Last Updated:October 28, 2025, 07:44 IST
चुनाव आयोग ने आज से ही बंगाल में एक्शन शुरू कर दिया है. West Bengal SIR: पश्चिम बंगाल में विशेष गहन संशोधन (SIR) की घोषणा के ठीक पहले ममता बनर्जी सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर बड़ा ‘खेला’ खेला है. राज्य सरकार ने 527 अधिकारियों का एक साथ स्थानांतरण कर दिया, जिसमें 67 आईएएस और 460 राज्य सिविल सेवा अधिकारी शामिल हैं. यह कदम चुनाव आयोग के SIR अभियान से ठीक पहले उठाया गया, जिसे विपक्ष ने चुनावी हेरफेर का प्रयास करार दिया. अब आयोग ने तुरंत एक्शन लेते हुए सभी जिलाधिकारियों (DM) के साथ बैठक बुलाई है, जबकि सभी राजनीतिक दलों के साथ भी चर्चा मंगलवार से ही होनी है. ये बैठकें मंगलवार सुबह 10 बजे ही शुरू हो रही हैं.
इस कवायद ने 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले वोटर लिस्ट की सफाई को लेकर तनाव को बढ़ा दिया है. चुनाव आयोग ने सोमवार को SIR के दूसरे चरण की घोषणा की, जिसमें पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं. SIR का उद्देश्य वोटर लिस्ट से फर्जी नाम हटाना, मृत वोटरों को डिलीट करना, दोहरी एंट्री को दूर करना और प्रवासी वोटरों को अपडेट करना है. प्रक्रिया 28 अक्टूबर से तीन नवंबर तक ट्रेनिंग और प्रिंटिंग के साथ शुरू होगी, जबकि घर-घर सर्वे चार नवंबर से चार दिसंबर तक चलेगा. ड्राफ्ट लिस्ट नौ दिसंबर को जारी होगी, दावा-आपत्ति आठ जनवरी 2026 तक और अंतिम लिस्ट सात फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि यह एक्सरसाइज हर योग्य वोटर को शामिल करने और अयोग्य को हटाने के लिए है. बंगाल में कोई विवाद नहीं है, राज्य सरकार अपना सहयोग देगी.
ममता बनर्जी ने किया विरोध
हालांकि, ममता बनर्जी ने SIR को ‘NRC जैसा अभ्यास’ बताते हुए कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने आयोग पर ‘राजनीतिक दबाव’ में काम करने का आरोप लगाया और कहा कि आयोग के अधिकारी हमारे अधिकारियों को धमकियां दे रहे हैं. यह ‘लॉलीपॉप सरकार’ का खेल है. बंगाल में दंगे भड़क सकते हैं. जुलाई से ही ममता का रुख आक्रामक रहा है. उन्होंने बीएलओ की मीटिंग पर नाराजगी जताई कि यह राज्य सरकार को सूचित किए बिना हुई. अक्टूबर में उन्होंने कहा कि आयोग आग के साथ खेल रहा है. उत्तर बंगाल में बाढ़ प्रभावित परिवार दस्तावेज कैसे देंगे. टीएमसी का दावा है कि SIR से 1.2 करोड़ वोटरों को हटाने की साजिश है, जो उनके वोट बैंक को नुकसान पहुंचाएगी.
इन आरोपों के बीच राज्य सरकार ने 14 जिलाधिकारियों समेत प्रमुख अधिकारियों का तबादला कर दिया. प्रभावित जिलों में उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, कूच बिहार, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया, दार्जिलिंग, मालदा, बीरभूम, झारग्राम और पूर्व मिदनापुर शामिल हैं. कई अधिकारी ढाई से चार साल से पद पर थे, जो ECI के तीन साल के नियम का उल्लंघन कर रहे थे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह रूटीन तबादला है, लेकिन SIR शुरू होने के बाद जटिल हो जाता.
भाजपा ने इसे ‘अवैध हेरफेर’ बताते हुए आयोग से शिकायत की है. प्रदेश बीजेपी नेता सिसिर बाजोरिया ने कहा कि आयोग की अनुमति के बिना 235 अधिकारियों का तबादला SIR का उल्लंघन है. 17 डीएम, 22 एडीएम, 45 एसडीओ और 151 बीडीओ का तबादला किया गया है. इसे रद्द किया जाए.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
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First Published :
October 28, 2025, 07:44 IST

13 hours ago
