Last Updated:November 24, 2025, 23:20 IST
पश्चिम बंगाल में बिहार से भी बड़ा खेला हो सकता है. चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बीएलओ ने ग्राउंड से जो रिपोर्ट भेजी है, उससे साफ लग रहा कि बंगाल में 10 लाख से ज्यादा लोगों के नाम कट सकते हैं. इनमें से 6 लाख वे लोग हैं, जो मृत हो चुके हैं.
पश्चिम बंगाल में एसआईआर के दौरान आ रहे आंकड़े चौंकाने वाले.कमलिका सेनगुप्ता
पश्चिम बंगाल में एक दो नहीं बल्कि 10 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब हो सकते हैं. एसआईआर यानी वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के दौरान चुनाव आयोग को बीएलओ की ओर से जो रिपोर्ट मिल रही है, उसने हड़कंप मचा दिया है. News18 को चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शुरुआती आंकड़े बता रहे कि वोटर लिस्ट में लगभग 6 से 6.5 लाख नाम उन लोगों के नाम हैं, जो वर्षों पहले मर चुके हैं. बाकी नाम डुप्लिकेट, दूसरे इलाके में शिफ्ट हुए या फिर ट्रेस न होने वाले मतदाताओं के हैं. साफ है कि इन्हें वोटर लिस्ट से हटाया जाएगा.
कैसे सामने आया 10 लाख नाम?
इलेक्शन कमीशन के सूत्रों ने बताया कि राज्य में बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) ने घर-घर जाकर फॉर्म बांटने और कलेक्ट करने की प्रक्रिया में कई चौंकाने वाली बातें रिपोर्ट कीं. BLO की ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार जो बातें सामने आईं वो चौंकाने वाली हैं. 6 से 6.5 लाख मतदाता मृत पाए गए बड़ी तादाद में डुप्लिकेट वोटर पाए गए कई मतदाता स्थायी रूप से दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके थे कुछ मतदाता ट्रेस ही नहीं हुए, यानी घर ही खाली मिलाइस वजह से इन नामों को SIR के दौरान अनकलेक्टेबल यानी जिन्हें तलाशा नहीं जा सका, उस श्रेणी में डाल दिया है. ये वे वोटर हैं जिनसे फॉर्म न मिलने का कारण या तो मृत होना, घर खाली होना, डुप्लिकेट एंट्री होना या स्थायी तौर पर शिफ्ट होना है.
क्या यह नाम अभी से हटा दिए जाएंगे?
नहीं. चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, यह अभी सिर्फ एक संभावित सूची है. अगर निर्धारित समय में कोई दावा करने आता है, यानी कोई परिवार आकर यह बताता है कि फलां वोटर जिंदा है और नाम सही है तो वह नाम वापस जोड़ दिया जाएगा. लेकिन यह भी सच है कि अगर कोई दावा नहीं हुआ, या दस्तावेज नहीं मिले, तो ये 10 लाख नाम ड्राफ्ट लिस्ट से हटने तय माने जा रहे हैं.
कितना बड़ा है बंगाल में यह अभियान?
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस बार बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया बड़े पैमाने पर की जा रही है. 7.64 करोड़ फॉर्म पूरे राज्य में बांटे गए हैं. 80,600 से ज्यादा BLO लगाए गए हैं. 8,000 सुपरवाइजर और 3,000 असिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर तैनात किए गए हैं. 294 इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर इस अभियान में लगे हैं. इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह राज्य की सबसे बड़ी वोटर-वेरिफिकेशन ड्राइव में से एक है. EC अधिकारियों के अनुसार, 99.75% से अधिक मतदाताओं तक फॉर्म की डिस्ट्रीब्यूशन हो चुकी है. मतलब, 7.66 करोड़ वोटरों में से लगभग हर घर तक फॉर्म पहुंच चुका है. अब तक 3.77 करोड़ फॉर्म ऑनलाइन अपलोड हुए हैं. यह कुल का 49.26% हिस्सा है.
बीएलओ की मौत पर क्या कहा?
जब BLOs की शिकायतों जैसे ज्यादा काम का बोझ के बारे में पूछा गया, तो पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा, हमें शिकायतें मिल रही हैं कि बीएलओ पर बहुत दबाव है और कुछ बीमार भी पड़ रहे हैं. हमने ज़िलाधिकारियों से कहा है कि वे बीएलओ की मदद करें. यह भी रिपोर्ट मिल रही है कि कुछ बीएलओ की मृत्यु हो गई है. हमने चार जिलों के डीएम से पुलिस रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है. ये रिपोर्ट एक-दो दिनों में मिल जाएंगी, जिसके बाद ही हम कोई कार्रवाई कर पाएंगे. इन्हीं रिपोर्ट के आधार पर हम चुनाव आयोग को बता सकेंगे कि बीएलओ की मौत ड्यूटी के दौरान एसआईआर की वजह से हुई या नहीं…
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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Location :
Kolkata,West Bengal
First Published :
November 24, 2025, 23:20 IST

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