Last Updated:November 23, 2025, 10:43 IST
NCERT History Books: इतिहास की किताबों में लगातार कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं. आरएसएस नेता सुनील आंबेकर की मानें तो अब इतिहास की किताबों में टीपू सुल्तान और अकबर के आगे महान शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
NCERT History Books: किताबों में अब किसी भी शासक के कार्यकाल का पूरा इतिहास बताया जाएगानई दिल्ली (NCERT History Books). एनसीईआरटी की इतिहास की किताबों में कुछ बड़े और पॉजिटिव बदलाव किए गए हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक बड़े नेता सुनील आंबेकर ने बताया कि अब मुगल शासक अकबर और मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के नाम के आगे से ‘महान’ (The Great) शब्द हटा दिया गया है. यह फैसला लंबे समय से चल रही उस बहस को आगे बढ़ाता है, जिसमें भारतीय इतिहास को सही और संतुलित नजरिए से दिखाने की मांग की जा रही थी.
इस बदलाव से पुरानी औपनिवेशिक सोच से बाहर निकलने में मदद मिलेगी. आंबेकर ने एक कार्यक्रम में कहा कि NCERT ने कई क्लासेस की किताबों में ये बदलाव लागू कर दिए हैं. कक्षा 9, 10 और 12 की किताबों में ये संशोधन अगले साल से लागू होंगे. इन बदलावों से नई पीढ़ी को इतिहास की पूरी सच्चाई बताने में मदद मिलेगी. RSS नेता ने साफ किया कि किसी भी ऐतिहासिक व्यक्ति को किताबों से पूरी तरह हटाया नहीं गया है. इसके बजाय उनके अच्छे और बुरे.. यानी सकारात्मक और क्रूर, दोनों कामों का सही मूल्यांकन पेश किया गया है.
इतिहास की किताबों में सकारात्मक बदलाव
RSS नेता सुनील आंबेकर के दावे के अनुसार, NCERT की इतिहास की पाठ्यपुस्तकों से अब मुगल शासक अकबर और मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के नाम के साथ जुड़े ‘महान’ जैसे विशेषण हटा दिए गए हैं. यह फैसला इस विचार पर आधारित है कि किसी भी शासक को ‘महान’ कहने से पहले उसके सभी तरह के कामों और भारतीय समाज पर पड़े उनके प्रभाव का निष्पक्ष मूल्यांकन होना चाहिए.
नई पीढ़ी जानेगी सही और संतुलित इतिहास
NCERT ने ये संशोधन नई शिक्षा नीति 2020 के निर्देशों के तहत किए हैं. आंबेकर ने स्पष्ट किया कि इससे इतिहास को सही और संतुलित तरीके से पेश किया जा सकेगा. छात्रों को केवल शासकों की सफलता के बारे में नहीं बताया जाएगा, बल्कि उनके शासनकाल के दौरान हुए क्रूर कृत्यों की जानकारी भी दी जाएगी. इतिहास को सिर्फ प्रशंसा की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि उसका पूरा प्रभाव समझना चाहिए.
किस क्लास की किताबों में हुआ बदलाव?
दावा किया गया है कि NCERT ने कुल 15 कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों में से 11 कक्षाओं की किताबों में ये सकारात्मक बदलाव लागू कर दिए हैं. कक्षा 9, 10 और 12 की किताबों में ये संशोधन अगले शैक्षणिक वर्ष से पूरी तरह से लागू किए जाएंगे. यह बदलाव धीरे-धीरे लागू किया जा रहा है. इससे छात्रों और शिक्षकों को नए सिलेबस के साथ तालमेल बिठाने में आसानी होगी.
प्राचीन भारतीय ज्ञान पर जोर
आरएसएस नेता सुनील आंबेकर ने इतिहास के साथ-साथ भारत के प्राचीन ज्ञान और कौशल के महत्व पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने उदाहरण दिया कि नालंदा विश्वविद्यालय में साहित्य के अलावा 76 तरह के स्किल-बेस्ड कोर्स पढ़ाए जाते थे. यह संकेत देता है कि नए पाठ्यक्रम में प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपराओं और सभ्यतागत मूल्यों को अधिक महत्व दिया जाएगा, जिससे छात्र अपनी विरासत पर गर्व महसूस कर सकें.
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें
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First Published :
November 23, 2025, 10:43 IST

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