Putin India Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन का पैर मास्को से बाहर पड़ने की भनक लगते ही पश्चिमी देशों की मीडिया अपने एक सूत्रीय कार्यक्रम पर एक्टिव हो जाती है. रूसी रिपोर्ट्स के मुताबिक व्लादिमीर पुतिन के विदेश दौरे का शेड्यूल पता चलते ही उनके खिलाफ प्रोपेगेंडा वॉर की शुरुआत हो जाती है. इस सिलसिले में अपुष्ट सूत्रों के हवाले से पुतिन को लेकर न जाने कहां-कहां के किस्से-कहानियां प्रिंट मीडिया से लेकर डिजिटल प्लेटफार्म्स तक फैलाई जाती हैं. पुतिन का भारत दौरा शुरू होने से पहले एक बार फिर यही एपिसोड रिपीट किया जा रहा है.
जूठ का बाजार गर्म
यूरोप के बाजार से पुतिन को तरह-तरह से निशाना बनाया जाता है. मानो ऐसा करना उनका पुराना शगल हो. इसी भूमिका के बीच पुतिन को लेकर एक बार फिर पश्चिमी मीडिया का बाजार तेजी से गर्म है. पुतिन को लेकर तरह-तरह के झूठ प्रपंच गढ़ने के बाद उन्हीं पुरानी घिसी-पिटी बातों को नई बोतल में पुरानी शराब की तरह पैक करके परोसा जा रहा है. पुतिन से जुड़ी फेक न्यूज़ को बड़े पैमाने पर प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है. पुतिन को निशाना बनाने के लिए उनकी छवि खराब करने के लिए तरह-तरह की मनोहर कहानियां वाले किस्से गढ़े जाते हैं.
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पुतिन से जुड़ी 10 बड़ी अफवाहें
कभी उनके बॉडी डबल की खबरें आती हैं तो कभी उनके किसी गंभीर बीमार से पीड़ित होने की खबरें फैलाई जातीं हैं. कभी उनकी गर्ल फ्रेंड का नाम बताकर उनकी निजी जिंदगी में झांकने की कोशिश होती है तो कभी उनके परिवार के सदस्यों पर निशाना साधा जाता है. वेस्टर्न मीडिया पुतिन को स्वभाव से ही तानाशाह बताती है. पश्चिमी मीडिया पुतिन को साम्राज्यवादी बताती है. बकौल पश्चिमी मीडिया पुतिन, रूस को फिर से सोवियत संघ बनाना चाहते हैं.
इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि पुतिन पूर्व सोवियत क्षेत्रों पर कब्जा करके साम्राज्य बढ़ाना चाहते हैं. इसके पीछे पश्चिमी मीडिया यूक्रेन युद्ध का हवाला देती है. हालांकि द गार्जियन और फॉरेन अफेयर्स जैसे संस्थान इसे मिथक बता चुके हैं, लेकिन पश्चिमी मीडिया में यह प्रमुख नैरेटिव है. ओपेड न्यूज ने भी इसे खारिज किया है.

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