बांग्‍लादेश संकट ने बता दिया भारत में CAA जरूरी क्‍यों? खतरा छोटा तो नहीं!

1 month ago

श्रेयश शर्मा
बांग्‍लादेश से शेख हसीना के भागने के बाद वहां हालात और खराब होते जा रहे हैं. अल्‍पसंख्‍यकों खासकर ह‍िन्‍दुओं पर हमले क‍िए जा रहे हैं. उनकी बहन-बेटियों के साथ बर्बारता की सारी हदें पार की जा रही हैं. उन पर टारगेटेड हमले हो रहे हैं. वे बांग्‍लादेश से भागकर कहीं जा भी नहीं सकते. बीते चार दिन से लाखों की संख्‍या में ह‍िन्‍दू समुदाय के लोग ढाका में प्रदर्शन कर रहे हैं. अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. यह सबकुछ इस बात का सबूत है क‍ि भारत के पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्‍पीड़न की वजह से बेहाल लोगों को कोई तो सुरक्ष‍ित ठ‍िकाना चाह‍िए. भारत ऐसे ही लोगों के ल‍िए नागर‍िकता संशोधन कानून यानी CAA की बात करता है.

बांग्‍लादेश का विरोध प्रदर्शन स्‍टूडेंट्स की लीडरश‍िप में शुरू हुआ. मांग थी आरक्षण को खत्‍म करने की, लेकिन इसने एक भयावह मोड़ तब ले ल‍िया जब बांग्‍लादेश की विपक्षी पार्टी और कट्टरपंथी समूह जमात-ए-इस्लामी उनके साथ आकर खड़ी हो गई. नतीजा, वह अपना मकसद साधने लगी और ह‍िन्‍दुओं को निशाना बनाकर हमले क‍िए जाने लगे. टार्गेटेड क‍िल‍िंग की गई है. अभी भी खौफ का माहौल ऐसा बना है क‍ि तमाम ह‍िन्‍दू पर‍िवार अपने घर नहीं लौटना चाहते. ढाका ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट के मुताबिक, ढाका में प्रदर्शन कर रहे ह‍िन्‍दुओं की मांग है क‍ि उनकी सुरक्षा की जाए. उन्‍हें सेना का संरक्षण दिया जाए.

जमात-ए-इस्लामी का एजेंडा तो जान लीजिए
जमात-ए-इस्लामी इस दौड़ में सबसे बड़े व‍िपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी से भी आगे निकल गई है. परेशान करने वाली बात ये है क‍ि जमात-ए-इस्लामी का बांग्‍लादेश के अस्‍त‍ित्‍व का ही विरोध करने वाली ताकतों के साथ गठबंधन है. बांग्‍लादेश की आजादी से पहले से वह अलग देश बनाने का विरोध करती रही है. यहां तक क‍ि जब बांग्‍लादेश मुक्‍त‍ि संग्राम चल रहा था, तब भी उसने पाक‍िस्‍तान सेना का सहयोग क‍िया. उसकी वेबसाइट पर गर्व से लिखा है क‍ि वह चाहती है क‍ि इस्‍लामिक कानून, व्‍यवस्‍था लागू की जाए. यही उसका मिशन है.

तालिबान के झंडे लहराना…
बांग्‍लादेश प्रोटेस्‍ट के दौरान तालिबान के झंडे लहराना इस बात का स्‍पष्‍ट सबूत है क‍ि जमात-ए-इस्‍लामी का झुकाव क‍िस ओर है. उनके एजेंडे में वही बातें हैं, जो ताल‍िबान कहता रहा है. दोनों के बीच स्‍पष्‍ट समानताए हैं. अगर उनकी ताकत बांग्‍लादेश में और बढ़ती है, तो निश्च‍ित तौर पर बांग्‍लादेश का सामाज‍िक तानाबाना टूटेगा. कई तरह के खतरे पैदा होंगे. अल्‍पसंख्‍यकों पर हमले और बढ़ेंगे. मुहम्‍मद यूनुस ने बांग्लादेश में अंतरिम राष्ट्राध्यक्ष के रूप में शासन संभाल ल‍िया है. लेकिन उनके ल‍िए जमात-ए-इस्‍लामी पर काबू पाना आसान नहीं होगा. राजनीत‍िक और साम्‍प्रदाय‍िक तनाव से निपटना होगा. बांग्‍लादेश के भव‍िष्‍य को भी बचाना होगा.

क्‍या कहता है सीएए
भारत का संशोध‍ित नागर‍िकता कानून कहता है क‍ि हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अगर प्रताड़ना की वजह से भारत आए हैं, तो उन्‍हें शरण दी जाएगी. उन्‍हें सिर्फ ये साबित करना होगा क‍ि वे पाक‍िस्‍तान, अफगान‍िस्‍तान या बांग्‍लादेश से आए हैं. 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले जो भी भारत आ चुके हैं, उनके ल‍िए यह कानून लाया गया है. अब तक इस कानून के तहत लोगों को नागर‍िकता भी दी जा रही है. ऐसे में आगे बांग्‍लादेश से आने वाले हिंदूओं को भी इसमें शामिल करने की मांग उठ सकती है.

Tags: Bangladesh news, CAA Law, CAA protest, Sheikh hasina

FIRST PUBLISHED :

August 11, 2024, 15:57 IST

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