बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर अंतरिम सरकार का पहला बयान, जानें क्या कहा?

1 month ago

Attacks on Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार का कहना है कि वह हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए काम कर रही है. अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक अंतरिम कैबिनेट ने गुरुवार रात अपने सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद रविवार को अपने पहले आधिकारिक बयान में कहा, 'कुछ स्थानों पर धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों को गंभीर चिंता के साथ देखा गया है.'

कैबिनेट ने कहा कि वह टइस तरह के जघन्य हमलों को हल करने के तरीके खोजने के लिए प्रतिनिधि निकायों और अन्य संबंधित समूहों के साथ तुरंत बैठक करेगी.'

मीडिया रिपोट्स के मुताबिक हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे हमलों को लेकर बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के नेता मुहम्मद यूनुस ने सोमवार को हिंदू छात्रों और युवाओं के साथ एक मीटिंग कर सकते हैं. संभावित बैठक में मौजूदा संकट को हल करने और हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर केंद्रित होगी.

शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद हुए हिंदूओं पर हमले
पीटीआई भाषा के मुताबिक बांग्लादेशी हिंदुओं को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और सोमवार को भारत भाग जाने के बाद हिंसा और लूटपाट का सामना करना पड़ रहा है. कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई है. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेता हिंसा में मारे गए हैं.

बांग्लादेश की राजधानी ढाका और उत्तर-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव में शनिवार को लगातार दूसरे दिन अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के हजारों सदस्यों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने देश भर में मंदिरों, उनके घरों और व्यवसायों पर हमलों के बीच सुरक्षा की मांग की.

प्रदर्शन कर रहे हिंदू समुदाय के लोग अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाने में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायाधिकरणों की स्थापना, अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीट, अल्पसंख्यक संरक्षण कानून लागू करने आदि की मांग कर रहे थे.

52 जिलों में उत्पीड़न की 205 घटनाएं
‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार के अनुसार अल्पसंख्यकों के अधिकारों की वकालत करने वाले एक प्रमुख संगठन, बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद ने मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद यूनुस को एक खुला पत्र जारी किया है. इसमें पांच अगस्त को शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से 52 जिलों में उत्पीड़न की 205 घटनाओं का विवरण दिया गया है.

शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने आठ सूत्री मांगपत्र प्रस्तुत किया. इसमें अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों पर मुकदमों में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायाधिकरणों की स्थापना, पीड़ितों को मुआवजा तथा अल्पसंख्यक संरक्षण कानून को तत्काल लागू करना शामिल है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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