर 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा वसूल भी कर लिए हैं. वहीं, नीरव मोदी, जो 9,656 करोड़ रुपये का कर्जदार है, फिलहाल ब्रिटेन की जेल में सड़ रहा है. उससे भी 545 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं और बाकी के लिए कानूनी फंदा कसता जा रहा है. इसके अलावा स्टर्लिंग बायोटेक के संदेशरा बंधुओं (नितिन और चेतन संदेशरा) को भी बैंकों के साथ सेटलमेंट (समझौता) करने पर मजबूर होना पड़ा है.संदेश साफ: पाई-पाई वसूलने तक रुकेंगे नहीं
संसद में सरकार के तेवर बता रहे हैं कि ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम’ (FEOA) और ‘मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट’ (PMLA) के तहत एजेंसियों को खुली छूट मिली हुई है. 15 बड़े भगोड़ों पर खास नजर है. सरकार का रुख स्पष्ट है चाहे प्रत्यर्पण (Extradition) करना पड़े या संपत्तियां नीलाम करनी पड़ें, देश का पैसा लूटने वालों को चैन से नहीं जीने दिया जाएगा. गर्दन पकड़ ली गई है, अब सिर्फ हिसाब पूरा होना बाकी है.
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Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
December 01, 2025, 18:49 IST

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