Last Updated:June 16, 2025, 15:42 IST
पाकिस्तान मूल का नागरिक अजाद मलिक पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी नागरिक बनकर रह रहा था. ईडी की तफ्तीश में खुलासा हुआ कि गिरफ्तार आरोपी का कनेक्शन हवाला था. वह पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश उसके बाद पाकिस्तान सहित कई...और पढ़ें

पाकिस्तान का शख्स भारत में बांग्लादेशी बनकर रह रहा था. (Image:AI)
हाइलाइट्स
पाकिस्तानी नागरिक अजाद मलिक पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी बनकर रह रहा था.ईडी की जांच में हवाला नेटवर्क और फर्जी दस्तावेज का खुलासा हुआ.अजाद मलिक भारत-बांग्लादेश के बीच अवैध पैसों का लेन-देन करता था.कोलकाता. ईडी ने पाकिस्तानी नागरिक अजाद मलिक के खिलाफ कोर्ट में आरोप-पत्र दायर किया. जांच में उसके फर्जी दस्तावेज और हवाला नेटवर्क का खुलासा हुआ. प्रवर्तन निदेशालय (ED), कोलकाता जोनल ऑफिस ने पाकिस्तानी नागरिक अजाद मलिक उर्फ अहमद हुसैन अजाद उर्फ अजाद हुसैन के खिलाफ 13 जून 2025 को कोलकाता स्थित विशेष पीएमएलए कोर्ट में अभियोजन शिकायत (Prosecution Complaint) दायर की है. अदालत ने आरोपी को प्री-कॉग्निज़ेंस नोटिस जारी करते हुए सुनवाई की अगली तारीख तय कर दी है.
ईडी ने यह जांच पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 और 14A के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. 15 अप्रैल 2025 को हुई तलाशी के दौरान अजाद मलिक को भारत में बिना वैध दस्तावेजों के पाया गया और अवैध प्रवासियों के लिए भारतीय पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज़ पैसे लेकर तैयार कराने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया. उसे शुरुआत में बांग्लादेशी नागरिक माना जा रहा था. उसे पीएमएलए की धाराओं में गिरफ्तार कर 14 दिन तक ईडी की हिरासत में रखा गया और फिलहाल वह जेल में है.
ईडी की जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि अज़ाद मलिक उर्फ अहमद हुसैन अज़ाद दरअसल एक पाकिस्तानी नागरिक (Pakistani Citizen) है. उसके मोबाइल फोन से पाकिस्तान का ड्राइविंग लाइसेंस बरामद हुआ है, जो 1994 में पाकिस्तान के हैदराबाद में जारी हुआ था. इसमें उसका नाम अज़ाद हुसैन, पिता का नाम मुमताज़-उल-हक़ और स्थायी पता पाकिस्तान दर्शाया गया है. जन्मतिथि 14 अगस्त 1971 दर्ज है.
भारत में पहचान छुपाने के लिए उसने अज़ाद मलिक नाम से आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी और पासपोर्ट जैसे कई भारतीय दस्तावेज फर्जी और जालसाजी के ज़रिए बनवाए थे. जांच में यह भी पता चला कि आरोपी भारत-बांग्लादेश के बीच हवाला के जरिए अवैध पैसों का लेन-देन करता था. वह नकद और UPI के जरिए भारत में पैसे इकट्ठा कर उन्हें बांग्लादेश में Bkash जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए ट्रांसफर करता था. वह बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी वीजा और पासपोर्ट दिलाने में भी सक्रिय रूप से शामिल था, जो दुबई, कंबोडिया और मलेशिया जैसे देशों की यात्रा करना चाहते थे.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें
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Location :
Kolkata,West Bengal