ISRAEL IRAN CONFICT: दुश्मन को तौलने में अगर एक बाल बराबर भी चूक हो जाती है तो सामने दिख रही जीत का जोश, बड़े नुकसान के डर में बदल सकता है और जब अपनी ही जमीन पर दुश्मन का हमला डराने लगे तो मतलब यही निकलता है. दुश्मन की सही ताकत को समझने में बड़ी भूल हो चुकी है. ईरान की हाइपरसोनिक मिसाइलों को देखकर आज इज़रायल को भी इस बात का एहसास हो रहा होगा. युद्ध की शुरूआत में बड़े हमले करके तेल अवीव ने जो बढ़त बनाई थी. ईरान अपनी मिसाइलों के दम पर धीरे धीरे उसे कम करने की कोशिश कर रहा है.
पहले इजरायल पड़ा भारी अब ईरान ने बनाई बढ़त
ईरान ने आज फिर तेल अवीव, हाइफा और इजरायल के दूसरे बड़े शहरों पर हमला किया. ईरान की बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलों ने आज भी इज़रायल को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. सुबह बीर्शेबा शहर पर मिसाइल गिरी तो शाम को 25 बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले से इजरायल के 4 शहर दहल गए.
30 फीसदी ताकत में इजरायल बैकफुट पर!
इज़रायल में ईरान के हमलों से अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है, 271 लोग घायल हैं और 8 हजार से ज्यादा लोगों के घर छिन गए हैं. अब तक 30 हजार से ज्यादा इज़रायली नागरिकों ने अपने नुकसान के क्लेम का आवेदन दिया है. ईरान ने अब तक इज़रायल पर 475 मिसाइलें और 1 हजार ड्रोन बरसाए हैं. लेकिन ईरान के IRGC कमांडर मोहसिन रजेई का दावा है कि उनके देश ने अब तक सिर्फ 30 फीसदी सैन्य ताकत दिखाई है.
यानि इज़रायल को अब तक तबाही की पिक्चर का सिर्फ ट्रेलर दिखाया गया है . ईरान के आधे से कम ताकत के इस्तेमाल का इज़रायल पर क्या असर पड़ा है? इजरायल में कितनी तबाही हुई है? इसे दिखाने के लिए हमने एक स्पेशल वीडियो रिपोर्ट तैयार की है. पहले आप इस रिपोर्ट को देखिए, उसके बाद हम आपको बताएंगे कि ईरान की वो कौन सी ताकत है, जिससे पार पाना दुनिया के सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम से लैस इज़रायल के लिए कम से कम इस समय तो मुश्किल ही साबित हो रहा है.
युद्ध की शुरुआत में तेहरान में इज़रायल ने हाहाकार मचाया. लेकिन अब बारी ईरान की मिसाइलों की है .
ईरान की मिसाइलें इज़रायल के लिए बुरा सपना साबित हो रही हैं.
जिसकी गवाही इज़रायल के हाइफा शहर पर बरस रही ये मिसाइलें और शहर में जान बचाने के लिए भाग रहे लोगों की अफरातफरी दे रही हैं.
इजरायल के चार शहरों में ईरान ने एक साथ 25 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं.
आसमान में इजरायल के एयर डिफेंस ने कुछ मिसाइलों को रोक दिया.
लेकिन कई मिसाईलों के धमाके से तेल अवीव, हाइफा, येरुशलम और बीर्शेबा थर्रा गए.
शुक्रवार सुबह ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों ने दक्षिणी इजरायल के बीर्शेबा शहर पर हमला हुआ.
ईरान की मिसाइल माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के नजदीक गिरी. इससे कई कारों में आग लग गई. आस-पास के घरों को भी नुकसान पहुंचा.
यह लगातार दूसरा दिन है, जब बीर्शेबा शहर पर मिसाइल हमला हुआ है.
हमले के बाद आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंची.
और घायलों को लेने के लिए एंबुलेंस
जब आसमान से मिसाइलें बरस रही हैं तो इज़रायल के लोगों को जान बचाने के लिए बंकर और मेट्रो स्टेशनों में शरण लेनी पड़ रही है.
बंकर में रहने वालों की संख्या बढ़ी
ईरान की मिसाइलों के डर के साथ साथ इज़रायल में इस तरह जमीन के नीचे रात बिताने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. इजरायली लोग कह रहे हैं कि हम यहां इसलिए आए हैं क्योंकि हम मिसाइलों से बहुत डरे हुए हैं क्योंकि वो बहुत शक्तिशाली हैं. इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है. ईरान की ये मिसाइलें जहां गिरती हैं. वहां धमाके के साथ आग लगती है. ऐसे हाल की तस्वीरें गाजा की लग सकती हैं लेकिन ये हाल इजरायल के अलग अलग इलाके का हो गया है. जहां ईरानी मिसाइलों के हमले के बाद इमारतें खंडहर बन गई हैं.
ईरान की स्ट्रैटिजी जानिए
इज़रायल के होलोन, रमतगन और रेहोवोत में खंडहर बन रही इमारतों की संख्या बढ़ रही हैं. हाइफा तक ईरानी मिसाइलों ने तबाही मचाई है. ये आलम उस समय पता चला जब ईरान की 475 मिसाइलों में से ज्यादातर को इज़रायल ने मार गिराने का दावा किया. लेकिन अब ईरान उन मिसाइलों के साथ युद्ध को आगे बढ़ा रहा है, जिन्हें टारगेट पर हिट करने से रोकना नामुमकिन है.
ईरान अपने इन हथियारों से इजरायल के उन शहरों को निशाना बना रहा है. जो उसके लिए आर्थिक और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है. ईरान ने आज इजरायल के जिस हाइफा शहर पर हमला किया है. उसे इजरायली अर्थव्यवस्था की लाइफलाइन कहा जाता है. आखिर क्यों हाइफा इजरायल के लिए महत्वपूर्ण है, आपको ये भी जानना चाहिए.
ईरान से खतरा अमेरिका को भी है
हाइफा इजरायल का सबसे बड़ा बंदरगाह है. इस बंदरगाह से सालाना 2 सौ लाख टन कार्गो का आयात और निर्यात होता है. इजरायल के समुद्री व्यापार का 30 प्रतिशत हाइफा से ही होता है. इसके साथ ही साथ हाइफा में इजरायल की बड़ी IT कंपनियां और कुछ बड़ी निर्माण कंपनियां भी स्थित हैं. हाइफा में इजरायली नौसेना का एक बेस भी है. जहां इजरायली नौसेना की पनडुब्बियां, मिसाइल बोट और नौसैनिक कमांडो यूनिट तैनात हैं. यही वजह है कि आज ईरान ने हाइफा पर बड़ा हमला किया.
ईरान की मिसाइलों से खतरा सिर्फ इज़रायल को नहीं, अमेरिका को भी है और यही वजह है कि ईरान और इजरायल में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने चुपचाप कतर में अपने सैन्य अड्डे से विमान हटाने शुरू कर दिए हैं. सैटेलाइट तस्वीरों और फ्लाइट डेटा से इस बात की जानकारी मिली है. दरअसल कतर में मौजूद अमेरिका का ये एयरबेस ईरान की मिसाइलों की रेंज में है. 5 जून से 19 जून के बीच अमेरिका ने कतर में मौजूद अल उदैद एयरबेस से अपने लड़ाकू विमानों को हटा दिया.
मिडिल ईस्ट में अमेरिका के 8 बड़े सैन्य अड्डे
अमेरिका के सारे मिलिट्री बेस ईरानी मिसाइलों की रेंज मे हैं. इसमें ईराक, सीरिया, कुवैत, सऊदी अरब कतर, बहरीन, UAE और ओमान शामिल हैं. आपको ये भी जानना चाहिए मिडिल ईस्ट में मौजूद अमेरिका के किस बेस को ईरान की मिसाइलों से कितना खतरा है. ईरान से सिर्फ महज 800 किलोमीटर दूर ईराक में मौजूद अमेरिका का अन अल असद बेस हाई रिस्क पर है, जिस पर हमले का खतरा काफी ज्यादा है. ईरान से 1000 किमी दूर का सीरिया में मौजूद अल तन्फ बेस पर भी खतरा ज्यादा है.
कुवैत के जिस अरिफजान बेस से अमेरिका ने अपने फाइटर प्लेन हटाए वो भी ईरान से सिर्फ 900 किलोमीटर दूर है. यानी ईरान यहां भी निशाना साध सकता है. सऊदी अरब में मौजूद प्रिंस सुल्तान एयरबेस की ईरान से दूरी 1,200 किलोमीटर है. यहां खतरा कुवैत के मुकाबले थोड़ा कम है. क़तर का अल उदैद बेस ईरान से 1,300 किलोमीटर है. यहां पर मौजूद अमेरिकी हथियार पर खतरा मीडियम कैटेगरी में है.
बहरीन में अमेरिका का फिफ्थ फ्लीट हेडक्वार्टर, ईरान से 1500 किलोमीटर दूर है. यहां भी अमेरिकी हथियारों को ईरानी मिसाइले टारगेट बना सकती हैं. यही वजह है अमेरिका को ईरान पर हमला करने का फैसला लेने में वक्त लग रहा है.