बाढ़ में बहे, पेड़ से थमे, 30KM पैदल और कंधों पर उठाकर लोग लाए अस्पताल

7 hours ago

Last Updated:July 04, 2025, 08:23 IST

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सैलाब में बहे बिशन सिंह को गांव वालों ने कंधों पर उठाकर 30 किमी पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया. बिशन सिंह की टांग टूट गई है और उनका उपचार चल रहा है.

बाढ़ में बहे, पेड़ से थमे, 30KM पैदल और कंधों पर उठाकर लोग लाए अस्पताल

घायल बिशन सिंह को अपने कंधों पर उठाकर लोगों ने सड़कमार्ग तक पहुंचाया है.

हाइलाइट्स

बिशन सिंह को गांव वालों ने 30 किमी पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया.बिशन सिंह की टांग टूट गई है और उनका उपचार चल रहा है.सराज घाटी में आपदा के बाद बिजली और संचार सुविधा नहीं है.

मंडी.  हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की सराज घाटी में सदी की सबसे बड़ी आपदा आई है. आपदा में लोगों ने जहां अपनों को खो दिया है. वहीं, घर-बार और रोजगार सब खत्म हो गया. हालांकि, कुछ ऐसी खबरें भी घाटी के आपदा प्रभावित क्षेत्र से आ रही हैं जो लोगों ने अदम्य साहस की कहानी बयां करती है. कुछ ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां पर सैलाब में बहे घायल बिशन सिंह को अपने कंधों पर उठाकर लोगों ने सड़कमार्ग तक पहुंचाया है.

घायल बिशन सिंह को लोगों ने कुर्सी पर बिठाया और फिर कंधे पर उठाकर करीब 30 किलोमीटर का पैदल चलकर बगस्याड पहुंचाया. यहां से परिवार उन्हें निजी गाड़ी में मंडी लाया है. अब बिशन का जोनल हास्पिटल मंडी में उपचार चल रहा है. बिशन सिंह थुनाग उपमंडल के निहरी गांव के रहने वाले हैं.

मंडी में जोनल अस्पताल में भर्ती बिशन सिंह बताते हैं कि 30 जून की रात को उनके परवैड स्थित घर के साथ बहती बाखली खड्ड में भयंकर बाढ़ आ गई. घर के साथ बहते नाले ने भी रौद्र रूप धारण कर दिया. परिवार के 6 लोग यहीं पर मौजूद थे जबकि साथ लगते पॉलीहाउस में पश्चिम बंगाल का दंपति मजदूरी करने के लिए इनके पास रह रहा था. जैसे ही घर पानी से घिर गया तो ये सभी जान बचाने के लिए भागे. इतने में बिशन सिंह दलदल में फंस गया और फिर बह गए. बाद में वह किसी तरह पेड़ की टहनी पकड़ने से थम गए. बाद में परिवार के लोगों ने मुश्किल से बिशन सिंह को बाहर निकाला. बिशन सिंह ने बताया कि खुले आसमान के नीचे बारिश के बीच रात गुजारने के बाद सुबह होने पर जब पानी का स्तर घटा तो फिर निहरी स्थित पुराने घर पर चले गए. वह बताते हैं कि पश्चिम बंगाल का दंपति इनके पास रह रहा था, उसमें महिला बाढ़ के पानी में बह गई है जिसका अभी तक कोई पता नहीं चल सका है.

बिशन सिंह ने बताया कि खुले आसमान के नीचे बारिश के बीच रात गुजारने के बाद सुबह होने पर जब पानी का स्तर घटा तो फिर निहरी स्थित पुराने घर पर चले गए.

30 किलोमीटर तक पैदल चले गांव के लोग

बिशन सिंह के बेटे पारस ने बताया कि 2 दिनों तक स्थानीय डॉक्टर द्वारा दर्द की दवाएं दी गई और आज जब मौसम साफ हुआ तो गांव के 30 से 35 लोगों ने उसके पिता को कुर्सी की पालकी बनाकर उन्हें कंधे पर उठाया और अस्पताल की तरफ निकल पड़े. सुबह घर से निकलकर 30 किलोमीटर तक लगातार पैदल चलने के बाद शाम के समय बगस्याड पहुंचे और वहां से निजी गाड़ी के माध्यम से जोनल हास्पिटल मंडी ले आए हैं. बिशन सिंह की टांग टूट गई है और अब जोनल हास्पिटल में उसका उपचार चल रहा है. बेटे ने बताया कि उस दिन रात एक बजे से सुबह तक वह सैलाब के बाद खुले आसमान के नीचे रहे.

बिशन सिंह के बेटे पारस ने बताया कि 2 दिनों तक स्थानीय डॉक्टर द्वारा दर्द की दवाएं दी गई.

किससे मांगते मदद, घाटी में नहीं है कोई कनेक्टिविटी

पारस ने बताया कि सराज घाटी में आपदा के बाद से न तो बिजली है और न ही संचार सुविधा. सड़कों की बात ही क्या पैदल चलने के लिए भी रास्ते नहीं बचे हैं. ऐसे में मदद के लिए किससे गुहार लगाते. सराज सारा खत्म हो गया है. इसलिए गांव वालों ने खुद ही कंधे पर उठाकर ले जाना उचित समझा क्योंकि पिताजी को उपचार की जरूरत थी.

Vinod Kumar Katwal

13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...और पढ़ें

13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...

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Location :

Mandi,Himachal Pradesh

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